छात्राओं को देना है बयान लेकिन कमेटी का पता नहीं
- बयान दर्ज कराने गई छात्राओं को बैरंग वापस आना पड़ा
- वीसी ने कमेटी गठित करने का आदेश तो दिया लेकिन कमेटी का कुछ पता नहीं BAREILLY: आरयू की एमएससी एप्लाइड केमेस्ट्री छात्राएं काफी समय से दो टीचर्स का शोषण झेल रही थीं। अपने वरिष्ठ शिक्षकों को कंप्लेन करतीं तो वे इसे मामूली बात कहकर टाल देते। छात्र संगठन का सहारा मिला तो उन्होंने खुलकर अपनी शोषण की व्यथा बताई। लेकिन अब जब वह न्याय के लिए आवाज उठा रही हैं तो इसके लिए भी उन्हें शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। छात्राओं को शोषण के संबंध में कमेटी के समक्ष बयान दर्ज कराना है लेकिन आरयू में कमेटी का अता-पता नहीं। छात्राएं कमेटी की अध्यक्ष के पास गई तो लेकिन उन्हें वहां से बैरंग वापस लौटना पड़ा। दस दिन में देना था रिपोर्टएमएससी एप्लाइड केमेस्ट्री के स्टूडेंट्स के साथ दो टीचर्स के खिलाफ शोषण करने के गंभीर आरोप हैं। इसके विरोध में स्टूडेंट्स ने पहले प्रोवीसी प्रो। वीपी सिंह और फिर बाद में वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन का घेराव किया। वीसी ने इस संबंध में डीएसडब्ल्यू प्रो। नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में पांच टीचर्स की जांच कमेटी गठन कर जाचं के आदेश दिए थे। वीसी ने कमेटी को क्0 दिनों रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे।
कहां कमेटी है थर्सडे को छात्राओं को प्रो। नीलिमा के समक्ष अपना बयान दर्ज कराना था। जब वे वहां पर पहुंची तो चौंकाने वाली बात पता चली। वीसी ने कमेटी का गठन करने का आदेश तो दिया था लेकिन कमेटी का अभी कुछ अता-पता नहीं है। प्रो। नीलिमा ने बताया कि कमेटी के बाबत उन्हें कोई निर्देश नहीं मिले हैं।