'pollution' ka heavy 'noise'
Standard से अधिक pollution
बरेली कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट के रिकाड डाटा पर गौर करें तो एयर पॉल्यूशन स्टैंडर्ड मानक से 60 से 70 परसेंट त· अधिक है। रिस्पाइबिल सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर (आरएसपीएम) व सपेंस्डेड पार्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) दोनों का ही आंकड़ा मानक से अधिक है। करेंट टाइम में एसपीएम 326.84 व आरएसपीएम 249.84 माइक्रोग्राम प्रति ट्यूब मीटर है। जबकि स्टैंडर्ड मानक 200 माइक्रोग्राम म प्रति ट्यूब मीटर है। वही दूसरी ओर न्वॉयज पॉल्यूशन की स्थिति श्यामगंज में 100, कुतुबखाना 100 और अय्यूब खां एरिया में 70 डेसीबल तक है। इन एरिया का स्टैंडर्ड मानक 65 डेसीबल निर्धारित है।यह है main causeशहर में एयर व न्वॉयज पॉल्यूशन बढऩे की मेन वजह व्हीकल्स की बढ़ती संख्या है। व्हीकल्स से निकलने वाला धुआं पॉल्यूशन के बढऩे का सबसे बड़ी वजह बनता जा रहा है। आरटीओ की ओर से रजिस्टर्ड व्हीकल्स बाइक, जीप, ऑटो, टैक्टर, ट्रक और बस सहित अन्य वाहनों की संख्या 2 लाख से अधिक है। इंडस्ट्रीज से निकलने वाला गंदा पानी भी कम जिम्मेदार नहीं है। एयर पॉलिट्री का अध्ययन कर रहे बरेली कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट के सीनियर केमिसट सिंह केशव और धीरज ने बताया कि पॉल्यूशन कंटरोल नहीं किया गया तो आने वाला समय और भी भयावह होने वाला है।
Last three monthसे जांच नहींबढ़ रहे पॉल्यूशन के बावजूद पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड एक्टिव नजर नहीं आ रहा है। बोर्ड ने पिछले थ्री मंथ से पॉल्यूशन की जांच नहीं की है और न ही पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए कोई प्रयास किया गया।