- आरयू के मेन एग्जाम्स में बिक रहे हैं गुरुजी के इंपोर्टेट क्वेश्चंस

- स्टूडेंट्स लीडर्स इसके बदले कर रहे हैं मोटी कमाई

BAREILLY:

गुरुजी के ज्ञान पर 'शिष्यों'ं के चांदी काटने का मामला सामने आ रहा है। गुरुजी अपने ज्ञान से शिष्यों की मदद कर रहे हैं तो शिष्य गुरुजी के ज्ञान पर 'दक्षिणा' वसूल कर रहे हैं। दरअसल, मामला यह है कि आरयू यूनिवर्सिटी में एग्जाम के इस सीजन में स्टूडेंट्स के बीच में इंपोर्टेस क्वेश्चन की जबरदस्त डिमांड है। बस, इसी डिमांड को फायदा उठाकर कुछ स्टूडेंट्स लीडर्स गुरुजी के इंर्पोटेंट सवालों पर वसूली कर रहे हैं।

ज्यादातर स्टूडेंट्स का पूरा फोकस

एग्जाम्स से पहले और उसके दौरान स्टूडेंट्स इंपोर्टेट नोट्स, गेस पेपर और बुक्स की चुनिंदा टॉपिक्स पर फोकस करते हैं। यह ऐसा समय होता है जब स्टूडेंट पूरा कोर्स नहीं पढ़ पाते हैं। इसलिए वह चुनिंदा टॉपिक्स को ही पढ़ते हैं, लेकिन आरयू के मेन एग्जाम्स में पढ़ने की बजाय स्टूडेंट्स का पूरा फोकस इंपोर्टेट सवालों को पाने की जुगत में लगा रहता है।

इंपोर्टेट क्वेश्चंस की सबसे ज्यादा डिमांड

यहां पर स्टूडेंट्स के लिए बुक्स, गेस पेपर और इंपोर्टेट नोट्स मायने नहीं रखते। स्टूडेंट्स के बीच इंपोर्टेट क्वेश्चंस सबसे ज्यादा डिमांड में हैं। यह क्वेश्चंस कोई और नहीं स्टूडेंट्स लीडर प्रोवाइड कराते हैं। इससे एक तरफ जहां वे स्टूडेंट्स के बीच अपनी इंपोर्टेट इमेज क्रिएट करते हैं तो दूसरी तरफ काफी ऐसे भी हैं जो इससे मोटी कमाई भी कर रहे हैं।

इंपोर्टेंट क्वेश्चंस पाने की होड़

आरयू के मेन एग्जाम्स 9 मार्च से स्टार्ट हो गए हैं। एमए इंग्लिश, बीकॉम समेत कुछ सब्जेक्ट्स के एग्जाम्स खत्म हो गए हैं तो दूसरी तरफ बीए, बीएससी, एमएससी, एमए के कई सब्जेक्ट्स के एग्जाम्स कंडक्ट होना बाकी है। इस समय स्टूडेंट्स के बीच नोट्स से ज्यादा इंपोर्टेट क्वेश्चंस पाने की सबसे ज्यादा होड़ मची हुई है। स्टूडेंट्स इसी फिराक में हैं कि किसी तरह कुछ इंपोर्टेट क्वेश्चंस मिल जाएं, जो एग्जाम्स में फंस सकते हैं। उनके आंसर तो वे किसी तरह से मैनेज कर ही लेंगे। इसके लिए स्टूडेंट्स टीचर्स से लेकर स्टूडेंट्स लीडर्स तक से कॉन्टेक्ट कर रहे हैं।

स्टूडेंट्स लीडर्स की भी डिमांड बढ़ी

इन क्वेश्चंस को प्रोवाइड करने का काम अधिकांश स्टूडेंट्स लीडर्स कर रहे हैं। जो स्टूडेंट्स कॉलेज के टीचर्स से कोचिंग पढ़ते हैं वे तो उन्हें इंपोर्टेट दे ही देते हैं। बाकी स्टूडेंट्स क्वेश्चंस के लिए स्टूडेंट्स लीडर्स का चक्कर काट रहे हैं। खासकर प्राइवेट स्टूडेंट्स जिनके पास न बुक्स होती है और न ही उनके लिए क्लास लगती है। ऐसे में स्टूडेंट्स लीडर्स की भी डिमांड काफी बढ़ी है। इंपोर्टेट क्वेश्चंस प्रोवाइड कराने के बहाने वे स्टूडेंट्स पर रौब भी गांठते हैं।

रकम भी वसूल रहे

इन स्टूडेंट्स लीडर्स में अधिकांश ऐसे भी हैं जो स्टूडेंट्स से मोटी रकम वसूलने में लगे हैं। स्टूडेंट्स भी मजबूर हैं। एग्जाम्स के समय उन्हें इंपोर्टेट क्वेश्चंस के लिए वे रकम देने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। स्टूडेंट्स लीडर्स एक क्वेश्चन पेपर के लिए ख्भ्0 से भ्00 रुपए तक वसूल रहे हैं। स्टूडेंट्स के उपर है, जैसा वे छात्रनेताओं के झांसे में फंस जाएं। वे इन इंपोर्टेंट क्वेश्चंस को डिपार्टमेंट के ही टीचर्स से अरेंज करते हैं। टीचर्स भी उनके दबाव में प्रोवाइड करा ही देते हैं। यही नहीं कुछ स्टूडेंट्स लीडर्स तो गेस पेपर के इंपोर्टेट आंसर्स तक मार्क करा लेते हैं। लॉन्ग क्वेश्चंस, शॉर्ट क्वेश्चंस यहां तक कि ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस तक भी वे प्रोवाइड करा रहे हैं।

Posted By: Inextlive