मुसाफिर बने मासूम के रखवाले
-दिनदहाड़े प्लेटफॉर्म 1 पर 4 साल के बच्चे को उठाकर भागा चोर
-3 मुसाफिरों ने दौड़ाकर पकड़ा, जीआरपी ने दर्ज किया मुकदमा -अयोध्या जा रहे थे मासूम के परिजन, पंजाब से हैं चोर का कनेक्शन दिनदहाड़े प्लेटफॉर्म क् पर ब् साल के बच्चे को उठाकर भागा चोर -फ् मुसाफिरों ने दौड़ाकर पकड़ा, जीआरपी ने दर्ज किया मुकदमा -अयोध्या जा रहे थे मासूम के परिजन, पंजाब से हैं चोर का कनेक्शनBAREILLY: BAREILLY: जंक्शन के प्लेटफॉर्म क् पर दोपहर ख्.ख्भ् बजे का समय। तमाम मुसाफिर अपनी ट्रेन के आने का इंतजार करते हुए। इतने में शोर मचा। आरपीएफ थाने के पास वाले ओवरब्रिज के नीचे एक आदमी छोटे से एक बच्चे को तेजी से उठाकर जंक्शन के मेन एंट्रेंस की ओर भागा। ब् मुसाफिर एक साथ शोर मचाते हुए उसके पीछे दौड़े। चंद सेकेंड्स बाद ही चारों मुसाफिरों ने आदमी को पकड़ लिया और उसे पीटते हुए बच्चे को छुड़ा लिया। घबराया मासूम बुरी तरह रोते हुए अपनी मां से लिपट गया। दिन दहाड़े आरपीएफ और जीआरपी थाने से बस चंद कदमों की दूरी पर हुई घटना से हंगामा मच गया। गिरफ्त में आए बच्चा चोर को मुसाफिरों ने जीआरपी को साैंप दिया।
रामलला के फरिश्ताें ने बचायादेवचरा में रहने वाले दुकानदार राम गोपाल अपनी बीवी कृष्णा व दो बच्चों बेटी राधिका 9 साल और बेटे राधारमण ब् साल के साथ अयोध्या रामलला के दर्शन करने जा रहे थे। फ्.फ्0 बजे बरेली-वाराणसी एक्सप्रेस में उन्होंने रिजर्वेशन कराया था। बच्चा चोर को पकड़ कर राम गोपाल व कृष्णा को उनके कलेजे के टुकड़े को पहुंचाने वाले फ् मुसाफिर हीरो रहे। इनमें मो। आजम खां निवासी शाहजहांपुर, नरेश सिंह निवासी चौबारी और सत्येन्द्र कुमार निवासी देवचरा परिजनों के लिए फरिश्ता बने। मासूम की मां डबडबाई आंखों से कहती रही कि रामलला के दर्शन करने जा रहे थे, इसीलिए फरिश्तों ने इकलौते बेटे को बचा लिया।
पंजाब से आया था चोरपकड़े गए बच्चा चोर ने पूछताछ में अपना नाम ज्ञान सिंह वर्मा, निवासी होडरपुर गांव जनपद कासगंज बताया। जिसके बीवी और म् बच्चे हैं। बच्चा उठाने में साथियों के भी शामिल होने के सवाल पर उसने डायरी में बिना नाम वाले कुछ मोबाइल नम्बर्स दिखाए। तलाशी में उसकी जेब से अमृतसर जंक्शन का एक प्लेटफॉर्म टिकट और होशियारपुर से जालंधर का एक जनरल टिकट मिला। जीआरपी की पूछताछ में चोर ने बताया कि वह अलीगढ़ व पंजाब में ईट भट्टा में मजदूरी करता था। दिमागी तौर से कुछ कमजोर होने की आशंका पर जीआरपी ने बच्चा चोर की पहले मेडिकल जांच कराई। फिर परिजनों की तहरीर पर उसके खिलाफ धारा फ्म्फ् में मुकदमा दर्ज किया।