Bareilly: तत्काल पासपोर्ट बनवाने के लिए अप्लाई करने वाले लोगों के डॉक्यूमेंट्स की जांच में फर्जी वैरिफिकेशन सर्टिफिकेट सामने आ रहे हैं. यह खुलासा खुद पासपोर्ट सेवा केन्द्र पीएसके के अधिकारी कर रहे हैं. दरअसल मामला पासपोर्ट से जुड़ा होने के कारण अधिकारी हर किसी को वैरिफिकेशन सर्टिफिकेट जारी नहीं करते. इसका फायदा दलाल उठाते हैं और कैंडीडेट्स को अपने चंगुल में फंसा कर फर्जी वैरिफिकेशन सर्टिफिकेट बनाने का खेल करते हैं. इसके बदले कैंडीडेट्स से 5-8 हजार रुपए वसूल किए जाते हैं. वहीं ऐफिडेविट बनवाने के नाम पर भी दलाल खूब मौज काट रहे हैं.


ऑफिसर्स के फर्जी signपासपोर्ट अधिकारियों के अकॉर्डिंग पासपोर्ट जारी करने से पहले कैंडीडेट्स के सभी डॉक्यूमेंट्स की जांच की जाती है। जांच के दौरान फर्जी वैरिफिकेशन सर्टिफिकेट भी सामने आ रहे हैं। इन सर्टिफिकेट पर संबंधित अधिकारियों के फर्जी सिग्नेचर और विभाग की मुहर इस्तेमाल की जाती है। 10 परसेंट वैरिफिकेशन सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं।  दलाल चमका रहे धंधापासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) से बरेली सहित 13 डिस्ट्रिक्ट जुड़े हुए हैं। इस वजह से यहां दूर-दूर से डेली सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। जल्दी पासपोर्ट बनवाने के लिए लोग दलालों के चक्कर में फंस जाते हैं। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए दलालों द्वारा कैंडीडेट्स से मनमाना पैसा वसूल किया जाता है। सोर्सेज के अकॉर्डिंग पीएसके के आस-पास 50 से ज्यादा दलाल सक्रिय हैं। इन्होंने बकायदा अपना ऑफिस भी खोल रखा है।आठ हजार में certificate


सोर्सेज के अकॉर्डिंग वैरीफिकेशन सर्टिफिकेट बनाने के एवज में दलालों द्वारा कैंडीडेट्स से 5-8 हजार रुपए तक वसूल किए जाते हैं। दलाल कैंडीडेट से ये बात कहते हैं कि  अधिकारियों द्वारा बनवाया गया ओरिजनल सर्टिफिकेट मिलेगा। पर ऐसे सर्टिफिकेट तैयार करने के लिए दलाल फर्जी मुहर और सिग्नेचर का इस्तेमाल करते हैं। जब कैंडीडेट्स तत्काल पासपोर्ट के लिए वैरीफिकेशन सर्टिफिकेट अटैच करके पासपोर्ट ऑफिस भेजते हैं तो जांच में वह फर्जी पाया जाता है। दलालों द्वारा खुद का कोई प्रूफ न दिए जाने की वजह से कैंडीडेट्स इनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं कर पाते हैं। Affidavit के नाम पर खुलेआम लूटइतना ही नहीं ऐफिडेविट के नाम पर दलाल कैंडीडेट्स को खुलेआम लूट रहे हैं। दरअसल पासपोर्ट बनवाने के लिए अनपढ़ कैंडीडेट्स को 10 रुपए का ऐफिडेविट जमा करना होता है। दलालों द्वारा 10 रुपए का ऐफिडेविट 200 रुपए में बनाया जाता है। अनपढ़ कैंडीडेट्स ऐफिडेविट बनवाने के लिए दलालों के चक्कर में आसानी से फंस जाते हैं। जब इस संबंध में आई नेक्स्ट की टीम ने कस्टमर बनकर यासीन नाम के एक दलाल से बात की तो उसका कहना था कि हम लोग ऐफिडेविट खुद ब्लैक में ला रहे हैं। ब्लैक में 10 रुपए का ऐफिडेविट 100 रुपए का पड़ता है। वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट के कई मामले सामने आए हैं। कैंडीडेट्स को खुद किसी अधिकारी से मिलकर वैरिफिकेशन सर्टिफिकेट बनवाने चाहिए। फर्जी सर्टिफिकेट पाए जाने पर डिपार्टमेंट द्वारा कार्रवाई की जाती है।सीताराम यादव, रीजनल ऑफिसर, पासपोर्ट ऑफिस बरेली

मेरे पिताजी ने तत्काल पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया है। वैरिफिकेशन सर्टिफिकेट के लिए दलालों ने 8,000 रुपए की मांग की थी। लेकिन मैंने आईवीआरआई के एक अधिकारी से सर्टिफिकेट बनवाया। रियाशद, नकटिया

Posted By: Inextlive