साइबर बुलिंग पर पुलिस बेबस
बरेली (ब्यूरो)। वर्तमान में सोशल मीडिया का प्रयोग अधिकतर लोग करते ही हैं। स्थिति ऐसी हो गई है कि लोग बिना मोबाइल या नेट के एक मिनट भी नहीं रह सकते हैं। यहां तक कि मोबाइल के चक्कर में खाना खाना भी भूल जाते हैं। वहीं अगर बात करें साइबर बुलिंग की तो वर्तमान में ये मामले फिर तेजी पकडऩे लगे हैं। इसमें सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों को परेशान किया जाता है। वर्तमान में इंस्टा, फेसबुक को मुख्य रूप से इसका जरिया बनाया गया है। 2020 में प्रति माह 35 केस आते थे। वहीं अक्टूबर 2021 के बाद मामलों में कमी देखने को मिली। इस दौरान मात्र पांच केस ही सप्ताह में आने लगे। वर्तमान में एक बार फिर मामलों मेंं बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बात पुलिस की करें तो वह भी इन मामलों में लाचार नजर आ रही है। क्योंकि सोशल मीडिया के माध्यम से गल्र्स को परेशान करने वाले ये अनदेखे आशिक पकड़े जान्रे का अंदेशा होने पर अपने अकाउंट को डिलीट कर देते हैं।
बनाएं स्ट्रांग पासवर्ड, रखें प्राइवेसी
सोशल मीडिया पर किसी भी एप को यूज करने से पहले उसके बारे में जानना जरूरी है। जब भी एप को चलाना शुरू करें तो उसके लिए स्ट्रांग पासवर्ड कैरी करें, जिससे अपके अलावा कोई औैर उसे यूज न कर सके। इसके साथ ही प्राइवेसी का भी ध्यान रखना चाहिए। सोशल साइट पर कम से कम फोटो पोस्ट करें। जो भी करें उन पर प्राइवेसी जरूर रखें। हो सके तो फोटो को पोस्ट करने से बचें, वह बैटर रहेगा। क्योंकि अक्सर शोहदे सोशल मीडिया से लड़कियों के फोटो लेकर उनका मिसयूज कर उन्हें ब्लैक मेल करते हंै।
अगर कोई आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है तो अगर अपके पास उसी जानकारी नहीं है या आप उसे नहीं जानते हैं तो रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें। क्योंकि यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसकी पहचान करने के लिए उसका यूआरएल नंबर लें और उसे देकर साइबर पुलिस से कंप्लेंट करें, जिससे उसके बारे में जानकारी मिल सकती है। उसकी पहचान भी हो जाएगी और आप किसी ट्रोलर का शिकार नहीं हो सकेंगे।
केस -1
फरवरी 2022 में थाना फतेहगंज पश्चिमी की युवती के पास फेसबुुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। उसने उसे एक्सेप्ट कर लिया। इसके बात उनकी ऑन कॉल बात होने लगी। एक बार वीडियो कॉल करते समय युवक ने स्क्रीन शॉट्स ले लिए। उसके बाद उसे ब्लॉक करके ब्लैकमेल करने लगा। इससे बचने के लिए लडक़ी के परिजनों रिपोर्ट लिखवाई थी।
दूसरा मामला थाना इज्जत नगर का है। मार्च 2022 में एक युवती की इंस्टाग्राम पर एक युवक से बात स्टार्ट हुई, जो प्यार तक पहुंच गई थी। जब उसकी शादी तय की गई तो आरोपी नया एकाउंट बनाकर उसे बदनाम करने लगा। बदनामी के डर से परिजनों ने पुलिस में कंप्लेंट नहीं की। इससे उसका हौसला बढ़ा और वह उसे और अधिक परेशान करने लगा। बाद में परिजनों को परेशान होकर पुलिस के पास जाना पड़ा। केस-3
मार्च 2022 में ही थाना सुभाष नगर की रहने वाली युवती को फेसबुक के जरिए झारखंड के युवक ने प्यार के जाल में फंसाया। दोनों के बीच बातें होने लगीं। कुछ समय बात करने के बाद युवक उससे रुपयों की डिमांड करने लगा। जब उसन मना किया तो फोटो वायरल करने की धमकी देने लगा। इससे परेशान होकर उसने रिपोर्ट भी दर्ज करवाई। लेकिन, पुलिस उसे तलाशने में नाकाम रही क्योंकि आरोपी अपना अकाउंट डिलीट कर चुका था।
लड़कियों को खुद को सेफ रखना पड़ेगा क्योंकि सोशल साइट पर हुए अपराध की जानकारी होना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अपने एकाउंट की प्राइवेसी रखें। प्रोफाइल को लॉक जरूर करें। कोशिश करें कि फोटो कम ही पोस्ट करें।
अनिल कुमार, इंचार्ज साइबर थाना
2020 में फरवरी से 2021 अक्टूबर तक के मामले
35 केस मंथली
320 टोटल केस अक्टूबर तक नवंबर 2021 से जनवरी 2022 तक की डिटेल
05 मामले आ रहे वीकली
20 केस मंथली
55 टोटल मामले फरवरी 2022 से अब तक के केस
08 मामले वीकली
30 मामले मंथली
65 मामले टोटल