दफ्तर का माहौल बयां कर रहा था सूरत-ए-हाल
BAREILLY: कौन बनाएगा सरकार, किसकी होगी हार और कौन किस पायदान पर रहेगा। इसका अंदाजा पार्टी कार्यालयों के सूरते हाल से साफ नजर आ रही थी। बरेली लोकसभा क्षेत्र के मुख्य पांचों प्रत्याशी जहां नरियावल में जीत के दावे और दम भर रहे थे। वहीं उनके पार्टी कार्यालय पर अलग ही नजारा था। बीजेपी कार्यालय में सुबह से ही लोगों का तांता था जबकि कांग्रेस कार्यालय पर इक्का दुक्का लोग ही नजर आए। बसपा कार्यालय पर दिनभर ताला लटकता रहा तो वहीं आप के कार्यालय का भी हाल कुछ ऐसा ही था, जबकि सपा कार्यालय पर पार्टी के पदाधिकारी चुनाव के ताजा नतीजों पर चुटकियां लेते रहे।
भाजपा- सुबह से ही थी जश्न की तैयारीबीजेपी के भारत सेवा ट्रस्ट कार्यालय पर सुबह 7 से क्क् बजे तक करीब क्00 से अधिक लोग मौजूद रहे, जो टीवी पर मौजूद चुनावी रुझान के ताजा आंकड़ों पर नजर गड़ाए थे। बाहर कुर्सियों पर बैठे लोग प्रत्याशी के जीत हार के समीकरण बिठाने में व्यस्त थे। वहीं कुछ समर्थक फोन से काउंटिंग एजेंट्स से वोट की गिनती का गुणा भाग लगा रहे थे। मोदी की लहर कहें या आत्मविश्वास, बीजेपी कार्यालय पर लोगों के लिए मुंह मीठा कराने के प्रबंध सहित खाने की व्यवस्था भी थी। जीत घोषित होने के बाद लहराए जाने वाले झंडों और पहनाने के लिए मालाओं की व्यवस्था हो रही थी। जैसे-जैसे नतीजे आ रहे थे पार्टी कार्यालय पर लोगों की भीड़ उमड़ती जा रही थी। दोपहर करीब ख् बजे के बाद जीत की उम्मीद पक्की होने पर सैंकड़ों की संख्या में मौजूद समर्थक हर-हर मोदी सरीखे नारेबाजी, झंडों का लहराना, पटाखों के शोर पर गाजे बाजे संग डांस करने लगे, जिससे कुछ देर जाम की स्थिति भी बनी रही।
सपा बस इक्का-दुक्का लोगों की मौजूदगी कार्यालय पर सुबह 7 से क्0 बजे तक एक दो गाडि़यां और दो चार लोग ही मौजूद रहे, लेकिन क्क् बजे के बाद काउंटिंग से पार्टी पदाधिकारियों के वापसी के बाद कुछ रौनक नजर आने लगी। हॉल में पड़ी राउंड टेबल के चारों ओर बैठकर पदाधिकारी और समर्थकों के साथ समीकरण का सम्मेलन चलने लगा। वहीं सामने लगी टीवी स्क्रीन पर आ रहे ताजा नतीजों पर भी समर्थकों की नजर लगी रही। नतीजों पर चुटकी लेते हुए आपस में ठहाकों का दौर शाम तक जारी रहा। बसपा दिनभर लटकता रहा तालायहां सन्नाटा छाया हुआ था। कार्यालय के अंदर लॉन में प्रत्याशी की होर्डिग्स को हवा ने बिखेर रखा था। सुबह जब कार्यालय पहुंचे तो केयर टेकर ताला लगा रहा था, जो दिनभर लटकता रहा।
कांग्रेस जीत से होती दूरी से और उमड़ने लगे लोग सुबह करीब साढ़े छह बजे भारी समर्थकों के साथ काउंटिंग स्थल की ओर रवाना होने के बाद कार्यालय पर सन्नाटा सा छाया रहा। लॉन में कुर्सियां खाली पड़ी रही। लेकिन गाडि़यों की लंबी कतार परिसर में लगी रही। मौजूद दो से तीन समर्थक हर घंटे चुनाव नतीजों को जानने में लगे थे। साथ ही काउंटिंग से वापस लौटने वाले एजेंट्स के लिए भोजन के पैकेट्स भी तैयार कर रहे थे। दोपहर करीब दो बजे एजेंट्स के लौटने के बाद आपस में बूथ वाइज वोट परसेंटेज की समीक्षा होने लगी। काउंटिंग स्थल पर जैसे जैसे जीत से दूरी बढ़ रही थीे कार्यालय पर लोगों की संख्या में इजाफा होने लगा। आप अंधेरे में खामोश रहा कार्यालयअंधेरे से सराबोर कार्यालय में मौजूद एक समर्थक फोन से काउंटिंग स्थल से लाइव अपडेट लेता हुआ दिखाई दिया। सभी कुर्सियां और केबिन खाली थीं। दोपहर क् बजे तक कार्यालय पर पूरी तरह सन्नाटा था। इसके बाद आंवला और बरेली लोकसभा प्रत्याशियों का समर्थकों के साथ वापस आने के बाद थोड़ी हलचल दिखाई दी। शाम तक मौजूद दोनों लोकसभा क्षेत्रों के कैंडीडेट समर्थकों के साथ बिना किसी से बात किए, खामोशी से टीवी पर जनता के फैसले को देखने में मशगूल और कुबूल करते रहे।