यहां भी 'रालेगण सिद्धि'
दो गांव से शुरुआतराज नारायण गुप्ता ने बताया कि फिलहाल शहर के दो गांवों पर फोकस किया जाएगा। ये दो गांव खजुरिया और सहसिया हुसैनपुर हैं। दोनों गांव से कुछ यूथ को चुनकर उन्हें जनवरी मेंं रालेगण सिद्धि भेजा जाएगा। वहां अन्ना उन्हें तीन दिन की ट्रेनिंग देंगे। वे वापस आकर अपने-अपने गांव में कुछ काम करेंगे। उनके काम के आधार पर उन्हें फिर रालेगण सिद्धि में 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे अपने गांव को सुधार सकें। अन्ना ने 100 गांव गोद लेने की बात की है। अगर इन दो गांवों के यूथ ने अच्छा काम किया तो उन 100 गांवों में इन दो या इनमें से एक गांव का नाम शामिल हो सकता है।
दिल्ली में मुलाकात
इस 11 दिसंबर को अन्ना के अनशन में शामिल होने के लिए राज नारायण गुप्ता दिल्ली गए थे। अनशन के बाद मेवाड़ इंस्टीट्यूट में 12 और 13 दिसंबर यूथ कैंप लगाया गया। उसमें अन्ना ने संघर्ष के साथ रचनात्मक कार्यक्रम की बात की। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल का संघर्ष जीतने के बाद वे रचनात्मक कामों की तरफ ध्यान लगाना चाहते हैं। रचनात्मक काम की बात चलने पर राज नारायण गुप्ता ने उनसे कहा कि उनकी टीम गांवों में काफी काम कर रही है। इसके बाद किरण बेदी के नवज्योति संस्थान में 16 से लेकर 18 दिसंबर तक सभा हुई। उसमें अन्ना ने दिल्ली के आस-पास के गांवों के प्रधानों को बुलाया। उनकी समस्याएं सुनीं। उसी दौरान अन्ना ने 100 गांवों को गोद लेने की बात कही। तब राज नारायण गुप्ता ने इन दो गांवों का नाम सजेस्ट किया।ग्राम सभा की meetingअपनी योजना को कार्यरूप देने के लिए राज नारायण गुप्ता थर्सडे से इन गांवों में ग्राम सभा की मीटिंग ऑर्गनाइज कर रहे हैं। विकल्प संस्था के इस काम में शहर के कई लोग आगे आ रहे हैं। इनमें डॉ। पवन अग्रवाल, डॉ। धर्मेंद्र गुप्ता, सीए राजन विद्यार्थी, राकेश बूबना और अनिल गुप्ता का नाम शामिल है। साथ ही आईएमए की तरफ से भी कुछ हेल्प मिलने की उम्मीद है।इस काम के लिए एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी में डॉ। प्रदीप कुमार, डॉ। सुचित्रा डे, ओम प्रकाश, भगवान सिंह दीक्षित, हरचरण लाल, संजीव मेहरोत्रा और अतुल गौड़ शामिल हैं।