मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए अस्पताल में भटक रहे प्लेयर्स
(बरेली ब्यूरो) । देश के खिलाड़ी जब भी इंटरनेशनल लेवल या नेशनल लेवल के स्पोर्टस में पार्टिसिपेट करते हैैं। तो देशवासिायों को उम्मीद होती है कि ये मेडल जीतकर ही आएंगे। लेकिन हम कभी इस बात ये नहीं सोचते कि सिस्टम की लापरवाही इन प्लेयर्स को किस तरह से कदम कदम आगे बढऩे से रोकती है।
शहर के जिला अस्पताल में प्लेयर्स मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने इस आस से आते हैैं कि प्लेयर्स के लिए सिस्टम शायद कुछ नर्म हो जाए और उनका कार्य समय पर कर दे। लेकिन जिला अस्पताल अपनी कार्यशैली को बनाए रखने में विश्वास रखता है। वह प्लेयर्स को भी उसी प्रकार डील करता है जैसे वो आम आदमी को करता है। देश के गौरव से जिला अस्पताल का कितना सरोकार है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान में नेशनल टूर्नामेंट खेलने जा रहीं बेटियां मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए छह दिनों से चक्कर लगा रहीं हैं। लेकिन सिस्टम के सुस्त रवैये के कारण अब तक सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है। सिस्टम की लापरवाही की इंतेहा देखिए कि प्लेयर्स को राजस्थान के लिए ट्रेन पकडक़र जाना है। इस कारण उनकी प्रैक्टिस भी प्रभावित हो रही है।
खुद लेनी पड़ी नाप
प्लेयर्स जब मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने मंडे को जिला अस्पताल पहुंचे तो पहले तो विभाग के लोग उन्हें बातें बनाकर इधर से उधर चक्कर लगवाते रहे। उसके बाद पूरे दिन अस्पताल में चक्कर लगाने के बाद वो नाप देने विभाग में पहुंची तो उन्हें खुद ही एक दूसरे की नाप लेनी पड़ी। इसके बाद भी सर्टिफिकेट न बनने पर मायूस प्लेयर्स से जब बात की तो उनके दिल का दर्द जुबां पर आ गया। उन्होंने बताया कि इतने दिनों से यहां के चक्कर लगा रहे हैं। उसके बाद भी सर्टिफिकेट नहीं बनने से उन्हें बहुत दुख हो रहा है। जब भी विभाग में जाकर सर्टिफिकेट के लिए कहते हैैं तो यहां नहीं होगा आप दूसरे ऑफिस में चले जाएं, वहां बन जाएगा। यही जबाव मिलता है। मंडे को भी प्लेयर्स का मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं बन पाया। उनका एक्सरे बाकि है इसलिए उन्हें ट्यूजडे को आने को कहा गया है। जो प्लेयर्स देश के लिए मेडल लाने की इच्छा मन में रखते हो। उनके हौंसलों को तोडऩे की कोशिश सिस्टम कदम कदम पर करता रहता है।
सर्टिफिकेट के लिए लगा रहे चक्कर
नेेशनल सेपकटाकरा एसोसिएशन की ओर से 27 मार्च से 31 मार्च तक राजस्थान में नेशनल सेपकटाकरा सब जूनियर एवं जूनियर प्रतियोगिता का आयोजन होना है। इसमें प्रदेश की टीम से प्रतिभाग करने के लिए बरेली से सब जूनियर में ताश्या और जूनियर में वंशिका जॉन, सुहानी वाजपेयी, सेजल यादव और शालिनी राय का सेलेक्शन हुआ है। साईं स्टेडियम के कोच जेएस द्विवेदी के मुताबिक सेपकटाकरा फेडरेशन ने खिलाडिय़ों से हेल्थ चेकअप कराकर सर्टिफिकेट मांगा है। सेपकटाकरा एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डॉ। सीरिया के मुताबिक इन खिलाडिय़ों को 25 मार्च को बरेली से निकलना है। बीच में होली की वजह से छुट्टïी होनी है। इससे पहले खिलाड़ी बेटियां अपने प्रमाण पत्र तैयार कराना चाहती हैं। इसमें लंबाई, वजन आदि करने के साथ ही शरीर की अन्य जांचें भी होनी हैं। ये खिलाड़ी बेटियां नौ मार्च को सबसे पहले पहुंचीं थीं। लेकिन उनको वापस कर दिया। इसके बाद वे 10 और 11 मार्च को भी आईं तो उनको निराशा हाथ लगी।
वर्जन
मैं पूरे समय में कार्यालय में मौजूद रहा। च्लिाड़ी बच्चे मुझसे नहीं मिले। मेरी जानकारी में आता तो प्राथमिकता के आधार पर पहले उनके प्रमाण पत्र बनवाता। जानकारी करके मंगलवार को उनके प्रमाण पत्र बनवाए जाएंगे। साथ ही यह भी जानकारी करेंगे कि आखिर उनके प्रमाण पत्र बनवाने में देरी क्यों हुई।
डा। हरपाल ङ्क्षसह, एसीएमओ