नये साल में टूटा ओपीडी का रिकॉर्ड
- मंडे को ओपीडी में पहुंचे 1300 से अधिक पेशेंट्स
- फीवर और कोल्ड की समस्या के अधिक पहुंचे पेशेंट्स बरेली : जिला अस्पताल में मंडे को ओपीडी में भारी संख्या में पेशेंट्स की भीड़ नजर आई, आलम यह था कि पिछले एक साल का रिकॉर्ड टूट गया, कोरोना के चलते जहां कम ही संख्या में पेशेंट्स जिला अस्पताल की ओपीडी में आ रहे थे, लेकिन मंडे को ओपीडी में पेशेंट्स की भारी भीड़ नजर आई। जिसके चलते कई बार डॉक्टर रूम के बाहर तैनात वार्ड ब्वाय से पेशेंट्स की नोकझोंक भी हुई। इतनी हुई ओपीडीसरकारी अस्पतालों में जुलाई के करीब ओपीडी शुरु करने के निर्देश शासन ने दिए थे, उस दौरान कोरोना का संकट भी गहराया हुआ था इसलिए कम ही संख्या में पेशेंट्स ओपीडी में आ रहे थे, पिछले महीनों की बात करें तो 300 से 600 पेशेंट्स की संख्या ओपीडी में रही लेकिन मंडे को पेशेंट्स का ग्राफ बढ़कर 1320 पहुंच गया। जिससे डॉक्टर्स के रूम के बाहर मरीजों की लंबी लाइन नजर आई।
फीवर और कोल्ड के पेशेंट्स अधिकडॉक्टर्स के अनुसार ओपीडी में मौसम में ठंडक बढ़ने के कारण फीवर और कोल्ड के पेशेंट्स अधिक संख्या में आए वहीं हार्ट और चेस्ट संबंधित पेशेंट्स की संख्या भी मंडे को अधिक रही।
गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां ओपीडी के दौरान पेशेंट्स की संख्या अधिक होने पर कोरोना से बचाव की गाइड लाइन भी तार-तार नजर आई, हालांकि स्टाफ सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाते नजर आया लेकिन पेशेंट्स की संख्या अधिक होने पर गाइड लाइन का पालन ठीक प्रकार से होता नजर नहीं आया। लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण ओपीडी में पेशेंट्स की संख्या बढ़ी है हालांकि हॉस्पिटल पेशेंट्स की सुविधाओं और इलाज के लिए संसाधन पूर्ण है। जो कमियां हैं वह दूर कराई जा रही है। डॉ। सुबोध शर्मा, एडीएसआईसी