- इस सोच के चलते शहर में नहीं लग पा रहे खंभे व ट्रांसफॉर्मर

-काम पूरा लेकिन विरोध के चलते सप्लाई शुरू नहीं

BAREILLY:

बरेली के लोगों को बिजली तो चाहिए, लेकिन खंभा पड़ोसी के घर के सामने हो। इसी सोच के चलते ही शहर में स्काडा प्रोजेक्ट के तहत नई लाइन से बिजली सप्लाई शुरू होने का काम अटका हुआ है। लिहाजा, फॉल्ट की प्रॉब्लम से निजात पाने में पब्लिक खुद बाधक बनी हुई है। शहर में दर्जनों ऐसे वाकये हुए जब पोल व ट्रांसफॉर्मर लगाने गए बिजलीकर्मियों को विरोध के चलते लौटना पड़ गया।

25 स्थानों पर फंसा मामला

पब्लिक को दिन-रात भरपूर बिजली तो चाहिए। लेकिन, वह अपने घर के आस-पास या खाली प्रॉपर्टी के पास पोल और ट्रांसफार्मर लगने नहीं देना चाहती है। प्रोजेक्ट का काम देख रही केईआई कंपनी ने शहर के कई जगहों पर लाइन बिछाने का काम बहुत पहले ही पूरा कर चुकी है। लेकिन, पब्लिक के विरोध के कारण वह पोल और ट्रांसफार्मर नहीं लगाकर नई लाइनों से सप्लाई शुरू नहीं कर सकी है। लिहाजा वहां पर पुराने लाइन से बिजली की सप्लाई की जा रही है। कंपनी के इंचार्ज पवन नंदी ने बताया कि वर्तमान समय में 25 स्थानों पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जबकि, 20 से अधिक जगहों पर पुलिस और प्रशासन की मदद से किसी तरह काम पूरा हो सका।

पुराने शहर में ज्यादा दिक्कत

कंपनी को सबसे अधिक विरोध का सामना पुराना शहर में करना पड़ रहा है। या फिर कंजेस्टेड वाले जगहों पर। पब्लिक का यहीं कहना होता है कि ट्रांसफार्मर और पोल जहां जाकर लगाना है लगाओ। लेकिन, मेरे यहां नहीं लगाना है। जब सरकारी काम है, तो सरकारी जमीन पर जाकर पोल क्यों नहीं लगाते। ऐसे तमाम तर्क पब्लिक देकर विरोध जताती है।

काम पूरा नहीं लगने दे रहे ट्रांसफॉर्मर

चकचूंगी में ही अंडर ग्राउंड केबल बिछाने का काम एक महीने पहले ही पूरा कर लिया गया है। लेकिन, स्थानीय लोग अपने घर के सामने ट्रांसफार्मर लगाने नहीं देने दे रहे हैं। पिछले एक महीने से यहां पर नई लाइन से बिजली सप्लाई नहीं हो पा रही है। अब बिजली विभाग ने पुलिस की मदद मांगी है। ताकि, ट्रांसफार्मर लगा कर सप्लाई जल्द शुरू की जा सके।

बॉक्स

- 1,75,000 उपभोक्ताओं को प्रोजेक्ट पूरा होने पर मिलेगी राहत।

- 350 करोड़ का है प्रोजेक्ट।

- 50 ऑफिस और 300 कर्मचारी प्रोजेक्ट पूरा करने में लगे हुए हैं।

- 25 स्थानों पर जारी है पब्लिक का विरोध।

- 20 से अधिक स्थानों पर विभाग को पुलिस की मदद से कराना पड़ा काम।

- 3 बार प्रोजेक्ट पूरा करने की डेटलाइन बढ़ चुकी है।

- 31 अक्टूबर 2016 आखिरी डेटलाइन तय की गयी है।

कंपनी कई बार यह कंप्लेन कर चुकी है कि पब्लिक इक्विपमेंट लगाने पर विरोध करती है। पब्लिक से बात कर और पुलिस, प्रशासन की मदद से समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाता है।

मनोज पाठक, एसई, बिजली विभाग

Posted By: Inextlive