सेंट्रल जेल के बंदी जानेंगे श्रीमद् भगवत गीता का सार
- सेंट्रल जेल की लाइब्रेरी में अब बंदी पढ़ सकेंगे श्रीमद् भगवत गीता
बरेली : सेंट्रल जेल के बंदी अब अपराध की बातें नहीं बल्कि गीता सार की बातें करेंगे। साथ ही अपने साथ जेल में बंद बंदियों को भी गीता सार से रूबरू कराएंगे। इसका मकसद जेल में बंदियों को सत्य का मार्ग एवं उनके जीवन का सही एम क्या है यह समझाने का प्रयास करना है। यह पूरा इनोवेटिव प्रयास सेंट्रल जेल के सीनियर सुप्रीटेंडेंट आरएन पाण्डेय का रहा। इसके लिए उन्होंने सेंट्रल जेल के बंदियों को इस्कॉन मंदिर के सहयोग से 100 श्रीमद भागवत गीता की पुस्तकें भी वितरित की। इस मौके पर सेंट्रल जेल के हरीश रावत, एवं डिप्टी जेलर के साथ अन्य लोग भी मौजूद रहे। जेल के अंदर है लाइब्रेरीसेंट्रल जेल के अंदर बंदियों को बुक्स आदि पढ़ने के लिए लाइब्रेरी भी है। जिसमें कई महत्वपूर्ण साहित्य, अध्यात्म एवं धर्म के साथ राजनीति व अन्य कई पुस्तकें मौजूद हैं। लाइब्रेरी कई धार्मिक पुस्तकें तो मौजूद हैं लेकिन इसमें गीता की पुस्तकें नहीं थी। सेंट्रल जेल के सीनियर सुप्रीटेंडेंट आरएन पाण्डेय ने जब निरीक्षण किया तो इस दौरान कुछ बंदियों ने गीता सार पढ़ने की भी इच्छा जताई, निरीक्षण के दौरान कई बंदी जेल की लाइब्रेरी में पुस्तकों को पढ़ते हुए भी मिले। इसी बीच श्री श्री राधा वृन्दावन चन्द्र मंदिर इस्कॉन बरेली ने स्वयं पुस्तकें भेंट करने की बात कही। सदस्यों ने सेंट्रल जेल पहुंच श्रीमदभगवत गीता की सौ पुस्तकें भेंट की। इन सभी पुस्तकों को लाइब्रेरी में रख दिया गया है। बंदियों में यह पुस्तक पढ़ने के प्रति बेहद उत्सकुता है।