5000 हजार घरों में नहीं जले चूल्हे, जुगाड़ से बुझाई पेट की आग
- मेंटीनेंस के चक्कर में बंद की गई सप्लाई, हेल्पनंबर्स पर भी नहीं मिली मदद
- 16 घंटे तक बंद रही पीएनजी की सप्लाई, कई लोगों को लंच मिला न ब्रेकफास्ट -परसाखेड़ा से किला और मिनी बाईपास से इज्जतनगर के एरिया में बंद रही पीएनजी की सप्लाई बरेली: वैसे तो संडे को लोग काफी रिलैक्स रहते हैं लेकिन इस बार लोग काफी मशक्कत करते दिखे। लोग परेशान होकर इधर-उधर चक्कर काट रहे थे तो कुछ लोग दूसरों के दरवाजे नॉक करे थे। मालूम करने पर पता कि पीएनजी सप्लाई बंद हो गई। ऐसे में करीब 5000 घरों के चूल्हे नहीं जले जिससे हजारों लोगों को जुगाड़ से पेट की आग बुझानी पड़ी। सैटरडे रात को बंद हुई सप्लाई संडे दोपहर को चालू हो सकी। वहीं सीयूजीएल के अफसरों का कहना है कि क्लेम शटडाउन के चलते सप्लाई बंद थी। रेस्टोरेंट का लिया सहारासैटरडे रात करीब नौ बजे परसाखेड़ा से किला और मिनी बाईपास से इज्जतनगर वाले एरिया में पीएनजी सप्लाई अचानक से बंद हो गई। संडे नाइट कई लोग तो समय से खाना खा चुके थे लेकिन देर रात खाने वाले कई लोगों को किचन में पीएनजी सप्लाई ठप हो जाने से रात का भी खाना नहीं मिल सका। वहीं लोगों को सुबह ब्रेकफास्ट नहीं मिला, लेकिन फिर लंच टाइम तक सप्लाई शुरू होने की आस में बैठे रहे। दोपहर तक भी पीएनजी घरों तक नहीं पहुंची तो लोगों का इंतजार डगमगाने लगा। दोपहर से लोगों ने रेस्टोरेंट व रिश्तेदारों को फोन घुमाना शुरू कर दिया। इन कॉलोनियों में दोपहर से ही फूड डिलीवरी ब्वॉय नजर आने लगे। एक निकलता तो दूसरा कॉलोनी में घुस जाता है। वहीं अधिकतर लोगों ने अपने रिश्तेदारों के घर जाना ठीक समझा।
सिलिंडर-चूल्हा लेने दौड़े सीयूजीएल की पीएनजी सर्विस पर लोग कुछ इस कदर निर्भर हो गए हैं कि घरों से सिलिंडर बिल्कुल ही गायब हो गए हैं। ऐसे में पीएनजी की सप्लाई बाधित होने पर लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ नजारा संडे को देखने को मिला। कुछ लोग एलपीजी सिलिंडर की तलाश में दौड़े तो कुछ चूल्हे का इंतजाम करने में जुट गए। पीएनजी सप्लाई मिलने पर चूल्हे में लगने वाली नॉब भी बदली जाती है, ऐसे में सिलिंडर का रेग्यूलेटर उनमें नहीं लगाया जा सकता। इसे लेकर भी लोगों को काफी माथापच्ची करनी पड़ी। मेंटिनेंस के चलते हुई प्रॉब्लमशहर में सीयूजीएल की सप्लाई देने के लिए अलग-अलग इलाकों के मुताबिक जंक्शन बनाए गए हैं। इनमें परसाखेड़ा स्थित जंक्शन सीबीगंज, मिनी बाईपास, शास्त्री व अन्य आसपास के इलाकों में सप्लाई देता है। इसी जंक्शन पर संडे को कंपनी के कर्मचारियों ने मेंटिनेंस का काम शुरू किया था। कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया कि एक उपकरण डीआरएस का प्रेशर बढ़ाने का काम किया गया था। जिसके कारण सप्लाई बंद कर दी गई थी। काम खत्म होने के बाद उसे दोबारा शुरू कर दिया गया।
संडे का फन हुआ छू वैसे तो संडे को स्कूल व ऑफिस बंद होने के चलते लोग सुबह से ही दिन का इस्तेमाल रोजमर्रा के काम व मौज मस्ती करने के प्लॉन बनाने लगते हैं। लेकिन ये संडे मिनी बाईपास पर बनी कॉलोनियों व आसपास के इलाकों के लोगों के लिए फनडे तो बिल्कुल ही नहीं रहा। सुबह से ही पीएनजी की सप्लाई न होने पर लोग परेशान नजर आए। ऐसे में लोग घरों ने निकल कर पड़ोसियों के दरवाजे भी खटखटाते नजर आए। शाम को सप्लाई शुरू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।पीएनजी सप्लाई बंद होने से काफी परेशानी हुई। पीएनजी से चलने वाला चून्हा एलपीजी सिलिंडर से नहीं चलता। सप्लाई बंद होने के कारण अलग से सिलिंडर से चलने वाले चूल्हे का इंतजाम करना पड़ा। कंपनी के टोल फ्री नंबर पर फोन किया, लेकिन वह व्यस्त जाता रहा।
- सुनीता सिंह, गांधीपुरम सप्लाई बंद होने के कारण पूरी दिन खाने की बहुत समस्या हुई। पीएनजी के भरोसे हम एलपीजी सिलिंडर भी नहीं मंगाते। बिना बताए सप्लाई बंद कर दी जाती है। कंपनी ऐसे ही अक्सर मनमानी करती है। जैसे व्हाट्सएप पर बिल भेजते हैं, वैसे ही सप्लाई बंद होने की सूचना भी कंपनी को भेजनी चाहिए। - आभा सनवाल, गांधीपुरम सुबह से गैस का इंतजार कर रहे थे, लेकिन गैस नहीं आई। ब्रेक्फास्ट के साथ ही लंच में भी ब्रेड खाकर काम चलाना पड़ा। रात के खाने की तैयारी भी सप्लाई के कारण देर से ही शुरू हो सकी। अधिकारी भी फोन पर साफ-साफ कुछ नहीं बताते। जिसके कारण बहुत परेशानी होती है। व्यवस्था को बेहतर बनाया जाना चाहिए। - शारदा गुप्ता, गांधीपुरम सुबह उठकर ब्रेकफास्ट की तैयारी करना शुरू की तो पता चला कि सप्लाई बंद है। ऐसे में ब्रेकफास्ट के लिए बाहर से सामान मंगाना पड़ा। दोपहर तक इंतजार करने पर भी सप्लाई शुरू नहीं हुई तो, अधिकतर खाना माइक्रोवेव में बनाया। दोपहर में कुछ देर के लिए सप्लाई शुरू हुई, लेकिन कुछ ही देर बाद फिर से बंद हो गई। - बबीता सक्सेना, अर्शना रेजीडेंसी