- आरटीओ ऑफिस में आगे नहीं पीछे के रास्ते से दलाली

- आरआई का काम करते हैं दलाल और फर्जी कर्मचारी

- ऑफिसर्स के दावे व निर्देश कागजों तक ही सीमित

BAREILLY: पिछले दिनों आई नेक्स्ट ने आरटीओ ऑफिस में चल रहे दलाली के खेल का प्रमुखता से पब्लिश किया था। खबर के बाद डीएम, एडीएम सिटी और कैंट थाने तक एक्टिव हो गए। पर ऑफिसर्स ने हवा हवाई कार्रवाई कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, लेकिन आरटीओ ऑफिस में दलाली का खेल अब भी बदस्तूर जारी है। बस बदला है तो दलाली करने का फंडा। आइए हम बताते है क्या है फर्जी कर्मचारियों और दलालों का यह नया फंडा।

आरआई के काम कर रहे दलाल

यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि जो काम आरआई को करना चाहिए वह काम आरटीओ ऑफिस में दलाल कर रहे हैं। रजिस्ट्रेशन और फिटनेस जांच के दौरान डॉक्यूमेंट पर चेचिस नंबर लिखने का काम भी दलाल कर रहे हैं। इस काम के लिए वाहन ओनर्स को जेब ढीली करनी पड़ती है, जबकि रूल्स के अकॉर्डिग आरआई को मौके पर पहुंच कर जांच करनी चाहिए, ताकि डॉक्यूमेंट में दर्ज होने वाले साक्ष्य परफेक्ट हो।

आगे नहीं पीछे के रास्ते

आरटीओ ऑफिस का नजारा मंडे को भी अजीब रहा। सभी सेक्शन के फ्रंट दरवाजे बंद थे पर विभाग के सभी कर्मचारी विंडो के जरिए कैंडीडेंट्स का काम कर रहे थे। मगर, जैसे ही आई नेस्क्ट की टीम मामले की खोजबीन करते हुए पीछे के रास्ते से वहां पहुंची तो हालात काफी चौकाने वाले रहे। दलाल और फर्जी कर्मचारी पीछे के रास्ते से सेक्शन के अंदर घुसकर कैंडीडेंट्स के काम को अंजाम दे रहे थे।

बाहर भी सज गई दुकाने

आरटीओ ऑफिस के अंदर ही नहीं कैंपस के बाहर दलालों को कुनबा फिर सज गया है। मगर, आरटीओ, एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस प्रशासन आंखें मूंदे हुए है। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करने के बाद ऑफिसर्स लापरवाह बने हुए हैं, जबकि दलाल और फर्जी कर्मचारी कैंडीडेट्स से कमीशन लेकर हर महीने लाखों रुपए का वारा न्यारा कर रहे हैं। ऑफिसर्स के प्लान सिर्फ कर्मचारियों के निर्देश और कागजों तक ही सिमट कर रह जाते है।

डॉक्यूमेंट पर किए गए सिग्नेचर पर डॉउट होने पर आरआई मौके पर जाकर जांच करते हैं, ताकि कोई फ्रॉड न हो सके। आरटीओ ऑफिस में किसी तरह की गड़गबड़ी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाता है।

- संजय सिंह, आरटीओ इंफोर्समेंट

Posted By: Inextlive