लास्ट की तुलना में इस वर्ष कम हुआ पॉल्यूशन फिर भी सांस और हार्ट रोगियों को मुश्किल. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से हर माह बढ़ाई जा रही मॉनिटरिंग. पिछले वर्ष रेड जोन में था बरेली इस बार येलो जोन में पहुंचा



बरेली (ब्यूरो)। शहर में बढ़ते पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदारों ने भले ही बेहतर काम करके उसे कंट्रोल किया है, लेकिन अभी पॉल्यूशन का स्तर ग्रीन जोन में नहीं आ पाया है। हालांकि पॉल्यूशन डिपार्टमेंट अभी भी पॉल्यूशन का ग्रीन जोन में लाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग भी कर रहा है, इसके लिए शहर दो जगह ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग सिस्टम भी लगाए है ताकि जिस एरिया में पॉल्यूशन अधिक हो वहां पर कंट्रोल करने के लिए कवायद की जा सके। वहीं एक्सपर्ट की माने तो तो पॉल्यूशन से राहत भले ही मिल रही हो फिर भी घबराहट अभी बाकी है। क्योंकि जो बुजुर्ग है या फिर जिन्हें सांस या फिर अस्थमा आदि की शिकायत है उन्हें बढ़ा हुआ येलो जोन का एक्यूआई भी नुकसानदायक है।

रेड से येलो जोन में आया बरेली
पिछले वर्ष की बात करें तो जनवरी से अप्रैल तक बरेली का एक्यूआई 250 से अधिक ही रहा, यानि बरेली रेड जोन में ही रहा है। लेकिन इस बार जनवरी से अप्रैल के आंकड़ों पर गौर करें तो एक्यूआई 200 के नीचे भी रहा है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अफसरों की माने तो बरेली में एक्यूआई पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष काफी कंट्रोल हुआ है यानि बरेली रेड जोन से निकलकर येलो जोन में पहुंच गया है। हालांकि अभी इस और मॉनिटिरिंग की जा रही है।

निर्माण कार्यो में मानकों की अनदेखी
शहर में पॉल्यूशन अधिक होने का बड़ा कारण है कि जो भी निर्माण सिटी में निर्माण कार्य हो रहे हैं उसमें मानकों की अनदेखी एक बड़ा कारण है। निर्माण कार्यो में मानकों की अनदेखी के चलते भी शहर में जगह-जगह पॉल्यूशन बढऩा एक बड़ा कारण है। हालांकि शहर में बढ़ते पॉल्यूशन पर अफसरों ने संज्ञान लेते हुए कई जगह ठेकेदारों पर मानकों की अनदेखी करने के लिए जुर्माना भी लगाया है। इसके बाद कुछ ठेकेदारों ने निर्माण कार्य में मानकों को फॉलो भी करना शुरू कर दिया है जबकि कई अभी ऐसे हैं जिन पर कोई असर नहीं हुआ है।

यह भी जाने
-पॉल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट की तरफ से एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को जीरो से 500 तक नापा जाता है।
-जीरो से 50 एक्यूआई तक हवा अच्छी मानी जाती है और इसे सेहत के नजरिए से ग्रीन जोन में माना जाता है।
-51 से 100 के बीच येलो जोन आता है। येलो जोन में माना जाता है एयर क्वॉलिटी ठीक नहीं है। इससे लंग्स, अस्थमा और हार्ट से रिलेटेड पेशेंट्स को प्रॉब्लम हो सकती है।
-एक्यूआई 150 के पार होने पर ऑरेंज जोन में कहा जाता है। इसका अर्थ है कि एयर क्वॉलिटी अधिक खराब है। ऐसे में ओपन एयर में भी घूमना ठीक नहीं रहता है। बुजुर्गों और बीमारों के लिए सबसे अधिक नुकसान होता है।


300 से ऊपर अधिक खतरनाक
एक्यूआई 151 से 200 के बीच रेड जोन में आता है। जब एक्यूआई 201 से 300 के बीच हो तो सेहत के लिए खतरा बढ़ जाता है। एक्यूआई 301 के पार जाने पर इसे सेहत की दृष्टि से हेल्थ इमरजेंसी की श्रेणी में माना जाता है।

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सिटी में पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। टीम लगातार इसके लिए वर्क कर रही है। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पॉल्यूशन कंट्रोल हुआ है। बरेली पिछले वर्ष पॉल्यूशन के मामले में रेड जोन में था, लेकिन इस बारे येलो जोन में पहुंच गया है।
रोहित सिंह, रीजनल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अधिकारी बरेली


एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशन रीजनल ऑफिस बरेली

फैक्ट एंड फिगर

4-जनवरी 2021- 275
14-जनवरी 2021 -274
21 जनवरी 2021 -285
29 जनवरी 2021 -298
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3-जनवरी 2022-170
10जनवरी 2022-119
14 जनवरी 2022 -170
24 जनवरी 2022-104
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1 फरवरी 2021-275
8-फरवरी 2021-262
18-फरवरी 2021-291
25-फरवरी 2021-241
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2-फरवरी 2022-107
10-फरवरी 2022-128
19-फरवरी 2022-139
28 फरवरी 2022-132
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1-मार्च 2021-258
8-मार्च 2021-251
18 मार्च 2021-270
25-मार्च 2021-287
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2-मार्च 2022-140
9-मार्च 2022-139
21 मार्च 2022-151
30 मार्च 2022-164
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Posted By: Inextlive