टिकट विंडों पर खरीददार ढूंढ रहे प्लेटफॉर्म टिकट
जंक्शन पर प्लेटफॉर्म टिकट खरीदे बिना घूम रहे हजारों, नहीं होती कार्रवाई
रोजाना 5-8 हजार गैर मुसाफिर का जंक्शन पर आना, रेलवे को लग रही मोटी चपत औसतन 1500 की उम्मीद, महज 200-300 प्लेटफॉर्म टिकट ही बिक रहे रोजाना BAREILLY: ए कटेगरी का दर्जा पाए बरेली जंक्शन पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री का हाल सी कटेगरी स्टेशन जैसा है। रोजाना क्0 से क्ख् हजार की जनरल टिकट बेचने वाले जंक्शन के टिकट विंडों पर प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री का टोटा पड़ा है। बिना प्लेटफॉर्म टिकट खरीदे हजारों लोग जंक्शन के प्लेटफॉर्म क् से ब् तक बेधड़क घूम रहे। किसी तरह की चेकिंग न होने से असामाजिक लोगों का भी जमावड़ा जंक्शन पर लगा रहता है। इससे हर दिन न सिर्फ रेलवे को रेवेन्यू में मोटी चपत लग रही बल्कि जंक्शन की सुरक्षा में भी सेंध लग रही है। भ् फीसदी भी नहीं बिक्रीजंक्शन पर रोजाना भ्0 हजार से ज्यादा लोगों का जमावड़ा लगता है। इनमें ट्रेन से उतरने वाले और चढ़ने वाले मुसाफिर ही नहीं बल्कि उन्हें रिसीव व छोड़ने वाले उनके दोस्त-रिश्तेदार भी शामिल हैं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक करीब भ् से 7 हजार गैर मुसाफिर लोग रोजाना जंक्शन पर आते हैं। वहीं जनरल टिकट विंडों पर रोजाना ख्00 से फ्00 प्लेटफॉर्म टिकट ही बिक रहे। इस लिहाज से जंक्शन पर आने वाले गैर मुसाफिरों के अनुमान से भ् फीसदी प्लेटफॉर्म टिकट की भी बिक्री नहंी हो रही। इससे रोजाना रेलवे को करीब ख्भ् से फ्भ् हजार रुपए का रेवेन्यू लॉस हो रहा है।
नहीं लगता किसी पर जुर्माना रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जंक्शन पर जुटने वाली भीड़ को देखते हुए रोजाना कम से कम क्भ्00 प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री होनी चाहिए, जो कि नहीं होती। वहीं हर हफ्ते के सैटरडे को जंक्शन से मुंबई जाने वाली दादर एक्सप्रेस में अपनों को विदा करने वालों की भारी भीड़ जुटती है। लेकिन इनमें से कोई भी भ् रुपए का प्लेटफॉर्म टिकट नहीं लेता। रेलवे के अधिकारी समय समय पर बेटिकट मुसाफिरों के खिलाफ अभियान चलाते हैं, लेकिन कभी भी प्लेटफॉर्म टिकट चेकिंग का अभियान नहीं चला। इससे बिना टिकट जंक्शन पर बेधड़क घुमने वाले ख्भ्0 रुपए के जुर्माने से भी बचे रहते हैं। कम स्टाफ बना मुसीबतजंक्शन के सभी प्लेटफॉर्म पर मुसाफिरों के टिकट चेक करने की जिम्मेदारी टीटीई विभाग की है। मेन गेट पर एंट्री से लेकर सभी प्लेटफॉर्म पर चेकिंग न होने से बिना टिकट घुमने वालों की मौज रहती है। प्लेटफॉर्म पर टीटीई की मौजूदगी न होने की एक बड़ी वजह कम स्टाफ भी रहना है। टीटीई विभाग में कुल क्70 टीटीई के पद हैं, जिसमें से मौजूदा समय में ब्भ् खाली हैं। सिर्फ क्ख्भ् पर नियुक्तियां हैं। इसमें भी फ्क् मार्च को एक टीटीई के रिटायर्ड होने से एक और पद खाली हो जाएगा। कम स्टाफ के चलते टीटीई को कई बार ट्रेनों में डबल ड्यूटी करनी पड़ती है। इससे प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखने के लिए विभाग को टीटीई की कमी ख्ालती है।
दाम बढ़ने पर कम होगी बिक्री रेलवे मंत्रालय ने क् अप्रैल ख्0क्भ् से प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत भ् रुपए से बढ़कार क्0 रुपए करने का फैसला किया है। लेकिन अधिकारियों ने आशंका जताई है कि प्लेटफॉर्म टिकट के दाम दोगुना बढ़ाने पर इनकी बिक्री में और कमी आ जाएगी। वजह क्0 रुपए देकर लिए गए प्लेटफॉर्म टिकट पर सिर्फ ख् घंटे ही जंक्शन पर ठहरा जा सकेगा। वहीं रामगंगा, चनेहटी व रसूईया जैसे स्टेशन तक जाने का टिकट ही भ् रुपए का है। अधिकारियों को आशंका है कि ऐसे में लोग क्0 रुपए का प्लेटफॉर्म टिकट लेने के बजाए भ् रुपए का नजदीकी स्टेशन का टिकट लेने में ही दिलचस्पी दिखाएंगे। जिसमें वह पूरा दिन जंक्शन पर रह सकेंगे। --------------------जंक्शन पर बिना प्लेटफॉर्म टिकट घूमने वालों के खिलाफ स्पेशल ड्राइव चलाई जाएगी। जीएम के दौरे के समय ऐसी ड्राइव चलाई गई थी। अब समय समय पर प्लेटफॉर्म पर बिना टिकट वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। - आरबी सक्सेना, स्टेशन सुपरिटेंडेंट