Bareilly: इलेक्शन कमीशन ने कैंडिडेट्स के लिए अलग से अकाउंट खुलवाने का निर्देश तो दे दिया है लेकिन ट्रांजेक्शन पर निगरानी बहुत मुश्किल होगी. लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने कैंडिडेट्स को डाकघर या बैंकों में अलग अकाउंट खुलवाने का डायरेक्शन दे दिया है. निगरानी की व्यवस्था भी बना ली है लेकिन बैंक इसके लिए तैयार नहीं हैं. बैंकों की मानें तो ऑनलाइन बैंकिंग एरा में इस तरह ट्रांजेक्शन पर निगरानी में टेक्निकल लोचा है.

चुनाव खर्च अलग account से
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए डीएम ने ट्यूजडे को एक ऑर्डर पास किया। इसके अकॉर्डिंग प्रत्याशियों को चुनाव लडऩे से पहले किसी भी बैंक या डाकघर में एक सेविंग अकाउंट ओपेन करवाना होगा। चुनाव के दौरान उन्हें इन्हीं खातों से सभी ट्रांजेक्शन करना होगा।
बड़ा transaction सिर्फ cheque से
एसीएम पूरन सिंह राणा ने बताया कि प्रत्याशी 20 हजार रुपए तक कैश में ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इससे ज्यादा रकम के ट्रांजेक्शन के लिए प्रत्याशियों को चेक यूज करना होगा।

देनी होगी DM को transaction detail
यदि कोई कैंडीडेट एक लाख रुपए से ज्यादा ट्रांजेक्शन करता है तो संबंधित बैंक या डाकघर द्वारा डीएम को जानकारी देनी अनिवार्य होगी। इसका पूरा डिटेल भी देना होगा। इसके अलावा बैंकों और डाकघरों को कैंडीडेट्स की ट्रांजेक्शन डिटेल भी डीएम को देनी होगी ताकि वे उनके अनाप-शनाप खर्चों पर ऐक्शन ले सकें।
Online banking से परेशानी
बैंकों का कहना है कि इस तरह से ट्रांजेक्शन की डिटेल देना उनके लिए काफी मुश्किल होगा। इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग एज में एटीएम, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और कार्ड स्वैपिंग की फैसिलिटी भी अवेलेबल है। ऐसे में किसी कैंडीडेट को सिर्फ चेक से ट्रांजेक्शन करवाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
Technical problems
बैंकों के अकॉर्डिंग किसी पर्टीकुलर कस्टमर का ट्रांजेक्शन ट्रैक करने या कंट्रोल करने के लिए अलग से 'फ्लिपÓ यूज करना पड़ेगा। से   किसी भी बैंक के हेड ऑफिस से ही हो सकता है। यदि ऐसे में लोकल एडमिनिस्ट्रेशन कोई निर्देश देता है तो उसको फॉलो करना नामुमकिन है।
Other person की help
एक आशंका है कि ज्यादातर कैंडीडेट्स अनाप-शनाप खर्च के लिए किसी अदर पर्सन की हेल्प ले सकते हैं। वे उनके अकाउंट से अपना खर्चा मैनेज कर सकते हैं। ऐसे में एडमिनिस्ट्रेशन के लिए कैंडीडेट्स की फिजूलखर्ची कंट्रोल करना एक बड़ी चुनौती होगी। हालांकि एसीएम ने कहा कि यदि कोई कंप्लेन मिलती है तो वे एक्शन लेंगे।
Account निगरानी के सुझाव
-इलेक्शन कमीशन को पहले ही किसी बैंक या डाकघर से टाइअप कर लेना चाहिए था
-लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को फिजूलखर्ची की सूचना के लिए कंप्लेन नंबर जारी करना चाहिए
-फिजूलखर्ची की कंप्लेन मिलने पर कैंडीडेट्स के अगेंस्ट एक्शन लेने के लिए अलग विंग बने
-बैंक से रोजाना इलेक्शन अकाउंट की ट्रांजेक्शन डिटेल लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को दी जाए
बैंकों का कहना है कि प्रत्याशियों के ट्रांजेक्शन पर किसी भी तरह की रोक या लिमिट के लिए उन्हें अपने हेड ऑफिस से संपर्क करना होगा, क्योंकि वहीं से एकाउंट्स पर किसी भी तरह की रोक लगाई जा सकती है।
इस बार चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के बैंक खातों पर विशेष नजर रखी जाएगी ताकि चुनाव आयोग के द्वारा बनाई गई आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित हो। कोई भी कंप्लेन मिलने पर तुरंत ऐक्शन लिया जाएगा।
-पूरन सिंह राणा, एसीएम
प्रत्याशियों के 20 हजार से ज्यादा ट्रांजेक्शन चेक से ही एक्सेप्ट करने के बारे में हमें डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से अभी तक निर्देश नहीं मिले हैं। ऐसा निर्देश आता भी है तो ऑनलाइन बैंकिंग होने से इस पर रोक लगना आसान नहीं है। यदि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से ऐसा डायरेक्शन आएगा तो हमें हायर लेवल पर बात करनी होगी।
-सर्वेश चंद्र गोयल,
चीफ मैनेजर, एसबीआई

Report by: Amber Chaturvedi

Posted By: Inextlive