स्टूडेंट्स के लिए 'प्रोजेक्ट असिस्ट'
क्या है 'प्रोजेक्ट असिस्ट'सेंट्रल गवर्नमेंट की मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की ऑटोनोमस बॉडी है नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्यूनल हॉर्मनी (एनएफसीएच)। यही बॉडी 'प्रोजेक्ट असिस्ट' स्कीम संचालित करती है, जो देश भर के चिन्हित कमजोर वर्ग के स्टूडेंट्स को उनकी पढ़ाई पूरी करने के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट देती है।Professional course को मिलेगा supportन केवल स्कूली बच्चे बल्कि प्रोफेशनल कोर्सेज की पढ़ाई के लिए भी 'प्रोजेक्ट असिस्टÓ के तहत स्टूडेंट्स को फाइनेंशियल हेल्प दी जाती है। 12वीं तक स्टूडेंट्स को 1,000 रुपए पर मंथ दिया जाता है। वहीं यूजी और पीजी की पढ़ाई के लिए 1,250 रुपए पर मंथ और प्रोफेशनल कोर्सेज जैसे मेडिकल, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के लिए 1,500 रुपए पर मंथ दिया जाता है।CBSE ने प्रोजेक्ट को promote करने के निर्देश दिए
सीबीएसई ने इस प्रोजेक्ट को अपने स्कूलों में प्रमोट करने के निर्देश दिए हैं, जिससे सभी इस योजना से अवेयर हो सकें और इसका लाभ सही बच्चों तक पहुंच सके। बोर्ड ने अपने सभी एफिलिएटेड स्कूल्स के प्रिंसिपल्स को यह निर्देश दिए हैं कि वे इस प्रोजेक्ट को अपने स्टाफ, स्टूडेंट्स, उनके पेरेंट्स और नेबर्स के बीच प्रमोट करने की व्यवस्था करें। बोर्ड ने इस संबंध में सभी स्कूल्स को लेटर जारी कर दिया है।क्या है eligibility
-जो बच्चे अनाथ हैं या फिर उनके पेरेंट्स की मृत्यु हो चुकी है या फिर उनके पेरेंट्स इस कंडीशन में नहीं हैं कि वे उनकी पढ़ाई का खर्च उठा सकें।-ऐसे स्टूडेंट्स की फैमिली इनकम एक लाख रुपए सालाना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।-बच्चे को किसी और रेगुलर सोर्सेज के माध्यम से फाइनेंशियल सपोर्ट न मिलता हो।-फाइनेंशियल सपोर्ट 25 वर्ष की एज तक ही मिलेगा।-जो स्टूडेंट एक ही क्लास में तीन साल गुजार देता है तो उसे सपोर्ट नहीं दिया जाएगा।Record at a glance-31 मार्च 2012 तक देश के 19 स्टेट्स के 11,033 बच्चों को अब तक इस प्रोजेक्ट का लाभ दिया जा चुका है।-31 मार्च 2012 तक करीब 64.89 करोड़ रुपए इस प्रोजेक्ट के तहत पे किए जा चुके हैं।-वर्ष 2011-12 में ही करीब 4,234 स्टूडेंट्स पर 4.44 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।-323 नए बच्चों को इस प्रोजेक्ट के लिए कवर किया जा चुका है और 2011-12 में 3,911 स्टूडेंट्स का इस हेल्प के लिए रिनुअल हुआ।