ट्रेनों की तरह रेलवे के डॉक्टर भी लेटलतीफ
लखनऊ में भी हुआ था ट्रीटमेंट70 साल के बीबी नियोगी सैटरडे को हावड़ा-हरिद्वार एक्सप्रेस की बी2 कोच में सफर कर रहे थे। सफर के दौरान उनके हाथ में चोट लग गई। लखनऊ जंक्शन पर उनका ट्रीटमेंट करवाया गया लेकिन ट्रेन की रवानगी के बाद रास्ते में उनकी हालत फिर बिगडऩे लगी। इसकी सूचना तत्काल ट्रेन के गार्ड को दी गई। गार्ड ने घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दे दी। वहां से सूचना बरेली जंक्शन को ट्रांसफर की गई। जंक्शन से सूचना सीनियर डीएमओ वेद प्रकाश को फॉरवर्ड की गई। ट्रेन बरेली जंक्शन पर दोपहर 1.53 बजे पहुंची लेकिन इंफॉर्मेशन मिलने के बावजूद डॉक्टर प्लेटफॉर्म पर नहीं पहुंचे थे। इसकी वजह से ट्रेन को 28 मिनट तक रोके रखना पड़ा।20मिनट खड़ी रही ट्रेन
ट्रेन का जंक्शन पर केवल पांच मिनट के लिए ही स्टॉपेज है। लिहाजा बार-बार डॉक्टर को कॉल किया गया। डॉक्टर लगभग 2.05 बजे प्लेटफॉर्म पहुंचे। तब कहीं जाकर बुजुर्ग बीबी नियोगी का ट्रीटमेंट किया जा सका। उन्हें राहत मिलने के बाद ट्रेन को 2.13 बजे रवाना किया गया।