तन्हा हूं, जिंदा हूं हैरत की बात है...
टूटे दायरेप्रोग्राम की स्टार्टिंग कुतुबखाना पुलिस चौकी से हुई। इस दौरान पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन ने वसीम बरेलवी को राखी बांधकर कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद शहनाज ने शहर कोतवाल वीरेंद्र सिंह यादव, शालिनी विद्यार्थी ने कमिश्नर के राम मोहन राव, ब्रह्म कुमारी पार्वती देवी ने डीआईजी एलवी एंटनी देव कुमार, मंजू अग्रवाल ने डीएम अभिषेक प्रकाश, रेशू ने एसएसपी सत्येंद्र वीर सिंह, महरुनिशां ने कुतुबखाना चौकी प्रभारी नीरज धामा, श्रेया वर्मा ने डीएम व एसएसपी को और मलका मेरी ने डॉ। आईएस तोमर को राखी बांधी। मिलकर काम करें
इस दौरान मेयर डॉ। आईएस तोमर ने कहा कि पता नहीं कैसे इंसान एकदम से हैवान बन जाता है। उन्होंने कामना की कि बरेली को दोबारा ये दिन न देखना पड़े। डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि अगर हम और आप मिलकर काम करें तो शहर को नए आयाम तक ले जा सकते हैं। इस त्यौहार को मनाने का उद्देश्य केवल प्यार और भाईचारे के संदेश का संदेश देना है।
इस मौके पर कमिश्नर के राम मोहन राव ने कहा कि कफ्र्यू के दौरान सभी को बहुत परेशानी हुई। पूरा शहर इससे काफी दिनों तक प्रभावित हुआ। शरारती तत्वों को चेतावनी देते हुए कमिश्नर ने कहा कि गुंडे बदमाश सतर्क रहें। अगर जमीन पर रहना है तो वे शहर छोड़ कर भाग जाएं। अगर शरारती तत्वों ने दोबारा कोई भी हरकत की तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। अमन-चैन के इस शहर में किसी तरह की गड़बढ़ी सहन नहीं की जाएगी।Report हो रही तैयारकमिश्नर के राम मोहन राव ने कहा कि दंगे में शामिल लोगों को आईडेंटिफाइ किया जा चुका है। अब रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिसे चुनाव आयोग को भेज दिया जाएगा। सिविल डिफेंस का राखी का प्रोग्राम बालजती चौराहा, जोगी नवादा वनखंडी नाथ मंदिर, एयरफोर्स गेट स्थित लिटिल चैंप्स स्कूल, पुलिस चौकी रेलवे जंक्शन, किला स्थित रेती चौराहा तथा शाहबाद पुलिस चौकी पर भी मनाया गया। इस दौरान लोगों की अच्छी-खासी भीड़ रही। प्रोग्राम में सिविल डिफेंस की ओर से जहीर खां, लुकमान रियासत ताहिर, प्रवीन अग्रवाल और पंकज कुदेशिया समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। राखी तो बांधी पर मिठाई नहीं खिला सकीं
जेल की दीवारों में राखी का त्योहार कुछ फीका सा रहा। सेंट्रल व डिस्ट्रिक्ट जेल में बंद भाइयों को उनकी बहनें राखी बांधने पहुंची पर मिठाई नहीं खिला सकीं। डिस्ट्रिक्ट जेल के सुप्रिंटेंडेंट राधा कृष्ण मिश्रा ने बताया जो भी बहनें राखी बांधने पहुंची उन्हें रोका नहीं गया लेकिन सुरक्षा की वजह से मिठाई को बैन किया गया था। आशंका रहती है कि मिठाई में कोई कुछ मिलाकर कैदियों को न खिला दे।