‘Real’ gear up for ‘car’
सजने लगे अपनी कार और घर के सपनेआरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स (बीपीएस) की कमी की तो डिफरेंट सेक्टर्स के बिजनेस में बूम आने की संभावनाएं बढऩे लगी हैं। इनमें से सबसे ज्यादा संभावनाएं रीयल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगाई जा रहीं हैं। वहीं फ्लोटिंग रेट्स पर लोन लेने वालों में भी इससे खुशी की लहर बढ़ी है। फ्लोटिंग रेट्स की वजह से उनके लोन पर इंट्रेस्ट रेट जो कम हो जाएंगे और इससे उनके लोन की ईएमआई भी कम होगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रेपो रेट 8.0 से घटाकर 7.75 कर दी है।डिप्रेस मार्केट में आएगी खुशी
ऑटोमोबाइल सेक्टर के एक्सपट्र्स की मानें तो बीते साल के अंतिम महीनों में व्यापार बैलेंस रहा, पर पूरे साल ऑटोमोबाइल्स का मार्केट डिप्रेशन का ही शिकार रहा। आरबीआई के इस डिसीजन के बाद लोन कुछ सस्ते होंगे, वहीं कस्टमर्स का रुझान भी मार्केट की ओर बढ़ेगा। अब इंतजार तो इस बात क ा है कि कब बैंक अपने नए रेट्स जारी करते हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस सेक्टर में रेट ऑफ इंट्रेस्ट में कमी आने पर मार्केट में अच्छा असर पड़ेगा। मार्केट की ग्रोथ करीब 25 परसेंट आंकी जा रही है।सामने आएगा रियल यूजर
रीयल एस्टेट के एक्सपट्र्स के मुताबिक रियल यूजर्स काफी समय से बढ़े हुए रेट ऑफ इंट्रेस्ट के कम होने का इंतजार कर रहे थे। अब ये रेट्स कम होने की उम्मीद जागी है तो रियल यूजर्स तो जरूर सामने आएंगे। लास्ट ईयर रीयल एस्टेट में बिजनेस तो हुआ पर उन्हें लेने वाले कस्टमर्स वास्तव में इन्वेस्टर्स ज्यादा थे। अब उम्मीद की जा रही है कि रियल यूजर्स के सामने आने से बिजनेस में 10-20 परसेंट की बढ़त होनी चाहिए। उनका मानना है कि होम लोन के रेट ऑफ इंट्रेस्ट कम होने से यह कस्टमर्स को रीयल एस्टेट की ओर अट्रैक्ट करेगा। यहां तक कि जो लोग अभी तक इसमें इंट्रेस्टेड नहीं हैं, वह भी खरीदने का मन बना सकते हैं।कस्टमर्स भी हैप्पीबढ़ती महंगाई के बीच कम हुए रेपो रेट ने कस्टमर्स को खुश किया है। जो लोग अपने सपनों के घर और शानदार कार का सपना देख रहे हैं, उन्हें इससे काफी राहत मिली है। कस्टमर्स का मानना है कि वह लोन लेने के लिए तो कई दिन से मन बना रहे हैं पर एक्सपट्र्स की एडवाइस के मुताबिक वह लोन के रेट ऑफ इंट्रेस्ट कम होने की ही उम्मीद कर रहे थे। फ्लोटिंग रेट्स बेनीफिशियल
चार्टर्ड एकाउंटेंट अरविंद सिंह के मुताबिक, प्रजेंट इकोनॉमी में फ्लोटिंग रेट ऑफ इंट्रेस्ट बेनीफिशियल साबित होंगे। रेट्स फ्लोटिंग होंगे तो यह रेपो रेट में चेंज के साथ ही चेंज हो जाएंगे। वहीं रेट ऑफ इंट्रेस्ट फिक्स होने पर वह रेपो रेट के साथ चेंज नहीं हो सकते हैं। इस समय इंट्रेस्ट रेट्स काफी हाई हैं, कंट्री की जीडीपी ग्रोथ के लिए इन्हें कम होना जरूरी है। ऐसे में फ्लोटिंग रेट ऑफ इंट्रेस्ट ही अच्छा रहेगा। वहीं जब यह रेट ऑफ इंट्रेस्ट मिनिमम पोजीशंस पर पहुंचेंगे तब फायदा एक बार फिर फिक्स्ड रेट ऑफ इंट्रेस्ट में ही रहेगा। इस समय जिन कस्टमर्स ने फ्लोटिंग रेट्स पर लोन लिया है, उनकी ईएमआई कम हो जाएगी।ऐसे कम होगी ईएमआईअगर हम कार लोन की बात करें तो बैंक के इंट्रेस्ट रेट 10.75 से गिरकर 10.50 होंगे, इससे सात साल के लिए लिए गए 10 लाख के लोन की ईएमआई में इस हिसाब से 130 रुपए कम होंगे। वहीं 20 साल के लिए गए 20 लाख के होम लोन पर इंट्रेस्ट रेट घटकर 10.50 से 10.25 परसेंट हो जाएगा। इसके हिसाब से ईएमआई पर 340 रुपए का फर्क पड़ेगा। यह अलग-अलग बैंक के लिए अलग-अलग हो सकता है। क्या है रेपो रेट
