जिले में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे पारिवारिक विवाद फ्राइडे को परिवार परामर्श केंद्र पर 7 जोड़ों की हुई काउंसलिंग

(बरेली ब्यूरो)। सात जन्मों के पवित्र रिश्तों में छोटी-छोटी बातों पर खटास पैदा हो रही है। कहीं सास-बहू का झगड़ा तो कहीं पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर मनमुटाव को लेकर रिश्तों की डोर टूटने की कगार तक पहुंच रही है। घर पर होने वाले छोटे-छोटे विवाद थानों में पहुंच रहे हैं। इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पिछले दो माह में करीब 150 से ज्यादा शिकायतें परिवार परामर्श केंद्र पहुंचीं। ऐसे में परिवार परामर्श केंद्र पर दोनों पक्षों को बैठाकर सुनने के बाद समझौते की पहल की जा रही है।

डेली होती है काउंसलिंग
जिले की पुलिस लाइन स्थित परिवार परामर्श केंद्र में प्रतिदिन 15-20 परिवार से संबंधित ऐसे मामले पहुंच रहे हैं, जिनमें मामूली बातों पर पति-पत्नी में विवाद हो गया और यही विवाद इस मुकाम पर पहुंच गए कि परिवार टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। फ्राइडे को भी परिवार परामर्श केंद्र पर सात दंपतियों की काउंसलिंग की गई, लेकिन किसी भी मामले में दोनों पक्ष समझौते को तैयार नहीं हुए तो उन्हें काउंसलिंग के लिए आगे की डेट दी गई है।

समझौता कराने पर जोर
प्रभारी एसआई सरिता सिंह ने बताया कि परिवार परामर्श केंद्र पर प्रतिदिन 15-20 फाइल काउंसलिंग के लिए लगाईं जाती हैं। उन्होंने बताया कि एक माह में केसों की संख्या 60-100 तक पहुंच जाती हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वर्तमान समय में पारिवारिक विवाद कितने बढ़ गए हैं। केंद्र प्रभारी ने बताया कि एक केस में तीन काउंसलिंग की जाती हैं, यदि उनमें समझौता नहीं हो पाता तो उच्चाधिकारियों के आदेश पर उनकी 4-5 काउंसलिंग की जाती हैं। बताया कि परिवार परामर्श केंद्र पर आने वाले केसों में पूरी कोशिश की जाती है कि दंपति में समझौता हो जाए।

जनवरी से 11 मार्च तक पहुंचे 156 केस
प्रभारी सरिता सिंह ने बताया कि वर्ष 2022 में जनवरी से 11 मार्च 2022 तक परिवार परामर्श केंद्र पर परिवार से जुड़े 156 विवाद आए हैं। कुछ केसों में समझौता हो गया है, जबकि जिन मामलों में समझौता नहीं हो सका है, उन्हें संबंधित थानों को ट्रांसफर कर दिया है। जबकि कुछ केसों की काउंसलिंग चल रही है।

समझौते के बाद एक माह तक करते हैं मॉनिटिरिंग
केंद्र प्रभारी ने बताया कि काउंसलिंग के बाद जो दंपति समझौता कर एक साथ रहने के लिए तैयार हो जाते हैं, उन्हें घर भेज दिया जाता है और एक माह तक उनकी मॉनिटिरिंग की जाती है। उन्हें एक या दो बार परिवार परामर्श केंद्र बुलाया जाता है। साथ ही दंपति को संबंधित थाने में भी रिपोर्ट करनी होती है।

केस :1
फ्राइडे को परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे किला कोतवाली निवासी एक युवक ने बताया कि उसने पहली पत्नी से परेशान होकर दूसरी शादी की थी। शादी से पहले उसने दूसरी पत्नी को अपनी पहली पत्नी और दो बच्चों के बारे में बता दिया था। जब इसकी जानकारी युवक के परिजनों को हुई तो उन्होंने उसे घर से निकाल दिया। इस पर वह अपनी दूसरी पत्नी के घर पर रहने लगा। बताया कि इसके बाद उसकी सास ने उसकी पत्नी को उसके खिलाफ भडक़ाना शुरू कर दिया। आलम यह हुआ कि उसकी पत्नी बात-बात पर उससे झगडऩे लगी और उसके साथ दुर्रव्यवहार करने लगी। अति तो तब हुई जब उसकी पत्नी उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली पहुंच गई। थाने से उन्हें परिवार परामर्श केंद्र काउंसलिंग के लिए भेजा गया है। पीडि़त युवक ने बताया कि वह अपनी दूसरी पत्नी से काफी प्रेम करता है और किसी भी कीमत पर उससे अलग नहीं होना चाहता, लेकिन उसकी सास उनके बीच दरार पैदा कर रही है। वहीं महिला ने बताया कि उसका पति व ससुराल पक्ष के लोग उसके साथ भेदभाव करते हैं। यहां तक कि ससुराल पक्ष के लोग उसके पति के पहले बच्चों को काफी प्यार करते हैं, जबकि उसके पुत्र के साथ भी भेदभाव करते हैं।

केस :2
फ्राइडे को काउंसलिंग के लिए पहुंची एक महिला के पिता ने बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री की शादी मुरादाबाद निवासी एक युवक के साथ की थी। उनका दामाद रेलवे में सरकारी नौकरी करता है। बताया कि कुछ समय पहले उनके दामाद ने उनकी पुत्री के साथ मारपीट की तो संबंधित थाना पुलिस उनकी पुत्री और दामाद को थाने ले गई। रात में पुलिस ने उनकी पुत्री को घर भेज दिया और दामाद को थाने में बैठाने के बाद उन्हें फोन करके मुरादाबाद बुलाया। उन्होंने मुरादाबाद पहुंचकर दामाद का थाने से छुड़ाया और पुत्री को अपने साथ बरेली ले आए। तब से दामाद पुत्री को लेने नहीं आया। इस पर उन्होंने पुलिस को सहारा लिया तो उन्हें काउंसलिंग के परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया गया। फ्राइडे को काउंसलिंग के लिए पहुंचे दंपति में युवक समझौते को तैयार नहीं हुआ तो उसे आगे की डेट दे दी गई है।

इनका रखें ध्यान
-एक ही समय में दोनों कभी क्रोध न करें
-छोटी-छोटी बातों पर दोनों कभी एक-दूसरे पर न चिल्लाएं
-यदि दोनों में से एक को बहस में जीतना हो तो अपने दूसरे पार्टनर को जीतने दें
-यदि अपने पार्टनर की आलोचना भी करनी पड़े तो प्यार से करें
-पिछली गलतियों की चर्चा कभी न करें
-एक-दूसरे की उपेक्षा कभी न करें, चाहे किसी की भी उपेक्षा करनी पड़े
-अशांत बातों को लेकर कभी न सोचें
-दिन में कम से कम एक बार अपने जीवन साथी को अच्छी बात कहने का प्रयास करें
-यदि आपको लगे कि आपने कुछ गलत किया है तो उस गलती को मानने के लिए तैयार रहें और गलती की माफी मांगें

Posted By: Inextlive