माननीयों की निधि पर सरकार की कैंची
- पिछले साल मिले ढाई करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाई कार्यदायी संस्थाएं
- 60 फीसद काम धरातल पर दिखने के बाद ही जारी होती है अगली निधि BAREILLY:सांसद निधि के कार्यो को समय पर काम पूरा न कराने पर भारत सरकार ने बरेली सांसद संतोष गंगवार व आंवला सांसद धर्मेद्र कश्यप की सांसद निधि जारी नहीं की। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को सांसद निधि के रूप में 2.5 करोड़ रुपए मिले थे, जिनसे 55 विकास कार्यो होने थे। निर्माण कार्य के लिए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग रकम जारी की गई, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। वहीं, 27 कार्य शुरू ही नहीं हो सके। दूसरी ओर आंवला सांसद धर्मेद्र कश्यप को निधि के रूप में 1.5 करोड़ रुपए मिले थे, जिससे 17 कार्यो कराने थे। डीआरडीए ने 1.44 करोड़ रुपये आरइएस, डीसीओ व नेडा को निर्माण के लिए दिए। स्वीकृत कामों में 6 कार्य शुरू ही नहीं हो सके और बाकी कामों की गति भी धीमी है। कार्य प्रगति की जमीनी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई तो सांसदों की निधि जारी करने पर रोक लगा दी गई। सीडीओ शिव सहाय अवस्थी ने बताया कि 60 फीसदी काम होने पर ही अगली निधि जारी की जाती है। कार्यदायी संस्थाओं को कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।