पैसेंजर्स का दिमाग 'गर्म' कर रहा रेलवे का पानी
गर्मी शुरू होते ही साफ और ठंडे पानी को जंक्शन पर तरसे पैसेंजर्स
बिना प्योरीफायर के वॉटर सप्लाई, ट्रैक धोने और पीने का पानी एक प्लेटफॉर्म्स 2, 3 और 4 पर एक भी वॉटर कूलर और टॉयलेट नहींBAREILLY: चिलचिलाती धूप, माहौल में सूरज की लगातार बढ़ रही तपिश, हर किसी को छांव की दरकार और खुद को गर्मी से बचाने की हर मुमकिन कोशिश। अप्रैल के आखिरी पड़ाव के साथ ही अपने तेवर तीखे कर रही गर्मी में हर कोई बेहाल है, लेकिन बरेली जंक्शन पर रोजाना सफर करने वाले हजारों पैसेंजर्स सूरज की इस तपिश से ज्यादा रेलवे की तल्खी से हलकान है। इसके बावजूद रेलवे को अपनी पैसेंजर्स की सुध नहीं है। प्लेटफॉर्म्स पर पीने का साफ और ठंडा पानी इस बार भी पैसेंजर्स को मयस्सर नहीं हुआ। जंक्शन के ज्यादातर प्लेटफॉर्म्स पर एक भी वॉटरकूलर नहीं। मजबूरन पैेसेंजर्स इस गर्मी में सादा पानी पीकर गला तर करने या फिर जेब हल्की कर बोतलबंद पानी पीने को मजबूर है।
साल दर साल व्यवस्था बेहालगर्मी शुरू होते ही जंक्शन पर पानी की व्यवस्था चरमरा जाती है। जंक्शन पर रेलवे ऑफिशियल्स का खुद यह मानना है। गर्मी के आते ही पानी की खपत बढ़ जाती है, लेकिन डिमांड के मुकाबले साफ ठंडे पानी की सप्लाई करने में रेलवे इस बार भी नकारा रहा। ना तो रेलवे की ओर से जंक्शन पर प्रॉपर सप्लाई के लिए वॉटर टैंक की क्षमता बढ़ाई गई और ना ही पानी को वॉटर प्यूरीफायर से साफ कर हर प्लेटफॉर्म्स पर पीने लायक बनाने के इंतजाम पूरे हो सके। पैसेंजर्स से पूरा किराया लेने या टिकट ना होने पर जुर्माना वसूलने वाला रेलवे उन्हें वाजिब फैसेलिटीज व एमेनिटीज देने में पिछले कई सालों से फिसड्डी रहा है।
नहीं लगे कभी वॉटर कूलरए कैटेगरी के इस जंक्शन की सारी सहूलियतें प्लेटफॉर्म क् तक ही सीमित हैं। सिर्फ इसी प्लेटफॉर्म पर वॉटर कूलर के जरिए पैसेंजर्स को ठंडा पानी पिलाने का इंतजाम है, जबकि दूसरे सभी प्लेटफॉर्म्स के हजारों पैसेंजर्स के साथ सालों से दोयम दर्जे का ट्रीटमेंट बरकरार है। प्लेटफॉर्म्स ख्, फ् और ब् पर एक भी वॉटरकूलर कभी नहीं लगाया गया। इन प्लेटफॉर्म्स पर पैसेंजर्स को नॉर्मल या गर्म पानी ही पीने को अवेलेबल है। प्लेटफॉर्म क् में भी हालत खराब ही है। यहां तीन वॉटर कूलर लगे हैं। आरपीएफ थाने के पास लगे वॉटरकूलर में जहां ठंडे पानी की धार कभी कभी ही पीने को मिलती है। वहीं पार्सल डिर्पाटमेंट के पास बने वॉटर कूलर से पैसेंजर्स को शीतल जल के नाम पर गर्म पानी से प्यास बुझानी पड़ती है।
गंदगी धोने और पीने का पानी एक जंक्शन पर पानी की सप्लाई जीआरपी थाने के पीछे बने वॉटर टैंक से पूरी की जाती है। टैंक पर टंगा बोर्ड इसकी कैपेसिटी क्,98,क्भ्8 लीटर दिखाता है। इस टैंक से सप्लाई होने वाला जो पानी रेलवे ट्रैक की गंदगी साफ करने के काम आता है वहीं पीने के पानी के तौर पर यूज किया जाता है। वॉटर टैंक के पानी को प्रॉपर्ली फिल्टर करने के नाम पर इसमें क्लोरीन मिलाई जाती है। इसमें भी लापरवाही चरम पर है। सोर्सेज के मुताबिक इस पानी के क्लोरीनाइजेशन के लिए तीन प्लांट लगाए गए हैं, इसमें से फिलहाल एक ही काम कर रहा है। वहीं हर महीने इस वॉटर टैंक की साफ सफाई जरूरी है लेकिन फ्-ब् महीनों तक इसकी