Bareilly: 'राम सजीवन' की प्रेम कहानी यूं तो एक समकालीन प्रेम कहानी ही है. पर इस कहानी के माध्यम से समाज में उभरती अमीर-गरीब की खाई डेमोक्रेसी के बिगड़ते हालातों से युवाओं के दिलों में उभरती क्रांति युवा दिलों में फ्रस्ट्रेशन के बाद फैं टेसी को दिखाने की कोशिश की गई है. विंडरमियर में ऑर्गनाइज प्ले में यूथ के ग्रुप द्वारा बोला गया डायलॉग 'हम सब कुछ समझते हैं' से समाज की परिस्थितियां उल्लेखित होती हैं.


विलेज से अर्बन सोसायटी का सफर का तानाबाना
नाटक  का मुख्य पात्र रामसजीवन एक दूर-दराज के गांव में रहने वाला युवक है, जो जेएनयू में पढऩे के लिए पहुंचता है। कॉलेज में पहुंचते ही उसके  क्रांतिकारी विचार उसके क्लास के ब्वॉयज को बहुत प्रभावित करते हैं। और वह पूरा संगठन तैयार करता है। पर इससे पहले उसे अपनी आर्थिक परिस्थितियों के साथ दिल्ली की लाइफस्टाइल में सामंजस्य बैठाने में भी संघर्ष ही करना पड़ता है। वह सोशलिज्म और माक्र्सवाद में डूब कर यथार्थ से कुछ दूर भी हो जाता है। पर इसी बीच गल्र्स और ब्वॉयज हॉस्टल के आमने-सामने शिफ्ट होने से वह गल्र्स हॉस्टल में रहने वाली एनआरआई स्टूडेंट अनीता चांदीवाला के प्यार में डूबने लगता है। वास्तव में, यह प्यार एकतरफा है। अनीता इस बारे में कुछ नहीं जानती। राम के दोस्त भी उसे इस सच्चाई से रूबरू कराने की कोशिश करते हैं, वह इससे बाहर नहीं निकल पाता है। आज का प्लेप्ले              गाशाडायरेक्टर       अभिषेक मजूमदारएक्टर्स          अधीर भट्ट, संदीप शिखर

Posted By: Inextlive