‘नेकी’ को सम्मानित करेगी पुलिस
शनिवार को एडीजी राजकुमार ने पत्र जारी कर जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने थाना क्षेत्र में हादसे में घायलों की मदद करने वाले गुड सेमेरिटन को चिह्नित करें। ताकि उन्हें पुरस्कृत किया जा सके। उन्होंने बताया कि सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के ओर से सडक़ दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को मदद करने वाले लोगों के प्रोत्साहन के लिए गुड सेमेरिटन योजना चलाई जा रही है। हादसे में घायल व्यक्ति को एक घंटे में अस्पताल या ट्रामा सेंटर पहुंचाने पर उस व्यक्ति का उत्साहवर्धन किया जाएगा। ताकि हादसे के बाद घायलों को अस्पताल ले जाने से कतराने वाले लोग भी जागरूक हों और घायलों को समय से उपचार मिलने के बाद उनकी जान बचाई जा सके।
घायल की मृत्यु पश्चात भी गुड सेमेरिटन
हादसे में घायल व्यक्ति को त्वरित सहायता पहुंचाने के लिए गोल्डन ऑवर (एक घंटा) के अंदर अस्पताल या ट्रामा सेंटर पहुंचाकर चिकित्सीय उपचार सुनिश्चित कराया जाता है। दुघर्टना में घायल व्यक्ति की अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो जाती है और अस्पताल की ओर से संस्तुति की जाती है कि मृत्यु का कारण हादसा है। ऐसी स्थिति में भी घायल को अस्पताल पहुंचाने वाला व्यक्ति गुड सेमेरिटन कहलाएगा।
सडक़ हादसों में घायलों की मदद करने वाले लोगों के अधिकारों को लेकर वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने गुड सेमेरिटन लॉ कानून बनाया था। इस कानून का प्रमुख उद्देश्य हादसे में घायल लोगों की मदद करने वाले व्यक्ति को पुलिस की अनावश्यक कार्रवाई से बचाना और सहायता करने वाले नागरिक को प्रोत्साहन स्वरूप सम्मानित करना है।
क्या है गुड सेमेरिटन योजना
सडक़ दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने वाले व्यक्ति को जो भी नागरिक एक घंटे के अंदर अस्पताल या ट्रामा केयर सेंटर पहुंचाता है। उसे नेक व्यक्ति या गुड सेमेरिटन कहते है। उस व्यक्ति की जानकारी डाक्टर स्थानीय पुलिस को देंगे। पुलिस के ओर से नेक व्यक्ति का नाम-पता, घटना का विवरण और मोबाइल नंबर आदि की निर्धारित प्रारूप में जानकारी की प्रति गुड सेमेरिटन को दी जाएगी। एक प्रति जिला अप्रेजल कमेटी को भेजी जाएगी। यह कमेटी विचारोंपरांत इस नेक व्यक्ति को प्रशस्ति पत्र व नगद प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करेगी।