सफाई नहीं होती। अनअप्रूव्ड पानी की खपत बढ़ीजंक्शन पर हर दिन क्70 से ज्यादा ट्रेंस गुजरती हैं। इनमें ब्0,000 से ज्यादा पैसेंजर्स चढ़ते उतरते हैं। इनमें प्लेटफॉर्म ख्, फ् और ब् से ही क्ख्0 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें चढ़ने उतरने वाले पैसेंजर्स की तादाद ख्8,000 से ज्यादा है। इन प्लटफॉर्म्स पर वॉटरकूलर की सुविधा ना होने से ठंडे बोतलबंद पानी की डिमांड बढ़ जाती है। जंक्शन पर रेलनीर सहित पांच कंपनीज के पानी को ही बिक्री का अप्रूवल मिला है। गर्मी में भ्0 फीसदी डिमांड ज्यादा होने के बावजूद इन अप्रूव्ड पानी की सप्लाई नहीं बढ़ती। ऐसे में अनअप्रूव्ड पानी की खपत तेजी से बढ़ रही है। अप्रूव्ड पानी के जितनी ही कीमत चुकाने के बावजूद घटिया क्वालिटी और बिना वॉटर प्यूरीफायर के इस पानी को पीने के लिए पैसेंजर्स मजबूर हैं।
शर्मिदगी बना टॉयलेट का इश्यूजंक्शन पर पीने के पानी के अलावा टॉयलेट्स का इश्यू भी रेलवे के लिए शर्मिदगी की वजह बना हुआ है। हालांकि यह अव्यवस्था जिम्मेदारों को आज तक शर्म का अहसास नहीं करा सकी है। प्लेटफॉर्म क् पर रिजर्वेशन बुकिंग काउंटर के पास बने पे एंड यूज टॉयलेट्स के अलावा पूरे जंक्शन पर कहीं भी पैसेंजर्स के लिए इसकी कोई सुविधा नहीं है। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा महिला पैसेंजर्स और बुजुगरें को उठाना पड़ता है। रेलवे ऑफिशियल्स के मुताबिक करीब दो साल पहले एक एनजीओ ने प्लेटफॉर्म ख्, फ् और ब् पर दोनों छोर पर ख्0-ख्0 टॉयलेट्स बनाने के साथ ही सर्कुलेटिंग एरिया में ख्00 कदंब के पेड़ लगाने का भी प्रपोजल दिया था, इसके खर्च की पूरी जिम्मेदारी उसी ने ली थी। बावजूद इसके रेलवे के जिम्मेदार फ्री में मिल रही इस सुविधा के लिए सिर्फ जमीन तक प्रोवाइड कराने में फिसड्डी रहे।
जंक्शन के सभी प्लेटफॉर्म्स में पीने का साफ पानी अवेलेबल कराने में जुटे हैं। इसके लिए चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर समेत सभी को कड़े निर्देश दिए गए हैं। मुरादाबाद डिविजन से बाकी प्लेटफॉर्म्स के लिए वॉटरकूलर की सप्लाई नहीं हो पाई है। पैसेंजर्स को टॉयलेट्स सहित हर सुविधा देने की हम कोशिश कर रहे हैं। - आरबी सिंह, स्टेशन सुपरिटेंडेंट प्लेटफॉर्म पर कहीं भी ठंडा पानी नहीं मिलता। गर्म पानी पियो या फिर पैसे खर्च कर बोतलबंद पानी पीना मजबूरी है। रेलवे को हर प्लेटफॉर्म पर ठंडे पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। - यामीन खान, सर्विस पर्सन ख्0 साल से देख रहा हूं जंक्शन पर कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ। टॉयलेट्स की कोई सुविधा नहीं। ऐसे में गर्ल्स, महिलाएं और बुजुर्ग कहां जाएं। रेलवे ने किराया बढ़ाया, सुविधाए नहीं। - अशोक कुमार शर्मा, सीनियर सिटीजन जंक्शन पर सुविधा के नाम पर सिर्फ असुविधा है। रेलवे अगर किराया पूरा लेती है तो सुविधाएं भी दे। गर्मी में पीने के लिए साफ ठंडा पानी नहीं मिलता। पिछले क्0 साल से यही हाल देख रहा हूं। - महेन्द्र पाल अगर आपकी ट्रेन प्लेटफॉर्म क् पर नहीं है तो दूसरे प्लटफॉर्म्स पर मजबूरी में गर्म पानी पीना पड़ता है, नहीं तो पैसे खर्च करें। सबसे ज्यादा दिक्कत तो टॉयलेट्स की है। - रश्मि, बीएड स्टूडेंट