वोटर कार्ड ने लगाया पासपोर्ट पर ब्रेक
केस वन। हुसैन बाग के रहने वाले इफ्तेखार हुसैन ने पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया था। आईडी प्रूफ के तौर पर उन्होंने अपना वोटर आईडी कार्ड डॉक्यूमेंट के साथ सबमिट किया। जब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर वोटर आईडी कार्ड की जांच की गई तो स्क्रीन पर 'नो रिकॉर्ड फाउंड' लिखकर आ गया। अब पासपोर्ट बनाने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
केस टू। कुछ ऐसा ही मामला चकमहमूद एरिया के रहने वाले हनी खान के आईडी प्रूफ के साथ भी है। उन्होंने भी पासपोर्ट बनवाने के लिए अपना वोटर आईडी कार्ड सबमिट कर रखा है, लेकिन जब आईडी प्रूफ की जांच की गई तो हनी की जगह किसी और का नाम इलेक्शन कमीशन की साइट पर लिखकर आ रहा है, जिसके चलते इनके पासपोर्ट पर भी फिलहाल ब्रेक लग गया है।केस थ्रू। रहमत वेग ने पासपोर्ट के लिए आईडी प्रूफ के तौर पर अपना वोटर आईडी कार्ड जमा कर रखा है। ठिरिया निजावत खां के रहने वाले रहमत वेग के वोटर आईडी कार्ड में भी ' नो रिकॉर्ड फाउंड' वाली ही प्रॉब्लम आ रही है। पासपोर्ट ऑफिसर्स की ओर से वोटर आईडी कार्ड की जांच में यह समस्या सामने आई। रहमत को पासपोर्ट की जल्दी है, लेकिन डॉक्यूमेंट में कमी के चलते मामला बीच में ही लटक गया है।
BAREILLY: इनके जैसे न जाने कितने अप्लीकेंट्स होंगे, जिनके वोटर कार्ड में इस तरह की प्रॉब्लम है। पासपोर्ट बनवाने के लिए मैक्सिमम अप्लीकेंट्स वोटर आईडी कार्ड को ही आईडी प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल करते है। लेकिन वोटर आईडी कार्ड में इस तरह की आ रही समस्या पासपोर्ट ऑफिसर्स के लिए टेंशन पैदा कर रही है। उन्हें इस बात कहा डर है कि, कहीं गलती से अप्लीकेंट्स को पासपोर्ट ना जारी हो जाए। हालांकि पासपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा डॉक्यूमेंट की बकायदा जांच के बाद ही अप्लीकेंट्स को पासपोर्ट जारी किए जाते है। मैक्सिमम लोग वोटर आईडी कार्ड ही पासपोर्ट बनवाने के लिए वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, बैंक के पासबुक, आधार कार्ड सहित अन्य कोई एक आईडी प्रूफ लगाए जा सकते हैं, लेकिन मैक्सिमम अप्लीकेंट्स पासपोर्ट के लिए वोटर आईडी कार्ड का ही इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि वोटर कार्ड अन्य आईडी प्रूफ की अपेक्षा अप्लीकेंट्स के पास आसानी से अवलेबल होते हैं। पासपोर्ट डिपार्टमेंट से जुड़े लोगों ने बताया कि पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने वाले भ्0 परसेंट से अधिक अप्लीकेंट्स इसी आईडी प्रूफ का इस्तेमाल करते हैं। नो रिकॉर्ड फाउंडवोटर कार्ड ने अप्लीकेंट्स के साथ-साथ पासपोर्ट ऑफिसर्स को भी परेशान कर दिया है। पासपोर्ट जारी करने से पहले जब ऑफिसर्स द्वारा डॉक्यूमेंट की जांच की जाती है तो आईडी प्रूफ के तौर पर जमा वोटर कार्ड पर आकर मामला लटक जाता है। वोटर कार्ड का नंबर जब इलेक्शन कमीशन की साइट पर डालकर सर्च किए जाते हैं तो 'नो रिकॉर्ड फाउंड' का मैसेज स्क्रीन पर फ्लैश होने लगता है।
जांच के लिए प्रशासन को ऑफिसर्स का कहना है कि इस तरह की समस्या आने पर एडमिनिस्ट्रेशन को वोटर कार्ड की कापी भेज दी जाती है। एडमिनिस्ट्रेशन से जांच करने के लिए कहा गया है। उन्होंने यह जानना चाहा है कि वोटर कार्ड फर्जी तो नहीं या फिर असली है तो इलेक्शन कमीशन की साइट पर डिटेल शो ना करने की क्या वजह है। तहसील के वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर से जांच के बाद ही सच्चाई का पता चल पाएगा कि, मामला क्या है। ऑफिसर्स का कहना है कि, अगल अप्लीकेंट्स द्वारा फर्जी आईडी प्रूफ लगायी गई है तो, मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।अप्लीकेंट्स द्वारा सबमिट किए जा रहे वोटर कार्ड में कई खामियां पायी गई हैं। जिसका कोई जिक्र आयोग की साइट पर नहीं रहता। सच्चाई का पता लगाने के लिए वोटर कार्ड की कापी एडमिनिस्ट्रेशन के पास भेज दी जाती है।
-राम सिंह, पासपोर्ट ऑफिसर, बरेली रीजन