Bareilly: मैरी क्रिसमस क्रिसमस के मौके पर सैंटा आपके घर आए जैसे न जाने कितने एसएमएस सैटरडे रात से ही बरेलियंस के मोबाइल में पहुंचने लगे. सैटरडे रात 12 बजते ही अगला दिन शुरू हो गया और लोग क्रिसमस सेलिब्रेशन में खो गए. संडे सुबह भी यही आलम रहा और चर्च में जाकर लोगों ने प्रभू यीशू के समक्ष प्रेयर किया. क्रिसमस का लोगों ने जोरदार वेलकम किया. देर रात तक मार्केट सजे रहे. लोगों ने जमकर मस्ती की. शहर के सभी चर्च को बेहद आकर्षक तरीके से डेकोरेट किया गया. क्या बूढ़े क्या बच्चे सभी ने क्रिसमस का जमकर लुत्फ उठाया.


क्या है manger scene?क्रिश्चियन डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन के नेशनल प्रेसीडेंट वीके चौहान ने बताया कि प्रभु यीशू के जन्म के सीन को मेंजर सीन से दर्शाया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रभु यीशू के जन्म के समय 3 मजूसी ऊंट पर आए थे, जिन्हें एक सितारे ने राह दिखाई थी। प्रभु यीशू का जन्म बेथलेहम में 24-25 की मिड नाइट में हुआ था। चर्च रात से ही हो गए गुलजार 
क्रिसमस को लेकर चर्च में खुशियों का माहौल रहा। शहर का सबसे ओल्ड माना जाने वाला सेंटस्टीफेंस चर्च भी यीशू मसीह का वेलकम करने को तैयार था। अंग्रेजों के जमाने में बने इस चर्च में से एक है। इस चर्च में 1893-1939 तक के दौर में 52वीं लाइट इंफेंटरी के उन जवानों के नाम दर्ज हैं, जिनकी रेजीमेंट में टूर करने के दौरान डेथ हो गई थी। ये चर्च आमतौर पर संडे और सैटरडे को ही खुलता है। यहां की एक खासियत ये भी है कि क्रांतिकारियों के डर से अंग्रेज अफसर यहां अपनी गन लेकर प्रेयर के लिए आते थे। सन् 1838 में बने क्राइस्ट चर्च में भी क्रिसमस का त्योहार जोर-शोर के साथ मनाया गया। सेंट पाल चर्च में सजा खूबसूरत क्रिसमस ट्री इस दिन की कहानी को बयां कर रहा था। क्रिसमस सेलिब्रेशन के मामले में मेथोडिस्ट चर्च भी अन्य दूसरे चर्च से पीछे नहीं है। वहां भी लोगों ने क्रिसमस का जमकर लुत्फ उठाया।

Posted By: Inextlive