ना सेंटर्स का पता ना स्टूडेंट््स का
- दो हफ्ते बाद हैं आरयू के मेन एग्जाम्स
- स्टूडेंट्स और सेंटर्स कुछ भी नहीं हुए फाइनल BAREILLY: आरयू गलती करता जाता है उसके निशान पीछे छोड़ते चला जाता है, लेकिन उन गलतियों से कभी सीख नहीं लेता। खासकर एग्जाम्स सिस्टम को रेगुलराइज करने को लेकर। 2 हफ्ते के बाद मेन एग्जाम्स स्टार्ट होने वाले हैं, पर अभी तक इसकी तैयारियों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सेंटर्स तो दूर की बात है कितने स्टूडेंट्स एग्जाम्स में बैठेंगे, इसकी डिटेल भी आरयू को पता नहीं है। आलम यह है कि अभी तक स्टूडेंट्स से एग्जाम्स फॉर्म्स जमा कराए जा रहे हैं। कॉलेजेज को भी यह फाइनली नहीं पता है कि उनके यहां पर कितने स्टूडेंट्स एग्जाम्स में अपीयर होंगे। अक्सर होती है गड़बड़ीआरयू के मेन एग्जाम्स के दौरान गड़बडि़यों का होना शगल बन गया है। अचानक एग्जाम्स के दिन बिना इंफॉर्मेशन के कई स्टूडेंट्स एग्जाम देने पहुंच जाते हैं। एग्जाम्स स्टार्ट होने से पहले क्वेश्चंस पेपर शॉर्ट पड़ जाते हैं। कभी-कभार उस सब्जेक्ट का क्वेश्चन पेपर का बंडल खोल दिया जाता है जिसका एग्जाम बाद में होता है। एग्जाम के दिन तक सैकड़ों स्टूडेंट्स के एडमिट डिलिवर नहीं किए जाते। एग्जाम के दौरान ही स्कीम बदल दी जाती है। इन सब गड़बडि़यों के बावजूद आरयू कोई ठोस कार्यप्रणाली नहीं बनाता।
Students-centres फाइनल नहीं 6 मार्च से यूजी और 7 मार्च से पीजी के मेन एग्जाम्स स्टार्ट होने हैं। लेकिन अभी तक एग्जाम्स में बैठने वाले स्टूडेंट्स की संख्या को फाइनल नहीं किया गया है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 5 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स मेन एग्जाम्स में अपीयर होते हैं। इनमें से 3 लाख प्राइवेट स्टूडेंट्स की संख्या होती है। आरयू ने ना तो लिस्ट फाइनल की है और ना ही कॉलेजेज को इंफॉर्म किया है। इसके अलावा अभी तक यह भी फाइनल नहीं हुआ कि कितने सेंटर्स पर एग्जाम कंडक्ट किया जाएगा। अमूमन 150 सेंटर्स बनाए जाते हैं। केवन उन्हीं कॉलेजेज को कॉपियां पहुंचाई जा रही हैं जो परमानेंट सेंटर्स हैं। Colleges में भी तैयारी नहींआरयू की सुस्त चाल की वजह से कॉलेजेज में भी एग्जाम्स की तैयारियों पर ब्रेक लगा हुआ है। अभी सैकड़ों स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड जारी नहीं हुए हैं। इस वजह से कॉलेज में एडमिट कार्ड भी नहीं बांटे गए हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स की लिस्ट फाइनल ना होने की वजह से कॉलेजेज को यह मालूम नहीं है कि वे अपने यहां कितने स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था करें। सबसे ज्यादा प्रॉब्लम्स प्राइवेट स्टूडेंट्स से होती है। अक्सर एग्जाम्स के दौरान सैकड़ों स्टूडेंट्स अचानक सुबह एग्जाम देने पहुंच जाती हैं, जिसकी इंफॉर्मेशन कॉलेज को नहीं होती।
Centres बनाने में होता है खेल दरअसल सेंटर्स फाइनल ना करने के पीछे कुछ और ही कहानी है। सोर्सेज की मानें तो सेंटर्स बनाने के लिए कॉलेज मैनेजमेंट आरयू के कर्मचारियों व अधिकारियों के चक्कर काट कर रहे हैं। इसके लिए वे हर दाव लगा रहे हैं। सेंटर्स बनाने को लेकर एडमिनिस्ट्रेशन में धमाचौकड़ी मची हुई है। इसके चलते सेंटर्स अभी फाइनल नहीं हो पाए हैं। डिप्टी रजिस्ट्रार वीएन सिंह ने बताया कि सेंटर और स्टूडेंट्स लिस्ट को फाइनल करने के लिए काम तेजी से चल रहा है। अभी तक जमा हो रहे formsस्टूडेंट्स फाइनल भी कैसे हों जेब भरने के चक्कर में अभी तक आरयू में एग्जाम्स फॉर्म्स जमा किए जा रहे हैं। आरयू की यही कार्यप्रणाली लेट फीस लेकर वह एग्जाम्स के एक दिन पहले तक फॉर्म जमा कर स्टूडेंट को अपीयर होने से ओके कर देता है। प्राइवेट और एक्स स्टूडेंट्स ख्ख् फरवरी तक भ्,000 लेट फीस के साथ कॉलेज में फॉर्म जमा कर सकते हैं, जबकि ख्भ् तक आरयू में। जो मेन एग्जाम ख्0क्फ् में फेल हो गए थे वे भ्00 रुपए लेट फीस के साथ फॉर्म जमा कर सकते हैं।