प्यार की उलझन को सुलझाता रहा प्ले
- मंडे को प्ले 'अ वूमेन अलोन और शक्कर के पांच दाने' का हुआ मंचन
- ट्यूजडे को 'क्या तुम मुझे प्यार करते हो' प्ले में संवाद बने पथ प्रदर्शक BAREILLY:प्यार केवल शब्द मात्र नहीं है, वह अहसासों का पुलिंदा है। जिसमें पीड़ा, हर्ष, उन्माद, चाहत, जिम्मेदारी और कई भावनाओं निहित हैं। प्यार कई रूपों में हमारे अंदर समाया है। प्यार के इन्हीं पहलुओं को अंत तक जाहिर करता रहा प्ले क्या तुम मुझसे प्यार करते हो। ट्यूजडे को आयोजित दयादृष्टि रंगविनायक रंगमंडल विंडरमेयर थिएटर फेस्ट में पदतिक थिएटर एंड रिख थिएटर ग्रुप की ओर से आरडी लेंग द्वारा लिखित और विनय शर्मा द्वारा निर्देशित प्ले का मंचन किया गया। जिसमें कलाकारों ने बेहतरीन प्रस्तुति ने प्यारा समां बांध दिया। सोलो प्ले में संवादों के जरिए प्रेम की परिभाषा को जाहिर करने का सफल प्रयास किया गया है। जिसमें प्यार तो सब जगह है, या फिर प्यार ही सब कुछ नहीं है, प्यार एक बीमारी है और खुद दवा भी है, इसी तरह के उलझनों को अंत तक सुलझाने का प्रयास किया गया है। इस दौरान रंगविनायक सीईओ शिखा सिंह, डॉ। बृजेश्वर सिंह, डॉ। गरिमा सिंह, नवीन कालरा, डॉ। एसई हुदा मौजूद रहे।
अंतर्मन और अंतद्र्वद्व की पीड़ासम्मानजनक व्यवहार की हसरत सभी को होती है, फिर क्यों एक स्त्री इससे वंचित रहे। कुछ ऐसे ही मानवीय पहलुओं को उकेरता रहा प्ले 'अ वूमेन अलोन'। और शाम को मंचित हुआ प्ले 'शक्कर के पांच दाने' के सोलो प्ले में अंतद्र्वद्व से गुजरते व्यक्ति के रूप को दिखाया गया है। मंडे को विंडरमेयर थिएटर फेस्ट में कोलकाता के पदतिक थिएटर की ओर से दो नाटकों का मंचन हुआ। जिसमें फ्रंासा रेम एंड डेरिओ फो द्वारा लिखित, गिलियन हन्ना द्वारा अनुवादित और महमूद आलम द्वारा निर्देशित प्ले ' अ वूमेन अलोन' में शक्की पति द्वारा घर में कैद महिला के अंतर्मन की पीड़ा और कैद से निकलने का प्रयास दिखाया गया। जबकि राइटर और डायरेक्टर मानव कौल द्वारा प्रस्तुत सोलो प्ले 'शक्कर के पांच दाने' में राजकुमार नामक कैरेक्टर द्वारा अपने ही जीवन के विभिन्न पहलुओं की चर्चा के माध्यम से समाज को संदेश दिया जाता है।