'अच्छे दिनों' से फिर दूर रुहेलखंड
गौड़ा-गाड़ी के पहले बजट में रुहेलखंड को नहीं मिली उम्मीदों की सौगात
बरेली जंक्शन में 7 नई ट्रेनों को मिला स्टॉपेज, 2 जनसाधारण व 5 एक्सप्रेस एनईआर कराएगा पीलीभीत-शाहजहांपुर की 83 कि.मी। लाइन को ब्रॉडगेजBAREILLY: मानसून की दस्तक तले रेलवे मिनिस्टर से अच्छे दिनों की आस लगाए रुहेलखंड के नसीब में एक बार फिर ना-उम्मीदी का सूखा आया है। रेलवे मिनिस्टर सदानंद गौड़ा के ब्रीफकेस से निकली सुविधाओं की लंबी फेहरिस्त में रुहेलखंड को सिवाय चंद ट्रेनों के स्टॉपेज के, कुछ भी खास हाथ नहीं लगा। गौड़ा-गाड़ी रुहेलखंड को एनईआर इज्जतनगर डिविजन में डेमू मेंटनेंस प्रोजेक्ट और भोजीपुरा- टनकपुर लाइन को ब्रॉडगेज कराने सहित कई सौगातें मिलने की आस थी, जो फिलहाल इस बार भी अधूरी रह गई। हालांकि रेलवे मिनिस्टर के पिटारे से बरेली जंक्शन के हिस्से में 7 नई ट्रेनों का स्टॉपेज मिला है, जिससे पैसेंजर्स को काफी सहूलियत मिलने की उम्मीद है, लेकिन इनमें से भी कोई भी ट्रेन बरेली से ऑरिजिनेट नहीं होगी।
यह आएंगी जंक्शन तकरेल बजट में कुल 58 नई ट्रेनों की सौगात देश को मिली है। जिसमें से 7 ट्रेनें बरेली जंक्शन से होकर गुजरेंगी। इनमें 2 जनसाधरण ट्रेनें और 5 एक्सप्रेस ट्रेने हैं। जिन 7 ट्रेनों को जंक्शन पर स्टॉपेज मिला है उनमें सहरसा-आनंद विहार जनसाधारण एक्सप्रेस वाया मोतिहारी, सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस, गोरखपुर-आनंद विहार एक्सप्रेस वीकली, कामख्या-कटरा एक्सप्रेस वीकली वाया दरभंगा, कानपुर-अमृतसर एक्सप्रेस वीक में दो दिन, नई-दिल्ली-वाराणसी एक्सप्रेस डेली और रामनगर-आगरा एक्सप्रेस वीकली श्ामिल हैं।
उम्मीदें जो नहीं हुई पूरी सीबीगंज में रेल स्लीपर फैक्ट्री बंद हो जाने के बाद एनईआर इज्जतनगर मंडल ने यहां डीजल-इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट, डेमू मेंटनेंस का प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रपोजल भेजा। रेलवे बोर्ड ने करीब 37.50 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को मंजूर करते हुए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के निर्देश भी दिए। लेकिन उसके बाद पिछले साल से यह प्रोजेक्ट अटका पड़ा। वहीं पहाड़ों से पीलीभीत-टनकपुर और लखीमपुर खीरी तक आसान पहुंच के लिए भोजीपुरा-टनकपुर लाइन को ब्रॉडगेज कराने के प्रपोजल को इस बार भी हरी झंडी नहीं दिखी। यहां बिछेगी ब्राॅडगेज लाइनरेल बजट में इस बार भी बरेली-कासगंज और भोजीपुरा-टनकपुर लाइन को ब्रॉडगेज करने के प्रोजेक्ट को स्पीड न मिली हो, लेकिन एनईआर मंडल को पीलीभीत-शाहजहांपुर लाइन को ब्रॉडगेज कराने के लिए सर्वे का आदेश मिल गया है। पिछले काफी समय से पीलीभीत-शाहजहांपुर लाइन को ब्रॉडगेज किए जाने की जरूरत महसूस हो रही थी। बहरहाल रेलवे ने 83 कि.मी लंबी इस लाइन को ब्रॉडगेज करने में दिलचस्पी दिखा दी है। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद ही रेलवे की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए बजट पास किया जाएगा।
फिर फेल न हो महिला िसक्योरिटी ट्रेनों में फीमेल आरपीएफ कांस्टेबल पर महिला पैसेंजर्स खुश पिछले बार के बजट में भी थी महिला आरपीएफ होने की बात BAREILLY: ट्रेनों व स्टेशन पर महिला पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए रेल मिनिस्टर के बजट से स्पेशल सिक्योरिटी प्रपोजल भी निकला है। रेल बजट में महिला पैसेंजर्स की सिक्योरिटी के लिए ब् हजार महिला आरपीएफ कांस्टेबल की भर्ती की जाएगी। जिससे सफर के दौरान और स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते समय महिला पैसेंजर्स खुद को ज्यादा सेफ व कंफर्टेबल महसूस कर सकें। ट्रेनों में होने वाली वारदातों को रोकने के लिए यह पहल की जा रही है। वहीं क्म्वीं लोकसभा चुनाव के दौरान पिछले कुछ महीनों में ट्रेनों में पैसेंजर्स के साथ लूट की वारदातों में जबरदस्त इजाफा हुआ जिसके बाद स्पेशल सेफ्टी की जरूरत हो रही है। पिछली बार भी खोखले रहे