अब विदेश जाना होगा और आसान
- पासपोर्ट के लिए अब लगेंगे जगह-जगह कैंप
-बस अप्वाइंटमेंट लेने के दौरान क्लिक करना होगा कैंप ऑप्शन पर - एप्लीकेंट्स को मिलेगी लंबी लाइनों से राहत क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:अब आपको पासपोर्ट बनवाने के लिए पासपोर्ट सेवा केंद्र के चक्कर नहींलगाने पड़ेंगे। अब पासपोर्ट आपके मोहल्ले में ही बनेगा। चौंकिए मत, यह सच्चाई है। एप्लीकेंट्स की प्रॉब्लम्स को देखते हुए पासपोर्ट डिपार्टमेंट आने वाले दिनों में बरेली में कैंप आर्गनाइज्ड करेगा। देश?के दूसरे राज्यों में यह योजना परवान चढ़ चुकी है। प्रजेंट टाइम में बरेली रीजन के अंतर्गत एक ही पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) होने से एप्लीकेंट्स को काफी प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ती है और लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं। ऑफिसर्स की मानें तो इस सर्विस को स्टार्ट करने का रीजन पीएसके पर अप्लीकेंट्स के बढ़ते हुए ओवरलोड को कम करना है। कैंप में पार्टिसिपेट करने के लिए अप्लीकेंट्स को पुराने प्रोसेस के तहत की एप्वॉइटमेंट लेने की प्रक्रिया अपनानी होगी।
कैंप में बनेंगे पासपोर्ट
विदेश मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैंप का कांसेप्ट बिल्कुल नया है। अभी तक पासपोर्ट मेला आर्गनाइज्ड कर पीएसके पर एप्लीकेंट्स के बढ़ते लोड को कम किए जाने का प्रयास किया जा रहा था। पासपोर्ट मेले की तर्ज पर कैंप का कांसेप्ट भी कारगर साबित होने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो जरूरत के अकॉर्डिग ही कैंप आर्गनाइज्ड होगा। जैसे जिस एरिया में पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने वालों की संख्या अधिक होगी उस एरिया को प्रॉयरिटी पर रखा जाएगा।
कई सिटी में स्टार्ट ऑफिसर्स की मानें तो शोलापुर, पटना जैसे कई सिटी में कैंप लगाने की डेट क्लीकर हो गई है। ट्रॉयल के तौर फरूर्खाबाद और लखनऊ में कैंप आयोजित किए जा चुके हैं। मिनिस्ट्री से जुड़े ऑफिसर्स ने बताया कि, कैंप का आयोजन परमानेंट तौर पर नहीं, बल्कि जरूरत के हिसाब से किया जाएगा। किस एरिया में कैंप लगेगा, इसका डिसीजन 10-15 दिन पहले की ले लिया जाएगा। इससे मैक्सिमम एप्लीकेंट कैंप का फायदा उठा सकेंगे। फिलहाल बरेली में कैंप की डेट अब तक क्लीयर नहींहै। कैंप में ही डॉक्यूमेंट्स की जांच पासपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से अर्गनाइज्ड होने वाला कैंप मिनी पीएसके की तरह होगा। कैंप में ही डॉक्यूमेंट की जांच होगी। कंप्यूटर स्क्रीन पर एप्लीकेंट के फोटो स्कैन के साथ ही थम्ब इंप्रेशन भी लिया जाएगा। यानि की जो प्रोसेस पीएसके में अपनाया जाता है उसी प्रोसेस से एप्लीकेंट्स को कैंप में गुजरना पड़ेगा। क्या होगा प्रोसेसकैंप के जरिए पासपोर्ट बनवाने के लिए अप्लीकेंट्स को पुराने प्रोसेस के तहत कर अप्लाई करना होगा। ऑफिसर्स की मानें तो डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर एप्लीकेंट्स को एप्वॉइटमेंट लेना होगा। कैंप कब और किस एरिया में आर्गनाइज्ड होगा, यह भी वेबसाइट पर शो होगा। एप्लीकेंट्स को प्रजेंट प्रोसेस अपनाते हुए कैंप ऑप्शन क्लिक करना होगा। इसके बाद पूरा फोल्डर ओपेन हो जाएगा। पूरी डिटेल भरने के बाद एप्लीकेंट्स को फॉर्म सबमिट कर उसका प्रिंट निकालकर सेफ रखना होगा।
एक पीएसके पर 13 डिस्ट्रिक्ट का लोड बरेली रीजन के अंतर्गत प्रजेंट टाइम में 13 डिस्ट्रिक्ट आते हैं। इनमें बरेली, बदायूं, पीलीभीत, संभल, बिजनौर, एटा, फिरोजाबाद, अमरोहा, काशीरामनगर, मैनपुरी, मुरादाबाद, रामपुर और शाहजहांपुर डिस्ट्रिक्ट हैं। इन डिस्ट्रिक्ट से पासपोर्ट के लिए रोज हजारों एप्लीकेंट्स अप्लाई करते हैं, लेकिन 13 डिस्ट्रिक्ट के बीच मात्र एक ही पीएसके होने के वजह से काफी प्रॉब्लम्स आती है। एप्लीकेंट्स की संख्या अधिक होने से वेटिंग लिस्ट बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं मुरादाबाद, रामपुर, संभल और बिजनौर डिस्ट्रिक्ट के एप्लीकेंट्स को तो 200 किलोमीटर तक का लंबा सफर तय करना पड़ता है। इसके चलते एप्लीकेंट्स का समय व पैसा दोनों वेस्ट होते हैं। वेटिंग की संख्या होगी कमपासपोर्ट के लिए रोज 7 से 8 हजार आवेदन आते हैं। अगर साल में जारी होने वाले पासपोर्ट की बात करें तो पासपोर्ट डिपार्टमेंट हर साल करीब 90,000 पासपोर्ट जारी करता है। आज की तारीख में 4,000 एप्लीकेंट्स वेटिंग लिस्ट में है। लिहाजा एरिया वाइज लगने वाले कैंप से काफी हद तक राहत मिलेगी। पीएसके पर लंबी लाइन से होकर गुजरने वाले अप्लीकेंट्स भीड़ सके बच सकेंगे।
Number game 7 से 8 हजार एप्लीकेशन रोजआती हैं 90000 पासपोर्ट जारी होते हैं हर साल ब्000 एप्लीकेंट्स है वेटिंग लिस्ट में मैक्सिमम एप्लीकेंट्स के पासपोर्ट जारी करने के लिए इस तरह के कैंप आर्गनाइज किए जा रहे हैं। प्रजेंट टाइम में दो सिटी में कैंप आर्गनाइज्ड किए जाने हैं। इस तरह की सर्विस अप्लीकेंट्स के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। एके सोबती, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स