'यूवी' जला रहा शरीर

गर्मी की तपिश जहां लोगों को बैचेन कर रही है, वहीं खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी अल्ट्रावायलेट रेज शरीर को झुलसा रही है। सिटी में एकाएक बढ़े अल्ट्रावायलेट रेज का लेवल बड़ी चिंता है। एक्सपर्ट का कहना है कि इससे बचने का एक ही तरीका है कि कम से कम धूप में निकलिए। अंदर चलिए आपको बताते हैं इस खतरनाक यूवी रेज और इसके नुकसान के बारे में

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- वेदर वेबसाइट के मुताबिक सिटी का यूवी इंडेक्स खतरनाक लेवल पर पहुंचा

-कई वेबसाइट में 12 तक पहुंचा यूवी इंडेक्स का लेवल

- एक्सपर्ट के मुताबिक धूप नहीं, बल्कि अल्ट्रावायलेट रेज बढ़ने से हो रहा शरीर जलने का अहसास

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

सिटी में अल्ट्रावायलेट रेज का लेवल बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। ऐसे में आपकी थोड़ी सी भी लापरवाही आपको हॉस्पिटल तक पहुंचा सकती है। फिलहाल, इस साल बढ़े यूवी के लेवल से मौसम एक्सपर्ट भी चिंता में हैं। उनका कहना है कि लास्ट ईयर की तुलना में इस साल अल्ट्रावायलेट लेवल में चौंकाने वाली बढ़ोत्तरी हुई है। यह सेहत के लिए खतरनाक है। ऐसे में बेहतर होगा कि खुद को जितना सेफ कर पाएं, कर लीजिए।

रेज जला रही शरीर को

लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विभाग निदेशक डीके गुप्ता के मुताबिक अमूमन पारा पिछले करीब 10 वर्षो से मई और जून में 40-46 के बीच दर्ज किया जा रहा था, लेकिन इतनी तीखी धूप का असर कभी भी लोगों को नहीं हुआ। जबकि इस वर्ष धूप में जलन, तपन और हल्की हवा के बावजूद थपेड़े का एहसास दे रही है, इसकी वजह टेम्प्रेचर से ज्यादा यूवी रेज है। उनके मुताबिक पिछले वर्ष जहां यूवी इंडेक्स 6 के भीतर ही रहता था तो इस बार एवरेज इंडेक्स 9 के पार पहुंच रहा है। कई वेदर वेबसाइट में यह आकड़ा 12 तक भी दर्शाया गया है।

बढ़ गया इंडेक्स

इंटरनेट पर वेदर का हाल चाल बताने वाली तमाम वेवसाइट्स के भी आंकड़ों में यूवी लेवल प्लस में जा रहा है। इसमें द वेदर चैनल, मीटियोविस्टा, वेदर ऑनलाइन, एक्यू वेदर, इंडियन मीटरोलॉजी डिपार्टमेंट जैसी ही अन्य वेवसाइट वेदर एजेंसीज के मुताबिक शहर का यूवी इंडेक्स 9 प्लस हो चुका है। जो यूवी रेडिएशन की एक्सट्रीम कैटगरी के दायरे में पहुंच रहा है। वेवसाइट्स के मुताबिक अगले एक सप्ताह के वेदर फोरकास्ट के अनुसार 7 जून तक शहर का यूवी इंडेक्स 9 तक ही रहने की संभावना जताई है।

रेडिएशन बढ़ा रहा मानसिक तनाव

रेडिएशन ज्यादा हो या कम खतरनाक होता। वहीं, डॉक्टर्स और मौसम विभाग के मुताबिक यूवी रेडिएशन के लगातार एक्सोपजर से स्किन। आंख और इम्यून सिस्टम के लिए काफी खतरा है। रेडिएशन के ओवर एक्सपोजर से सनबर्न, कैटरेक्ट और आंखों से जुड़ी अन्य डिजीज, स्किन कैंसर और स्किन डैमेज का खतरा रहता है। यूवी एक्सपोजर से इम्यून सिस्टम पर भी असर पड़ता है। इम्यून सिस्टम पर असर पड़ने से न‌र्व्स टूटती हैं, जो कन्संट्रेशन को कम करती है और हल्के घावों में इंफेक्शन पैदा करती हैं। रेडिएशन का सबसे ज्यादा इफेक्ट बच्चों और बुजुर्गो पर पड़ता है। जबकि युवाओं पर हल्के प्रभाव के बावजूद उनमें चिड़चिड़ापन, भ्रम की स्थिति, गुस्सा, मानसिक तनाव, बेचैनी, उत्तेजना बढ़ जाती है।

