शहर के पार्को के लिए 2 करोड़ का बजट पास, सिर्फ 16 फीसदी हुआ खर्च

फरवरी तक 36.10 लाख रुपए लगे पार्को के रेनोवेशन में, एक भी नहीं संवरा

BAREILLY:

ग्रीन बरेली का नारा बुलंद कर शहर में हरियाली की विरासत सहेजने की नगर निगम की कवायद सूख रही है। शहर के पार्को को बदहाली से उबारकर वापस हरा भरा बनाने के लिए निगम ने जोर शोर से ख् करोड़ का बजट तो पास किया। लेकिन यह पैसा फाइलों से निकलकर पार्को को फिर सेहतमंद बनाने में खर्च नहीं किया जा सका। पहली बार पार्को के लिए अलग से बजट की व्यवस्था कर ख् करोड़ रुपए जुटाए गए। लेकिन जब फंड खर्च कर काम कराने की बारी आई तो जिम्मेदार महज फ्म्.क्0 लाख रुपए ही हरियाली संवारने में लगा सके।

8 महीने क्म् फीसदी बजट खर्च

नगर निगम की ओर से जून ख्0क्ब् के आखिर में बोर्ड बैठक में पार्को के लिए अलग से बजट जारी होने का प्रपोजल पास किया गया था। बैठक में पार्को के रेनोवेशन व ब्यूटीफिकेशन के लिए क् करोड़ रुपए पास किए गए। कुछ ही हफ्तों बाद मेयर डॉ। आईएस तोमर ने बजट को बढ़ाकर ख् करोड़ रुपए कर दिया। जिससे शहर की हरियाली को बचाने में पैसों की हरियाली कम न पड़े। बहरहाल जुलाई ख्0क्ब् से लेकर फरवरी ख्0क्भ् तक म् महीनों के दौरान जिम्मेदार ख् करोड़ के बजट का महज क्म् फीसदी ही खर्च कर सके।

फाइलों में बजट पूरा

शहर के पार्को को संवारने में भले ही निगम के जिम्मेदार मिले बजट को खर्च न कर सकें हो, लेकिन दस्तावेजों में इसके खर्च का पूरा एस्टीमेट दर्ज है। निगम की ओर से ख् करोड़ से जिन पार्को को रेनोवेट करने का काम कराया जाना है, उस पर बजट सील लग चुकी है। लेकिन बजट सील लग जाने के बावजूद कई काम अभी शुरू भी नहीं हो सके है। वहीं कई निर्माण अधूरे हैं, जिनके पूरा न होने के चलते पैसा खर्च ही नहीं किया जा सका है। इन निर्माण कार्यो में सबसे ज्यादा पार्को की मेंटनेंस, रंगाई पुताई व फुटपाथ-रेलिंग का निर्माण कार्य शामिल है।

आधे पार्क भी नहीं मुहिम में

शहर में निगम सीमा के तहत क्0ख् छोटे बड़े पार्क हैं। जिनका रेनोवेशन होना हैं। इनमें से कुछ पार्क निजी संगठन व संस्थाओं ने गोद लिए थे। बावजूद इसके पार्को की हालत में सुधार नहीं रहा। ख् करोड़ के बजट से लगभग ब्भ् पार्को के रेनोवेशन के प्रस्तावों पर बजट सील लगी है। वहीं भ्0 से ज्यादा पार्क अब भी अपनी खामियां दूर होने की राह ताक रहे हैं। हालांकि निगम ने वित्तीय वर्ष ख्0क्भ्-क्म् में पार्को के लिए बजट की व्यवस्था ख् करोड़ से बढ़ाकर फ् करोड़ तक कर दी है। जिससे बचे हुए पार्को के दिन बहुरने की उम्मीद है।

निगहबान को किया नजरअंदाज

पार्को के रेनोवेशन की कवायद शुरू होते ही मेयर ने एनवॉयरमेंट इंजीनियर उत्तम कुमार वर्मा को इस प्रोजेक्ट की देखरेख का जिम्मा सौंपा है। पार्को के प्रस्तावों की बजट सील तो एनवॉयरमेंट इंजीनियर की मौजूदगी में लग रही लेकिन कहां कितना काम हुआ और प्रोग्रेस रिपोर्ट कैसी है, इसकी जानकारी सिर्फ निर्माण विभाग को है। पार्को में ग्रीन प्रोग्रेस की कवायद को कोई रिपोर्ट एनवॉयरमेंट इंजीनियर से साझा नहीं की जाती। एनवॉयरमेंट इंजीनियर ने तीन महीने पहले नगर आयुक्त के पास इस संबंध में एक अपील भी की, जिसमें उन्हें पार्को के मेंटनेंस से जुड़े खर्च का हिसाब होने का अधिकार मिले। लेकिन इस अपील पर नगर आयुक्त की सहमति नहीं मिली।

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शहर में निगम के पार्क - क्0ख्

पार्को के लिए बजट - क् करोड़, जून ख्0क्ब्

पार्को के लिए रिवाइज्ड बजट - ख् करोड़, अक्टूबर ख्0क्ब्

फरवरी ख्0क्ब् तक बजट खर्च - फ्म्.क्0 लाख

पार्को के लिए नया बजट - फ् करोड़, वित्तीय वर्ष ख्0क्भ्-क्म्

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पार्को के रेनोवेशन की मुहिम में काम हो रहा है। कुछ पार्को में काम पूरा हुआ है। बजट से जो पैसा खर्च नहीं हो सका है, उस पर बजट सील लग चुकी है। कई काम का भुगतान नहीं हो पाया है। इस बार से तीन करोड़ रुपए से पार्को की सूरत संवरेगी। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर

Posted By: Inextlive