Bareilly: वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन डब्लूएचओ की प्रिडक्शन है कि 2030 तक वल्र्ड में 23.6 मिलीयन लोग कॉर्डियोवैस्कुलर डिसीज सीवीडी से मौत के शिकार हो जाएंगे. असल में उम्रदराज पुरुषों की मानी जाने वाली डिसीज की शिकार मौजूदा समय में महिलाएं और यूथ भी हो रहे हैं. यही कारण है कि इस खतरनाक डिसीज से बचाव के लिए डब्लूएचओ ने हार्ड डे 2012 की थीम 'वन वर्ड वन होम वन हार्टÓ के तहत सीवीडी डिसीज प्रीवेंशन रखा है. डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सीनियर कॉर्डिंयोलॉजिस्ट डॉ. वीपी भारद्वाज के अकॉर्डिंग बरेलियंस अपनी दिनचर्या में महज कुछ बदलाव करके सीवीडी से बच सकते है.


80 का फंडा,दिल रखें स्वस्थ्य डॉ। भारद्वाज के अकॉर्डिंग हार्ट के पेशेंट्स 80 का फंडा फॉलो करें तो दिल हर उम्र जवान रहेगा। उन्होंने बताया कि हर उम्र दिल को जवां रखने के लिए एक मिनट में 80 कदम की ऐवरेज से एक वीक में 80 मिनट वॉक करें। डेली मील में एक बार में 80 कैलोरी से ज्यादा न खाए। साल में 80 दिन अनाज न खाए, इसकी जगह सीजनल फ्रूट और वेजीटेबल खाए। दिन में 80 बार प्राणायाम का योग करें। हर दिन 80 मिनट मेडिटेशन को दे। शराब से बचे, मगर पीना ही चाहे तो 80 एमएल से कम लें। मिनिमम ब्लड प्रेशर (डायसिस्टॉलिक), कॉलेस्ट्रॉल एलडीएल, दिल की धड़कन, खाली पेट सुगर, कमर की चौड़ाई को 80 से कम रखे। क्या है CVD


कॉर्डियोवैस्कुलर डिसीज ऐसे रोगों का समूह है, जो हार्ट या ब्लड वेंस को इफेक्ट करता है। इस बीमारी की स्टार्टिंग एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनी के रोग) से होती है। कई केसेज में देखा गया है कि पेशेंट में ये डिसीज बचपन से पनप जाती है। डिसीज से इफेक्टेड पेशेंट को ही पता नहीं चल पाता है। डॉक्टर्स मानते हैं कि ये डिसीज सेकेंड या थर्ड स्टेज में सामने आती है। यहीं कारण है कि ज्यादातर मामलों में ये जानलेवा साबित होती है।  

ये test करवाएं डिसीज की संभावनाओं का पता करने के लिए सबसे पहले आपको रेस्टिंग ईसीजी करवानी चाहिए। अगर उसमें सब ठीक है तो टेडमिल टेस्ट कराएं। टेस्ट में कुछ गड़बड़ी निकलने पर अल्ट्रासाउंड या एंजियोग्राफी टेस्ट करवाना चाहिए। एंजियोग्राफी टेस्ट में धमनियों की स्थिति और ब्लॉकेज का पता चल जाता है। Facts file-हार्ट डिसीज के मामलों में हर तीन में से एक महिला की मौत कॉर्डियोवासकुलर डिसीज से होती है। -हर साल 20 लाख लोग कोरोनरी हार्ट डिसीज से मरते हैं।-स्मोकिंग की वजह से हर साल 60 लाख लोगों के दिल प्रभावित होते हैं।-हर साल विश्व में 10 लाख नवजात कॉनजेंशियल डिसीज के साथ पैदा होते हैं। बचना है तो करें एक्सरसाइज डॉक्टर्स के अकॉर्डिंग हार्ट पेशेंट्स में यूथ की बढ़ती संख्या अलार्मिंग  है। इसलिए आपाधापी की लाइफ से कुछ वक्त सेहत के लिए निकालना जरूरी है। स्मोकिंग की बढ़ती हैबिट और डोमेस्टिक लाइफ में अनुशासन की कमी के चलते ये प्रॉब्लम सर उठा रही है। उन्होंने बताया कि अगर आपको लगता है कि आप पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं तो भी हार्ट डिसीज से बचने के लिए कॉर्डियो एक्सरसाइज के साथ इन बातों का ध्यान रखे।

-कॉर्डियो एक्सरसाइज में तेज वॉक, जॉगिंग, साइक्लिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, डांस कर सकते हैं। -जिन्हें घुटनों की दिक्क्त है, रोज कम से कम 5 किमी पैदल चले।-कॉलेस्ट्रॉल या बीपी से बचाव के लिए डाइट में फाइबर वाली चीजें खाए। -कॉलेस्ट्रॉल सिर्फ अंडे के पीले हिस्से, रेड मीट और दूध की मलाई में ही पाया जाता है। इसलिए इससे बचे।-सैचुरेडेटिड फैट (देसी घी, वनस्पति, मक्खन, नारियल तेल) से बचे।-मैथी, लहसून, प्याज, हल्दी और सोयाबीन को डाइट का हिस्सा बनाए।कॉर्डियोवैस्कुलर डिसीज बेहद खतरनाक होती है। इससे बचाव के लिए सिर्फ दिनचर्या में बदलाव करने होंगे। सेहत के प्रति लापरवाही यूथ और महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो रही है। यहीं कारण है कि पिछले कुछ सालों में दिल के रोगियों में यूथ की संख्या में इजाफा हुआ है। -डॉ। वीपी भारद्वाज, सीनियर कॉर्डिंयोलॉजिस्ट

Posted By: Inextlive