विष्णु के बिछाए जाल में फंस गए 'ब्रहृमचारी'
- जोगी नवादा में श्री रामलीला परिषद की ओर से रामलीला प्रांरभ
- वेडनसडे को विश्व मोहिनी रूप और नारद मोहभंग प्रसंग का हुआ मंचन BAREILLY: साल भर के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर मंच रामायण की पंक्तियों, दोहे और संवादों से गूंजने लगा है। वेडनसडे को श्री रामलीला परिषद जोगी नवादा की ओर से आयोजित रामलीला मंचन के साथ हुई। इसमें भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे। इस मौके पर सुबह से ही तैयारियों का सिलसिला चलता रहा। देर शाम भूमि पूजन और गणेश पूजन कर रामलीला मंचन की शुरुआत की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मेयर डॉ। आईएस तोमर ने किया। इस मौके पर राम, लक्ष्मण और सीता की आरती उतारने के बाद रामलीला का मंचन प्रारंभ हो गया। इस मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। रामलीला मंचन के क्रम में वेडनसडे को विश्व मोहिनी, नारद मोहभंग का मंचन किया गया।नारद पर छाया मोहिनी रूप
पहले दिन रामलीला में नारद के मोहजाल में फंसने पर दर्शक खुद को हंसने से नहीं रोक सके। प्रसंगानुकूल विष्णुप्रिय नारद को खुद पर ब्रहृमचारी होने का घमंड था। नारद मुनि के मन में घर कर रहे घमंड को दूर करने के लिए विष्णु ने मोहिनी रूप बनाकर नारद से मिले। नारद मोहिनी के रूप को देखकर अपने को मोहजाल में फंसने से ना रोक सके। आखिर में नारद की भ्रमित बुद्धि को ठीक करने के उद्देश्य से विष्णु ने अपना मोहिनी जाल वापस ले लिया। इसे देखकर नारद को सद्बुद्धि का ज्ञान हासिल हुआ। कलाकारों की बेहद सजीव प्रस्तुति और नारद को मोहजाल में फंसते हुए देख, मौजूद दर्शकों के ठहाकों से ग्रांउड हंस उठा।