वेवसाइट यूवी इंडेक्स

एक्यु वेदर 7

दि वेदर चैनल 11

वेदर ऑनलाइन 12

मीटियोविस्टा 7

आईएमडी 9

यूवी इंडेक्स

यूवी इंडेक्स से अर्थ सर्फेस पर पहुंचने वाले यूवी रेडिएशन लेवल परखी जाती है। जो जीरो से शुरू होता है।

लेवल कैटगरी असर

0.2 लो किसी तरह का खतरा नहीं

3.5 मॉडरेट हल्का इफेक्ट लेकिन एहतियात जरूरी

6.7 हाई रेडिएशन का इफेक्ट दोपहर 2 से शाम 4

8.10 वेरी हाई दोपहर 12 से शाम 5 बजे के बीच जलन और तपन का एहसास

11 प्लस एक्सट्रीम सुबह 10 से शाम 6 बजे तक फुल प्रोटेक्शन अनिवार्य

यूवी ओवर एक्सपोजर के खतरे -

सनबर्न - यह शॉर्ट टर्म स्किन डैमेज का एक रूप है। इसमें स्किन लाल हो जाती है। स्किन में जलन, दर्द और स्वेलिंग होती है।

टैनिंग - रेडिएशन स्किन, हेयर, आई और मेलानिन पिगमेंट के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। मेलानिन बढ़ने से स्किन टोन डार्क होती है। टैनिंग कई अन्य स्किन डिजीज की वजह बनता है।

प्री मैच्योर स्किन एजिंग - इसमें स्किन में रिंकल्स, डार्क स्पॉट्स, हार्डेनिंग, इलास्टिसिटी कम होने के जैसी ही समस्याएं होती हैं। जिससे स्किन डल हो जाती है।

स्किन कैंसर - यूपी ओवर एक्सपोजर स्किन कैंसर की वजह बनता है।

फोटोकेराटाइटिस - इसमें आंखों में टेंपररी इंजरी होती है। आंखों में दर्द और बालू या बाल जैसा महसूस होता है। विजन कम होना, आईलिड्स में सूजन हो सकती है। इसके अलावा कैटरेक्ट्स ही होती है।

इम्यून सिस्टम सप्रेशन - इसमें इम्यून सिस्टम के प्रॉपर फंक्शनिंग को सप्रेस कर सकता है। इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है।

बचाव के तरीके

- दोपहर में घर से बाहर जाते वक्त लाइट कलर के कपड़े पहनें।

- कपड़ों से खुद को अच्छ से कवर करें।

- यूवी प्रोटेक्टेड सनग्लासेज का इस्तेमाल करें।

- बॉडी में पानी की कमी न होने दें। खूब पानी पिएं।

- बाइक ड्राइव करते वक्त हेलमेट जरूर लगाएं।

- बॉडी पर सन प्रोटेक्शन फैक्टर वाले संसक्रीम का इस्तेमाल करें।

- किसी भी तरह की जलन का एहसास होने पर डॉक्टर्स से संपर्क करें।

रेडिएशन सनबर्न, टैनिंग समेत स्किन और आंख से जुड़ी कई समस्याएं होती हैं। इस दौरान क्लिनिक में आंख और स्किन डिजीज के पेशेंट्स की तादाद बढ़ रही है। सनग्लास और खुद को कवर कर ही धूप में घर से बाहर निकलें। और दूसरी सावधानियां बरतना जरूरी है।

डॉ। सुदीप सरन, फिजिशियन

रेडिएशन एक्सपोजर का खतरा होता है। स्किन कैंसर की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। न‌र्व्स सिस्टम कमजोर पड़ने से मानसिक प्रॉब्लम भी बढ़ने का खतरा रहता है। धूप में निकलते वक्त अच्छी तरह कवर करें। सनस्क्रीम, सनग्लासेज और यूवी रे प्रोटेक्शन के साधनों का इस्तेमाल करें।

डॉ। राजीव गोयल, फिजिशियन

लास्ट इयर यूवी लेवल इंडेक्स 6 के पास दर्ज किया गया था। लेकिन इस वर्ष प्रदेश के सभी जिलों में इंडेक्स लेवल में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। यूवी लेवल बढ़ने में एसी, फ्रिज जैसे ही कूलिंग इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम का यूज और पेड़ों को काटकर कंक्रीट का जाल बिछाना भी मुख्य वजह हैं।

डॉक्टर डीके गुप्ता, आंचलिक मौसम अनुसंधान विभाग

Posted By: Inextlive