सब जानत प्रभु प्रभुता सोई, तदपि कहे बिनु रहा न कोई
- विंडरमेयर में पांच दिवसीय रामलीला का हुआ आगाज
-संगीतमयी प्रस्तुति के बीच ढाई घंटे में पूरी रामायण का मंचन हुआ बरेली : मर्यादा पुरुषोत्तम राम सदियों से आदर्श जीवन और सहिष्णु समाज की प्रेरणा रहे हैं। साधु-संत उनके गुणों का बखान करते आए हैं। दुनियाभर में रामलीला का मंचन जनमानस के बीच इन्हीं गाथाओं का दृश्य आख्यान है। इसी उद्देश्य के साथ विंडरमेयर के कलाकारों ने रामलीला की संगीतमयी प्रस्तुति से सांस्कृतिक विरासत में योगदान देने का प्रयास किया। असुरों का किया विनाशविंडरमेयर में बुधवार शाम कथा सुनाते र्ह राम की कथा सुनाते हैं पंक्तियों के साथ रामलीला का मंचन शुरू हुआ। यज्ञ में असुरों के विघ्न के कारण मुनि विश्वामित्र अयोध्या जाकर दशरथ से राम-लक्ष्मण को मांगते हैं। राम-लक्ष्मण वन में आकर असुरों का विनाश करते हैं। जनकपुरी में जाकर शिव धनुष तोड़ सीता स्वयंवर जीतते हैं। शिव धनुष के टूटने पर परशुराम मुनि क्रोधित हो जाते हैं। श्रीराम के मीठे वचनों पर उन्हें वरदान देते हैं। इसी बीच कैकेयी ने दशरथ से वचन मांगने की कसम याद दिलाकर भरत को राजगद्दी और राम को 14 वर्ष का वनवास देने की मांग की। पिता की आज्ञा मानाकर राम, सीता और लक्ष्मण के साथ वन में चले गये। वहां रावण ने सीता का हरण कर लंका अशोक वाटिका में कैद कर लिया।
देवताओं ने की पुष्पवर्षा हनुमान ने माता सीता का पता लगाकर लंका दहन किया। समुद्र पर पुल बनाकर राम लंका पहुंचे जहां राम-रावण का युद्ध होता है। कुंभकरण, मेघनाद और रावण का वध करने पर देवता पुष्पवर्षा करते हैं। सीता की अग्नि परीक्षा पर देवता भी कराह उठते हैं। राम के अयोध्या लौटने पर लोग घी के दीपक जलाने पर त्यौहार मनाया जाता है और राम का राजतिलक होता है। अभिनय और तकनीक की जुगलबंदी राधेश्याम रामायण पर आधारित विंडरमेयर रामलीला के मंचन में पारसी थिएटर और नाटक शैली का मिला जुला रूप दिखाई दिया। शुरुआती सीन में कलाकारों के अभिनय और तकनीक की जुगलबंदी में तकनीक का प्रयोग देखने को मिला। अंबुज कुकरेती के निर्देशन में कलाकारों ने शानदार अदाकारी की। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कलाकारों ने ढाई घंटे में पूरी रामायण का मंचन कर दिखाया। सूत्रधार की गायन शैली ने आकर्षित किया। इससे पहले मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने रामलीला का शुभारंभ किया। इस दौरान डॉ। ब्रजेश्वर सिंह, डॉ। गरिमा सिंह, डॉ। पवन अग्रवाल, राजा चावला, शिवम गुप्ता, संजीव अग्रवाल, अनुपम कपूर, चरन कंवलजीत सिंह, नवीन कालरा आदि मौजूद रहे।