जेल में नहीं थमेंगी सांसें
-जेल के सभी बंदियों का ऑनलाइन तैयार होगा हेल्थ रिपोर्ट कार्ड
-ई-प्रिजन के तहत ऑनलाइन डाटा में हेल्थ का डाटा भी होगा फीड BAREILLY: जेल का नाम सुनते ही मन में तरह-तरह के सवाल उठने लगते हैं। जेल में बंद लोग कैसे रहते होंगे, उन्हें बेहतर खाना मिलता है कि नहीं और बीमार बंदियों का जेल में कैसा इलाज होता होगा। सबसे ज्यादा बंदी के परिजन परेशान होते हैं। कई बार बंदी की मौत के बाद जेल प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगने शुरू हो जाते हैं। आने वाले दिनों में जेल के बंदी, बीमारी की वजह से दम नहीं तोड़ेंगे। ई-प्रिजन के तहत सभी बंदियों का हेल्थ रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन तैयार होगा और उनकी बीमारी पर पल-पल नजर रखी जाएगी। सभी बंदियों का लिया जाएगा ब्लड ग्रुपयूपी की सभी जेलों को ई-प्रिजन के तहत ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए सभी बंदियों का बायोमेट्रिक सिस्टम डाटा कलेक्ट किया जा रहा है। इसके अलावा उनके फिंगर प्रिंट भी लिये जा रहे हैं.बंदियों का हेल्थ रिपोर्ट भी ऑनलाइन तैयार होगा। इसके लिए सभी बंदियों का ब्लड सैंपल लिया जाएगा। जिससे उनके ब्लड ग्रुप के बारे में पता चल सके।
समय-समय पर मॉनीटरिंगऑनलाइन हेल्थ डाटा फीडिंग के बाद जेल के सभी बंदियों की हेल्थ की समय-समय पर मॉनीटरिंग होती रहेगी। इसके तहत बंदी को क्या कोई बीमारी है। उसका इलाज जेल हॉस्पिटल में चल रहा है या फिर किसी दूसरे सरकारी हॉस्पिटल में। वह कौन सी दवाइयां ले रहा है। यह सभी चीजें उसके हेल्थ रिपोर्ट कार्ड में जोड़ी जाएंगी। इस रिपोर्ट कार्ड को जेल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ-साथ हेड क्वार्टर लेवल के अधिकारी भी देख्ा सकेंगे।
कई की हो चुकी है मौत बरेली डिस्ट्रिक्ट जेल में कई बंदियों की मौत हो चुकी है। लगातार मौत होने पर डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने अचानक जेल में पूरे लाव लस्कर के साथ चेकिंग भी की थी। कुछ महीने पहले भी दो मौतें हुई थीं। जिसके बाद पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया था, लेकिन मौत के कारण ही स्पष्ट नहीं हो सका था। ख्0 हजार बंदियों का डाटा ऑनलाइनयूपी की म्9 जेल में से ख्7 जेल ऑनलाइन हो चुकी हैं। इनमें बरेली की डिस्ट्रिक्ट जेल के साथ-साथ सेंट्रल जेल में भी डाटा फीडिंग का वर्क शुरू हो चुका है। क् अप्रैल तक इन ख्7 जेलों में ख्07भ्8 बंदियों का डाटा फीड हो चुका है। इनमें से फ्भ्90 सजा पाए और क्फ्भ्7ख् अंडर ट्रायल हैं। सबसे ज्यादा बंदियों का डाटा बरेली डिस्ट्रिक्ट जेल का फीड हुआ है। यहां के ख्ब्9ख् बंदियों का डाटा फीड किया जा चुका है। वहीं बरेली सेंट्रल जेल के भ्म्भ् कैदियों का डाटा फीड किया जा चुका है।
ई-प्रिजन के तहत बंदियों का डाटा फीडिंग का वर्क चल रहा है। सभी बंदियों का ऑनलाइन हेल्थ रिपोर्ट कार्ड भी तैयार होगा। जल्द ही बंदियों के ब्लड सैंपल लेकर उनका ग्रुप पता लगाया जाएगा। आरके मिश्रा, सुपरिटेंडेंट डिस्ट्रिक्ट जेल