पीडि़तों पर मरहम के बजाय एक और जख्म
नेताओं के हेलीपैड के लिए पीडि़त की खड़ी फसल कर दी बर्बाद
KATRA SAADADTGANJ, BADYUN: एक तो पीडि़त परिवारवालों के पर मुसीबतों का भारी पहाड़ टूटा है। ऊपर से शासन और प्रशासन द्वारा त्वरित राहत पहुंचाने के बजाय ऐसा कदम उठाया जो कुठाराघात साबित हुआ। घटना की जानकारी मीडिया में फैलते ही दिग्गज नेताओं का पीडि़त परिवारवालों को सांत्वना देने का तांता लग गया। नेता हैं हवाई बातें करते हैं तो हवाई सफर भी। ऐसे में उनके हेलीकॉप्टर को लैंड कराने के लिए हैलीपैड की आवश्यकता थी। पहले मुफीद जगह की तलाश की गई तो जहां पर लड़कियों को पेड़ से लटकाया गया था उसी के भ्0 मीटर की दूरी पर हैलीपेड बनाने की योजना बनी। यह जानते हुए भी कि जिस खेत में हैलीपैड बनाया जा रहा है वह पीडि़त परिवारवालों का है, पूरा खेत रातों-रात उजाड़ दिया गया। हैलीपैड के लिए पिपरमिंट की पूरी फसल कटवा दी गई।
कायम है दबंगों की दहशत
इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी गांव में एक जाति विशेष की दबंगई की दहशत ज्यों के त्यों कायम है। घटना को अंजाम देने वाले पेड़ के पास ही पीडि़त परिवारवालों के जाति संबंधियों के खेत खलिहान हैं। उनकी आजीविका का जरिया पिपरमेंट और लहसुन की खेती है। फसल कटने को तैयार खड़ी है। लेकिन एक जाति विशेष के दुधारु पशुओं का झुंड उन खेतों में खुलेआम चरता रहता है। उस जाति विशेष की दबंगई का डर इस कदर व्याप्त है कि जिनके खेत हैं वे हिम्मत नहीं जुटा पाते कि उनके पशुओं को बाहर निकाल सकें। वे सरेआम अपने खेतों को पशुओं द्वारा बर्बाद होते देखते रहते हैं।
छुटभैया नेता चमका रहे हैं राजनीतिघटना पर ना केवल बड़े राजनेताओं ने अपनी रोटी सेकी बल्कि छुटभैया नेता भी कम नहीं हैं। घटनास्थल पर पेड़ और पीडि़त के घर पर मीडिया वालों का जमघट लगा रहता है। ना केवल हिंदी बल्कि दक्षिण भारत के क्षेत्रीय भाषाओं के चैनल समेत दूसरे राज्यों के न्यूजपेपर के रिपोटर्स अपनी खबरों को धार देने में लगे हैं। हर पल कुछ नए के तलाश में रहते हैं। इस बीच नोएडा, दिल्ली, पंजाब समेत कई शहरों के गुमनाम नेता भी सांत्वना देने और अपनी राजनीति चमकाने के लिए पहुंच रहे हैं। नोयडा के एक ब्लॉक प्रमुख और पंजाब के रेलवे के नेता भी परिवार का ढांढस बंधाने पहुंचे। मीडिया का कैमरा देखा तो बुलंद आवाज में बोले हम दिल्ली सरकार से न्याय की मांग करेंगे। अपने चेले-चपाटों से परिवारवालों के साथ फोटो भी खिंचवाई। ताकि अपने क्षेत्र में गवाही के रूप में प्रस्तुत कर सकें।