राशिद की गिरफ्तारी के बाद सरगना समेत पूरा गैंग फरार
-मंगलवार की रात राजस्थान की क्राइम ब्रांच ने धंतिया गांव में डाली थी दबिश
बरेली : साइबर ठगी की घटनाओं को लेकर देश भर में कुख्यात फतेहगंज पश्चिमी के धंतिया गांव में राजस्थान के जालौर क्राइम ब्रांच की दबिश के बाद हड़कंप मच गया है। मंगलवार देर रात जब जालौर पुलिस ने राशिद को गांव से दबोचा तो भनक लगते ही गैंग का मुख्य सरगना राशिद का भाई जमशेद समेत गैंग के दर्जनों लोग गांव छोड़कर फरार हो गए। जुलाई 2020 में इज्ज्जतनगर पुलिस ने राशिद और उसके भाई जमशेद समेत 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपित करीब तीन महीने जेल में थे। जिसके बाद उन्हें एक-एक कर जमानत मिल गई थी। जानकारों की माने तो पुलिस ने चार्जशीट लगाने में देरी की थी। जिसके चलते आरोपितों को जमानत मिल गई। राशिद समेत सभी आरोपितों के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में साइबर ठगी के कई मुकदमे दर्ज हैं।
100 करोड़ की ठगी का खुलासाजुलाई 2021 में तत्कालीन एएसपी अभिषेक वर्मा को धंतिया गांव से साइबर ठगी के गैंग के बारे में पता चला था। जिसके बाद उन्होंने फतेहगंज पश्चिमी पुलिस को सूचना न देकर इज्जतजनगर, बिथरीचैनपुर और किला पुलिस के साथ धंतिया गांव में दबिश देकर राशिद उसके भाई जमशेद, आरिफ खां, साजिद खां, वारिस, अफजाल, आमिर, यूसुफ, कैफ, ताहिर, रफी उर्फ मोती, जाहिद खान, नासिर व इरफान को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस दौरान पुलिस की पड़ताल में करीब 100 करोड़ से अधिक की ठगी का पुलिस ने राजफाश किया था। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि धंतिया के साइबर ठगों पर शिकंजा कसा जाएगा। सभी की निगरानी की जाएगी, बाहर की पुलिस मदद मांगती है तो उनकी मदद की जाएगी।