Bareilly: खुशियों के दीप से आज सारा जहां रोशन होगा. दीयों की जगमग से निराशा रूपी अंधियारे का खात्मा होगा. हर घर में लक्ष्मी और गणेश के पूजन के साथ सुख और समृद्घि की कामना की जाएगी. ज्योतिषियों के अनुसार अगर इस पावन मौके पर कुछ खास तरीके से पूजा-अर्चना की जाए तो लक्ष्मी-गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं राशियों के हिसाब से कौन सा मुहूर्त आपके लिए सबसे अधिक फलदायी होगा. आई नेक्स्ट की एक रिपोर्ट.


लग्न और राशि का भी रखें ख्यालदीपावली के दिन लोग शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा पूरे विधि-विधान से करते हैं। इस दिन धन-वैभव के देवी-देवता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक दीपावली के दिन अगर अपनी राशि और लग्न के अनुसार नए वस्त्र धारण कर शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाए तो विशेष फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि इस विशेष दिन देवताओं की विशेष कृपा पाने के लिए पूजा कि विधि और तरीका क्या होना चाहिए।सजाएं पूजा की थाली


किसी भी पूजा में पूजा की थाली का विशेष महत्व होता है। थाली की साज-सज्जा अच्छी होने से देवी-देवता काफी प्रसन्न होते हैं। किसी भी पूजा की थाली में पूज्य देवी-देवताओं की पसंद के अनुसार सामग्री होनी चाहिए। दीपावली पर चूंकि लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है इसलिए थाल में उनकी पसंद के अनुसार खील, खिलौने, बताशे, रोली, पान, लौंग, रक्षा, सफेद इलायची, शरिफा होना चाहिए। वहीं मीठे में गणेश जी की विशेष पसंद बूंदी के लड्डू भी जरूर होने चाहिए।कमल के फूल को दें priority

ज्योतिष के अनुसार लक्ष्मी जी की पूजा करने के लिए किसी और फूल की बजाय कमल के फूल को प्रॉयरिटी देनी चाहिए। दीपावली के दिन नहाने के बाद नए कपड़े पहन कर मां लक्ष्मी को कमल पुष्प अर्पित करने से मां अति प्रसन्न होती हैं। पूजा के लिए शुभ मुहूर्तदिपावली के दिन दोपहर 2.30 से शाम 5.31 तक का समय पूजा के लिए सबसे उचित है। इस बीच हर वर्ग के लोग पूजन कर सकते हैं। अपनी राशि व लग्न के अकॉर्डिंग टाइम पर पूजा करना विशेष लाभप्रद होगा। वहीं राशि के स्वामी के अनुसार पूजा के समय वस्त्रों के रंग का भी खास महत्व होता है।मंत्रराशि और लग्न के अनुसार पूजा के टाइम तो अलग होते ही हैं। वहीं विभिन्न व्यवसाय और प्रयोजन के अकॉर्डिंग स्तुति के लिए मंत्र भी अलग-अलग होते हैं। इन मंत्रों के उच्च्चारण से मनवांछित फल प्राप्त होते हैं।Students के लिए मंत्रऊँ एक दंत महाबुद्धि सर्व सौभाग्य दायका।सर्व सिद्धि करो, देव गौरी पुत्रो विनायका।लाभ - रात के समय 108 दानों की माला को इस मंत्र के साथ जपने से पढ़ाई में उन्नति होती है।धन लाभ के लिएलक्ष्मी के भंडार बड़ी अपूरब बात।ज्यों ज्यों दे त्यों त्यों बढ़े, भिन्न खर्चे घट जात।राशि के अनुसार पूजन का time

       राशि                                                            समय
       मेष                                                दोपहर  2.30  से शाम 5.31          वृष, मिथुन, कर्क और सिंह                        शाम 5.31 से शाम 7.27 कन्या ,तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन        शाम 7.27  से रात 9.41राशि के स्वामी के अकॉर्डिंग पूजा के समय कपड़ों का रंग राशि का स्वामी सूर्य                    लाल रंग का वस्त्र धारण करें। राशि का स्वामी चंद्र                     सफेद रंग का वस्त्र धारण करें। राशि का स्वामी मंगल                   लालिमा युक्त वस्त्र धारण करें। राशि का स्वामी बुध                      नीला या हरा वस्त्र धारण करें। राशि का स्वामी वृहस्पति                 पीला वस्त्र धारण करें। राशि का स्वामी शुक्र                      श्वेत वस्त्र धारण करें। राशि का स्वामी शनि                      नीला या काला वस्त्र धारण करें।दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा पूरे विधि-विधान से स्वच्छ मन से करनी चाहिए। कमल पुष्प अर्पित करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं। राशि और लग्न के मुताबिक शुभ समय और वस्त्र धारण कर पूजा करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है।- डॉ। संजय सिंह, ज्योतिषाचार्य

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