- इस व्यवस्था से हर कोई सकते में, कैंपस को भी नहीं बनाया सेंटर

BAREILLY: पिछले 7 वर्षो में यह तीसरी बार था जब उत्तर प्रदेश कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (यूपीसीपीएमटी) के पेपर को लीक की वजह से रद कर दिया गया। संडे को 9 बजे से टेस्ट स्टार्ट होना था। इससे पहले ही डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने लीक की आशंका को देखते हुए पेपर का बंडल ना खोले जाने के निर्देश दिए गए। जबकि स्टूडेंट्स एग्जाम रूम में पेपर स्टार्ट होने का वेट कर रहे थे। करीब एक घंटे के बाद स्टूडेंट्स को बताया कि पेपर लीक हो गया है और उसे कैंसिल कर दिया गया है। टेस्ट अब ख्0 जुलाई को कंडक्ट कराया जाएगा। इस बारे में वेबसाइट पर इंफॉर्मेशन दे दी जाएगी।

फ्,ख्00 स्टूडेंट्स होने थे अपीयर

बरेली में यूपीसीपीएमटी के लिए 8 सेंटर्स बनाए गए थे। आरबीएमआई, श्री राम मूर्ति के दो सेंटर, प्रेम प्रकाश गुप्ता, फ्यूचर, इन्वर्टिस, केसीएमटी और महाराजा अग्रसेन में स्टूडेंट्स सुबह ही एग्जाम देने पहुंच गए। करीब फ्,ख्00 स्टूडेंट्स को टेस्ट देना था। सुबह 9 बजे से एग्जाम होना था और सभी स्टूडेंट्स बेसब्री से टेस्ट स्टार्ट होने का वेट कर रहे थे। जब क्भ् मिनट गुजर गया तो स्टूडेंट्स टेस्ट स्टार्ट करने की क्वेरी करने लगे। उन्हें पेपर लेट होने का हवाला देकर बिठा दिया गया। इसके बाद स्टूडेंट्स की बेसब्री का बांध टूटने लगा। कई सेंटर पर स्टूडेंट्स के थोड़ा भड़के भी। करीब एक घंटे के बाद स्टूडेंट्स को पेपर लीक होने की सूचना दी गई।

रास्ते में थे तभी मना कर दिया

सीपीएमटी के पेपर्स एसबीआई बैंक के स्ट्रॉन्ग रूम में रखे गए थे। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस निगरानी में सेंटर्स पर पेपर ले जाया जा रहा था तभी रास्ते में ही उन्हें पेपर का बंडल ना खोले जाने की इंफॉर्मेशन दी गई। डीएम संजय कुमार ने बताया कि करीब 8:ब्भ् मिनट पर शासन से पेपर बांटने के लिए मना कर दिया गया। इसके बाद यह इंफॉर्मेशन सभी सेंटर्स पर पहुंचा दी गई। स्टूडेंट्स हंगामा ना करें, इसके लिए उन्हें शांति से सेंटर्स के अंदर जाने दिया गया और बादे में उन्हें इस बात की इंफॉर्मेशन दी गई।

पहली बार की थी व्यवस्था

पहली बार इस एग्जाम के लिए सिटी में कुछ ऐसी व्यवस्था की गई थी, जिसको लेकर हर कोई सकते में हैं। इस बार यूपीसीपीएमटी के लिए यूनिवर्सिटी को इनवॉल्व नहीं किया गया। इस संबंध में यूनिवर्सिटी को कोई इंफॉर्मेशन भी नहीं दी गई। लखनऊ स्थिति केजीएमयू की टीम डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस की मदद से खुद ही एग्जाम की सारी व्यवस्था मैनेज करने में जुटी थी। आरयू के इंट्रेंस एग्जाम सेल के चीफ कोऑर्डिनेटर प्रो। वीपी सिंह ने बताया कि यह हैरान कर देने वाली बात है। पहली बार आरयू को इनवॉल्व नहीं किया गया और कैंपस को सेंटर भी नहीं बनाया गया। उन्होंने बताया कि पहले कोऑर्डिनेटर बनाने के लिए केजीएमयू की तरफ से नाम मांगा गया था तब उनका और रजिस्ट्रार का नाम भेज दिया गया था, लेकिन उसके बाद केजीएमयू ने कभी कॉन्टेक्ट नहीं किया।

Posted By: Inextlive