कॉमर्शियल बैंक्स जिस रेट ऑफ इंट्रेस्ट पर आरबीआई से शॉर्ट टर्म लोन लेते हैं, वही रेट रेपो रेट होता है। रेपो रेट घटने पर बैंक्स को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कम रेट ऑफ इंट्रेस्ट पर लोन मिल जाता है। इससे बैंक लोन कस्टमर्स के लिए सस्ते हो जाते हैं। क्या है रिवर्स रेपो रेटअपनी अतिरिक्त राशि आरबीआई के पास कम अविध के लिए जमा कराने पर बैंक जिस दर से ब्याज प्राप्त करते हैं।क्या है सीआरआरबैंकों की कुल जमा राशि का वह हिस्सा जो आरबीआई के पास रखना अनिवार्य है। ये घटने पर बैंकों के पास लोन देने के लिए कैश बढ़ जाएगा।हां, मैं काफी दिनों से होम लोन लेने की सोच रहा हूं, पर अब लोन सस्ते होने पर ही लूंगा। रेट ऑफ इंट्रेस्ट कम होने से मुझे 20-25 हजार रुपए का फायदा तो हो ही जाएगा।-प्रदीप श्रीवास्तव, होम लोन कस्टमरमुझे कार लोन लेना है। मैं एक प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव हूं। मुझे एक्सपर्ट ने बैंक्स में रेट ऑफ इंट्रेस्ट कम होने के बाद ही लोन लेने की सलाह दी थी। इससे मुझे काफी फायदा होगा।-राजीव कुमार, कार लोन कस्टमर
होम लोन सस्ता होगा तो रीयल एस्टेट बिजनेस तो अच्छा होगा। इससे सेल बढ़ेगी, ब्याज कम होगा तो लोगों में नए घर का इंट्रेस्ट भी बढ़ेगा। इससे रियल कस्टमर निकलकर बाहर आएगा। उम्मीद है कि 10-20 परसेंट बिजनेस में इजाफा होगा।-अमनदीप सिंह, एलायंस बिल्डर्सहोम लोन के रेट घटेंगे तो कस्टमर को अट्रैक्ट करेंगे। लोन सस्ता होगा तो नए घर की डिमांड बढ़ेगी। इसके बाद सिटी में लग्जरी अपार्टमेंट्स के लिए भी रास्ता खुल जाएगा। मार्केट में नया करंट दौडऩे लगेगा।-पीयूष अग्रवाल, मेगा सिटीमार्केट में जितना भी डिप्रेशन रहा है, बैंक लोन सस्ते होने से वह बैलेंस हो जाएगा। ऑटोमोबाइल सेक्टर में तो बीते साल में केवल फेस्टिव सीजन में ही कारोबार हुआ, उससे पहले यह कम ही रहा था।-सचिन भसीन, ओनर, हुंडईमुझे लगता है कि कार लोन के रेट ऑफ इंट्रेस्ट में कमी आने पर ऑटोमोबाइल सेक्टर के कस्टमर्स बढ़ जाएंगे। वहीं लोन सस्ते होने से नए कस्टमर्स भी बढ़ेंगे। मध्यम वर्ग पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिखेगा।-राजीव साहनी, ओनर, शेवरलेरेपो रेट कम होने से फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वालों को ईएमआई से राहत मिलेगी। वहीं लोन के रेट ऑफ इंट्रेस्ट कम होने से बैंक का बिजनेस बढ़ेगा और इससे कंट्री की जीडीपी में भी बढ़ोतरी होगी।-नवीन कुमार, चीफ मैनेजर, इलाहाबाद बैंकनए रेपो रेट तो अनाउंस हो चुके हैं, अब जल्द ही बैंक भी नए रेट ऑफ इंट्रेस्ट अनाउंस कर देंगे। उम्मीद है कि इसके बाद लोन लेने वालों की संख्या बढ़ेगी और तमाम नए कस्टमर्स भी सामने आएंगे।-एनके मित्तल, डीजीएम, पीएनबीReporter by: Nidhi Gupta