लगातार हो रही बरेली और उत्तराखंड में बारिश से अब रामगंगा नदी का जलस्तर भी बढऩे लगा है. मौसम विज्ञानियों ने संडे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

बरेली(ब्यूरो)। लगातार हो रही बरेली और उत्तराखंड में बारिश से अब रामगंगा नदी का जलस्तर भी बढऩे लगा है। मौसम विज्ञानियों ने संडे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। रामगंगा में जल स्तर बढऩे से आसपास के गांवों में पानी भर जाने का खतरा पैदा हो गया है। गांवों के साथ ही बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।

नदी में बढ़ रहा पानी
पहाड़ों पर हो रही लगातार कई दिनों की बारिश ने रामगंगा का जलस्तर बढ़ा दिया है। यहां तक कि पिछले पांच दिनों में रामगंगा के जल स्तर में 3 मीटर की बढ़ौतरी हुई है। मौसम विभाग ने बरेली सहित आसपास के जिलों में आगामी दो दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। रामगंगा नदी के किनारे बाढ़ जैसे हालत बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में अगर इसी तरह से बारिश होती रही तो रामगंगा का जल स्तर और बढ़ सकता है। इससे आस-पास के गांवों में पानी भर सकता है।

15 गांव में अलर्ट जारी
रामगंगा का जलस्तर बढऩे से आसपास के गांवों में भी अलर्ट जारी किया गया है। वहीं किसानों का कहना है कि उनकी कई बीघा फसल जलमग्न हो गई है। इससे उनका काफी नुकसान हुआ है।

चार दिन में पांच की मौत
बरेली में नदी और तालाब में डूबने से पिछले चार दिनों में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। बरेली के सेंधा गांव निवासी 30 वर्षीय रामबहादुर की नदी में डूबने से मौत हो गई। धान की रोपाई के लिए जाते समय किसान नदी में डूब गया। साथियों ने जब तक उसे निकाला रामबहादुर की मौत हो चुकी थी।

संडे तक बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग की ओर से संडे तक सामान्य से भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक डॉ। आरके ङ्क्षसह ने बताया कि बरेली में भले ही कम वर्षा हुई है, लेकिन पहाड़ों पर करीब 80 एमएम वर्षा ने लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। उधर, जिले में थर्सडे को सुबह से ही काले घने बादल छाए रहे। रुक-रुककर हल्की बूंदा-बांदी होती रही। दोपहर करीब तीन बजे हल्की तेज वर्षा हुई। मगर वह भी चंद मिनट के बाद रुक गई। पूरे दिन में केवल 1.6 एमएम वर्षा ही हो सकी। मौसम विभाग ने बताया है कि संडे तक जिले में हवा के साथ तेज वर्षा होने के आसार हैैं। मौसम विज्ञानियों का कहना हैं कि बहुत जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलें। वर्षा के समय किसी भी पेड़ के नीचे आसरा न लें। खेतों पर काम कर रहे किसान बिजली चमकने या गडग़ड़ाहट होने के समय जमीन पर बैठ जाएं। इससे बिजली गिरने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है। फ्राईडे को करीब 35 एमएम वर्षा का अनुमान हैं।

Posted By: Inextlive