पहले शौक, फिर धुआं हो रही जिंदगी
- वेबिनार में अपर शोध अधिकारी और मनो विज्ञानी ने दिए पाठकों सवालों के जवाब
- बोले एक्सपर्ट-बच्चों से न मंगवाए तंबाकू उत्पाद, मिलता है बढ़ावा बरेली : हर साल जिले में करीब दो हजार मरीज कैंसर से ग्रसित मिल रहे हैं। हैरत की बात यह है कि इनमें अधिकांश मरीज मुंह और फेफड़ों से संबंधित कैंसर के हैं। डॉक्टर्स के अनुसार लंबे समय तक सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने वाले मरीजों में ही कैंसर की पुष्टि हो रही है। यह बातें सीएमओ कार्यालय में तैनात अपर शोध अधिकारी पीएन आनंद और मनो विज्ञानी डॉ। हेमा खन्ना ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित वेबिनार में कहीं। वेबिनार का विषय था तंबाकू का सेवन करने से इसके क्या दुष्प्रभाव व्यक्ति की सेहत पर पड़ते हैं। लाइसेंस व्यवस्था जल्द होगी लागूतंबाकू नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी पीएस आनंद ने बताया कि पिछले दो सालों से तंबाकू नियंत्रण छापेमारी अभियान व्यापक रूप से नहीं चल पाया है। इसका मुख्य कारण कोरोना महामारी है। हालांकि इससे पहले लगातार प्रत्येक सप्ताह के फ्राइडे को शहर में छापेमारी अभियान चलता था। इस दौरान शहर के कई बड़े व्यापारियों समेत सिटी स्टेशन, रेलवे जंक्शन, श्यामगंज समेत अन्य इलाकों में दुकानों से भारी मात्रा में तंबाकू और सिगरेट को जब्त कर जुर्माना वसूला गया है। शासन को तंबाकू से बने उत्पाद की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करने का प्रस्ताव भेजा गया है। यह व्यवस्था लागू होने से काफी हद तक इस पर अंकुश लग सकेगा।
चार धाराओं में होती है कार्रवाई पीएस आनंद के अनुसार तंबाकू से बने उत्पाद बेचने पर चार धाराओं में कार्रवाई की जाती है, जिसमें धारा 4 में किसी भी सरकारी विभाग के आसपास पान गुटखा, सिगरेट की बिक्री प्रतिबंधित है। बिक्री करते पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई का प्रावधान है। वहीं धारा 5 में तंबाकू से बने उत्पाद पर हेल्थ एडवाइजरी न लिखा होने पर कार्रवाई, वहीं धारा 6 व सात में 18 साल से कम उम्र के किसी व्यक्ति को उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। वहीं स्कूल कॉलेज के 200 मीटर की दायरे में पान-गुटखा, सिगरेट की दुकान लगाना प्रतिबंधित है। इच्छा शक्ति से दूर होगी नशे की लतसीनियर मनो विज्ञानी डॉ। हेमा खन्ना के अनुसार तंबाकू का सेवन लगातार करने से दिमाग के साथ ही शरीर की इम्युनिटी पर भी गंभीर असर पड़ता है। अधिकांश केसेस ऐसे आते हैं जिसमें लोग नशे को सुकून मानते हैं बाद में यहीं सुकून जानलेवा साबित हो जाता है। 50 फीसदी केसेस में लोग खुद की दिनचर्या में परिवर्तन कर तंबाकू के सेवन से मुक्त हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि नशे की तलब लगने पर खुद को व्यस्त रखें। वहीं नशे की जद से निकालने में फैमिली सपोर्ट भी बहुत जरुरी है।
पाठकों के सवाल कार्रवाई को किस नंबर पर करें कॉल आरयू की एनएसएस वॉलिंटियर दिपांशी ने सवाल किया अगर कॉलेज के पास कोई चोरी-छिपे तंबाकू प्रोडक्ट बेच रहा हो तो किस नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस पर अपर शोध अधिकारी पीएस आनंद ने बताया उनके मोबाइल नंबर 8979848009 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। कॉलेज के पास धड़ल्ले से होती है बिक्री आरयू के एनएसएस वालंटियर मोहित ने सवाल किया कि अक्सर शहर में निकलने पर गली-मोहल्लों के साथ ही कॉलेज के ठीक सामने ही तंबाकू के उत्पाद धड़ल्ले से बेचे जाते हैं। इस पर पीएस आनंद ने जवसब दिया कि आप फौरन मोबाइल नंबर पर कॉल करें, टीम भेजकर कार्रवाई की जाएगी।