दावेहालांकि महिला पैसेंजर्स को सेफ्टी देने के लिए महिला आरपीएफ की कवायद नई नहीं। पिछली बार यूपीए गर्वनमेंट में रेल मिनिस्टर रहे पवन कुमार बंसल ने भी अपने ख्म् फरवरी ख्0क्फ् के रेल बजट में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कमोबेश यही प्रपोजल पास किए थे। उन्होंने उस रेल बजट में महिला पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए ब् कंपनियां महिला आरपीएफ के गठन को मंजूरी दी थी। साथ ही आने वाले समय में 8 और कंपनियां बनाने की बात कही थी। जो साल भर बाद भी शुरू न हुई। ऐसे में महिला पैसेंजर्स ने इस कदम को बेहतर तो बताया लेकिन साथ ही पिछली बार की तरह हवा हवाई दावें न साबित होने की शंका भी जताई।
ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा बहुत जरूरी है। महिला आरपीएफ होने से फीमेल पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी। लेकिन यह पहल पूरी हो सिर्फ योजना ही न रहे। - रंजना शर्मा, वर्किंग अगर लागू हो सके तो फीमेल आरपीएफ सिक्योरिटी बहुत ही फायदेमंद होगी। महिलाओं को ट्रेनों में पूर सेफ्टी मिलेगी। पिछले बजट में ऐसी ही योजना थी जो पूरी न हुई। लेट्स सी क्या होता है। - पूजा मिश्रा, एमबीए स्टूडेंट ट्रेनों में लूट क्राइम की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। ऐसे में सिक्योरिटी तो चाहिए ही, लेकिन महिला आरपीएफ स्टाफ होने से महिलाएं खुद को ज्यादा बेहतर महसूस कर सकेंगी। लेकिन यह कब शुरू होगी यह देखना है। - सरिता कटरिया, स्टूडेंटरेल बजट में लोगों के लिए कुछ खास नहीं है। बुलेट ट्रेन की घोषणा तो की गई है, लेकिन सिक्योरिटी और सफाई को लेकर कुछ खास अरेंजमेंट्स नहीं किए गए हैं। इस बजट ने लोगों को निराश ही किया है।
- राम शर्मा, सर्विस मैन रेल बजट में स्टूडेंट्स का ध्यान नहीं रखा गया है। ट्रेनों में स्टूडेंट्स को छूट मिलनी चाहिए। इसके अलावा हर ट्रेन में एक पूरी बोगी महिलाओं के लिए रिजर्वड होनी चाहिए, जिसमें महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए। - पल्लवी श्रीवास्तव, स्टूडेंट इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप रास्ता खोलना अच्छी बात है। समर ट्रेनिंग के लिए अब स्टूडेंट्स को एक बेहतर प्लेटफॉर्म मिलेगा। - मनीष कौशल, स्टूडेंट पहली बार किसी सरकार ने तीर्थ स्थानों को ध्यान में रखकर विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। यह एक सराहनीय कदम है। विशेष ट्रेन चलाने से अब चारों धामों की यात्रा और आसान और सुलभ हो जाएगी। - अलगू बाबा, संत पोस्टऑफिस से टिकट मिलने से लोगों को दलालों और लंबी लाइन से निजात मिलेगी। अब लोगों को टिकट लेने के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा। - कमल किशोर, स्टूडेंट्स भारत में बुलेट ट्रेन चलने का सपना अब साकार होने वाला है। मोदी सरकार को पूरे देश में कम से कम दो दर्जन से ज्यादा बुलेट ट्रेन चलवानी चाहिए, जिससे मैक्सिमम लोगों को इसका फायदा मिल सके। - संजीव कुमार, स्टूडेंट्स सीनियर सिटिजंस के लिए स्टेशनों पर बैटरी से चलने वाली कारों की व्यवस्था वाकई सराहनीय कदम है। इसका फायदा निश्चित रूप से बुजुर्गो को मिलेगा। इसके साथ ही रेल बजट में महिलाओं की सेफ्टी का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। - उमा गुप्ता, हॉउस वाइफ ट्रेनों में गंदगी और सिक्योरिटी की बहुत बड़ी समस्या है। किराया बढ़ना मैटर नहीं करता है। सवाल यह है कि किराया बढ़ने के बाद भी लोगों को फैसिलिटी नहीं मिलती है। - गोविंद तिवारी, सर्विस मैन रेल बजट में सभी वर्ग के लोगों का ख्याल रखा गया है। जनरल और प्लेटफॉर्म टिकट नेट से मिलने से पैसेंजर्स को काफी फायदा मिलेगा। लोगों को टिकट के लिए घंटों लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। - गुरुदेव सिंह, सर्विस मैन ट्रेन में सबसे ज्यादा प्रॉब्लम खाने की होती है। ट्रेनों में ब्रांडेड खाने की सुविधा बहुत अच्छी बात है। इससे लोगों को घर और रेस्टोरेंट की कमी नहीं खलेगी। - आलोक, स्टूडेंट