Bareilly: पहले रीचार्ज कराओ फिर यूज करो. असल में मोबाइल की तरह बिजली विभाग भी बरेलियंस को प्रीपेड बेस पर ही बिजली सप्लाई देने की तैयारी कर रहा है. इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट फिलहाल प्रीपेड मीटर की व्यवस्था करने की तैयारी में है. दरअसल कंज्यूमर्स टाइम से बिजली का बिल जमा नहीं करते हैं इस वजह से विभाग ने इसकी प्लानिंग की है. प्रोजेक्ट के लिए एक प्राइवेट कंपनी से बात चल रही है. प्रीपेड की सुविधा अभी तक यूपी में नहीं है. सबसे पहले इसकी शुरुआत तीन साल पहले दिल्ली मुम्बई और कोलकाता जैसे महानगरों में की गई थी.


कैसे कर सकेंगे रीचार्जप्रीपेड मीटर सुविधा में मोबाइल की तरह ही रीचार्ज कर सकेंगे। विभाग से रीचार्ज कार्ड खरीदने होंगे। फिर कार्ड के कोड नंबर को मीटर में लगे नंबर पैड से फीड करने पर रीचार्ज होगा। एक और तरीका भी है। इसमें विभाग को जीएसएम सिम का नंबर बताकर, जितने का रीचार्ज करवाना है उतना पेमेंट करना होगा। विभाग आपके प्रीपेड मीटर नंबर पर रीचार्ज कर देगा।बजेगा अलार्मप्रीपेड मीटर में बैलेंस खत्म होने से पहले अलार्म भी बजेगा। ताकि कंज्यूमर को यह इंडिकेट हो जाए कि प्रीपेड मीटर का बैलेंस खत्म होने वाला है। इससे कंज्यूमर बैलेंस खत्म होने से पहले ही उसे रीचार्ज करवा लेगा। कंज्यूमर को 50, 100 या फिर 200 रुपए सिक्योरिटी के तौर पर पे करने होंगे। कंपनी से चल रही बात


प्रीपेड योजना की शुरुआत जल्द से जल्द हो सके, इसके लिए विभाग के आला अधिकारियों की बात एक प्राइवेट कंपनी से चल रही है। इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर वीके शर्मा ने बताया कि प्रीपेड व्यवस्था शुरू हो सके, इसके लिए लखनऊ की मेसर्स सिक्योर कंपनी से बात चल रही है। मामला पैसे को लेकर फंसा है। जैसे ही पैसे पर बात बन जाएगी, इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा। मीटर में लगेगा GSM SIM

विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, प्रीपेड योजना के लिए फिलहाल जो मीटर लगा है वह काम नहीं करेगा। इसके लिए अलग तरह का मीटर होता है। प्रीपेड मीटर में अलग से सर्किट लगा होता है। इसमें बकायदा जीएसएम का सिम लगा होता है। उस सिम का अपना एक नंबर रहेगा। जिस नंबर पर कंज्यूमर मीटर का रीचार्ज करा सकेगा। जितना रीचार्ज, उतना ही यूजप्रीपेड की सुविधा शुरू होने के बाद कंज्यूमर उतनी ही बिजली का यूज कर सकेंगे, जितने का रीचार्ज कराया है। बिल्कुल मोबाइल की तरह। बैलेंस खत्म तो बिजली की सप्लाई भी बंद। प्रीपेड कनेक्शन से इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का रेवेन्यू बढऩे की पूरी उम्मीद है।25 हजार प्रति मीटर खर्चअधिकारियों के मुताबिक, एक प्रीपेड मीटर पर करीब 25 हजार रुपए का खर्च आएगा। बरेली अर्बन में 1,65,470 कंज्यूमर्स हैं। इस हिसाब से प्रीपेड मीटर की शुरुआत करने में करीब 4,13,67,50,000 करोड़ रुपए खर्च आएगा। फिलहाल घाटे में विभाग

इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट फिलहाल घाटे में चल रहा है। अभी जो व्यवस्था है, वह पोस्ट पेड की तरह है। इसमें प्रॉपर बिजली का बिल जमा नहीं किया जा रहा है। इससे डिपार्टमेंट को नुकसान हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, बरेली के रूरल और अर्बन कंज्यूमर्स पर बिजली के बिल के करीब 600 करोड़ रुपए बकाया हैं। इस वजह से विभाग का इंफ्रास्ट्रक्चर ढीला पड़ गया है।कंज्यूमर को फायदा-जितने रुपए का मीटर रीचार्ज कराएंगे, उतने रुपए की बिजली अपने मन से यूज कर सकेंगे।-मीटर रीडिंग की समस्या से बच सकेंगे।-बिल जमा करने में लगने वाला टाइम बचेगा।-घर का बजट जितना इजाजत देगा, उतने रुपए का रीचार्ज करा सकते हैं।विभाग को फायदा-प्रीपेड में विभाग को एडवांस पैसे मिल सकेंगे।-इससे विभाग का इंफ्रास्ट्रक्चर सही हो सकेगा।-घर-घर जाकर मीटर रीडिंग नहीं नोट करनी पड़ेगी।तो सुधरेगी डिपार्टमेंट की सेहतप्रीपेड सुविधा शुरू करने की बात कंपनी से चल रही है। इसे शुरू करना थोड़ा कॉस्टली है। इसमें एक मीटर पर 25 हजार रुपए खर्च आएगा। इसके तहत हमें एडवांस पैसे मिल सकेंगे क्योंकि अभी जो स्थिति है उसमें बिजली देने के दो महीने बाद विभाग को पैसे मिल पाते हैं।-वीके शर्मा, चीफ इंजीनियर, इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट, बरेलीReport by:Prashant Kumar Singh

Posted By: Inextlive