कंगाल ही रह गए 'करोड़पति' पार्क
-पार्को के रेनोवेशन और मेंटनेंस की मुहिम पर शुरू में ही ब्रेक
-वन विभाग से नहीं हुई पौधों की खरीद, किसी पार्क में न लगा पौधा -तीन कॉलोनीज में पौधे लगाने की योजना ठप, स्टाफ की कमी आड़े आईBAREILLY: पहले तो कई साल तक शहर की खत्म होती हरियाली पर नजर ही नहीं गई। जब दम तोड़ते पार्को और शहर से सिमट रही हरियाली की तस्वीर दिखाई तो नींद से जागे। नगर निगम के बड़े मुखिया ने पार्को का इंस्पेक्शन भी किया और चिंता भी जताई। कंक्रीट में बदल चुके शहर में हरियाली की चादर भी जगह पाए इसके लिए नगर निगम ने एक ऐतिहासिक कदम भी उठाया। पहली बार पार्को को अपने रख रखाव के लिए क् करोड़ रुपए का बजट मिला। उम्मीद जगी कि इस संजीवनी से दम तोड़ रहे पार्को को नई जिंदगी मिलेगी, लेकिन महीना भर बीतने के बावजूद शहर के किसी भी पार्क को न तो नया पौधा मिला और न ही उनकी बदहाली दूर करने की कोशिश शुरू हुई। अपने दिन संवरने की आस में पड़े शहर के यह करोड़पति पार्क अब भी कंगाल ही रह गए है।
किस काम का यह बजटआई नेक्स्ट ने शहर के बदहाल, जर्जर और खत्म हो रहे पार्को को बचाने की मुहिम शुरू की। मेयर डॉ। आईएस तोमर ने इस मुहिम में अपना साथ दिया। पार्को की बदहाली पर चिंता ही नहीं जताई बल्कि पहली बार ख्8 जून को निगम की बोर्ड बैठक में पार्को के लिए अलग से क् करोड़ रुपए का बजट भी पास कराया। तब से ब् हफ्ते बीत गए, लेकिन पार्को की मेंटनेंस व रेनोवेशन के लिए क् पैसा भी इस्तेमाल में नहीं लाया जा सका है।
नहीं हुई पौधों की खरीद निगम ने शहर के पार्को के रेनोवेशन व मेंटनेंस के लिए एनवॉयरमेंट इंजीनियर को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। एनवॉयरमेंट इंजीनियर को सभी पार्को का सर्वे करने और उनकी रिपोर्ट बनाने के निर्देश भी दिए गए। मेयर ने इन पार्को में लगाए जाने को वन विभाग से नए पौधे लिए जाने के भी निर्देश दिए। फाइलों में ख् लाख रुपए के पौधे खरीदे जाने का प्रस्ताव तो बना लिया गया, लेकिन फिलहाल एक भी पौधे की खरीद नहीं हो सकी। कॉलोनी में नहीं िदखे पौधेफ् जुलाई को मेयर ने शहर की तमाम कॉलोनियों में भी पौधे लगाए जाने की बात कही। इस मुहिम के तहत शहर के तीन एरिया रामपुर गार्डेन, सिविल लाइंस और राजेन्द्र नगर के हर घर के आगे एक एक पौधा लगाए जाने की योजना बनी। इसके लिए इन कॉलोनी का सर्वे कराए जाने के भी फरमान दिए गए, लेकिन तीन हफ्तों बाद यह योजना कागजों में ही हरियाली बढ़ाती रही। इनमें से एक भी कॉलोनी का न तो कोई सर्वे हुआ और न ही कहीं एक भी पौधा लगाया जा सका।
योजनाओं की फेहरिस्त में यह भी नगर निगम शहर में भले ही अब तक हरियाली बढ़ाने में नकारा साबित हुआ हो, लेकिन कागजों में योजनाओं को हरा भरा बनाने में जिम्मेदारों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। पार्क और कॉलोनी को हरा भरा बनाने वाला निगम अब फाइलों में शहर के तमाम नए डिवाइडर में भी हरियाली उगाने की योजना बना चुका है। इन नए डिवाइडर्स में भ्000 पौधे लगाए जाने की योजना बनी है। जिनमें चार रंगों के बोगनवेलिया पौधे लगाए जाएंगे। फिलहाल निगम के आला मुखिया अगस्त के पहले पखवाड़े में पार्को सहित शहर में हरियाली की बयार बहाने की कवायद तेजी से शुरू होने के दावे कर रहे हैं। -ईद के बाद क्भ् दिन के पूरे पखवाड़े पार्को और निगम की ओर से चिन्हित जगहों पर ख् लाख रुपए के पौधे लगाए जाएंगे। एनवॉयरमेंट इंजीनियर की ओर से पार्को के सर्वे की पूरी रिपोर्ट मिल गई है। हर पार्क के रेनोवेशन के लिए अलग से एस्टीमेट तैयार होगा। स्टाफ की कमी के चलते कॉलोनी में पौधे लगाने की मुहिम शुरू नहीं हो पा रही।
- डॉ। आईएस तोमर, मेयर अगस्त के पहले हफ्ते से पार्को के सिविल वर्क का काम शुरू कराया जाएगा। अधिकारियों को अगस्त में सभी पार्को की जरूरत के मुताबिक रेनोवेशन का काम पूरा कराए जाने के निर्देश दिए है। वहीं सितंबर के आखिर में इनके रंग रोगन का काम शुरू होगा। पार्को की स्थिति की समीक्षा रिपोर्ट मांगी गई है। जल्द ही काम दिखेगा। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त