पानी के काले कारोबार में GRP!
सच्चाई आई सामनेसैटरडे को असलियत की पड़ताल करने आई नेक्स्ट टीम ने बरेली जंक्शन का दौरा किया। जंक्शन स्थित जीआरपी थाने पहुंचने पर यह बात बिल्कुल सही साबित हुई। अवैध पानी की बोतलें जीआरपी थाने में रखी गई थी। जीआरपी थाने में जब्त कारों के पीछे पानी की कई बोतलें थीं। एक वेंडर प्लास्टिक की केन में बर्फ रखने का काम कर रहा था। उसे जब शक हुआ तो वो केन को वहीं छोड़कर भाग खड़ा हुआ। जीआरपी थाना सबसे सेफ
जंक्शन पर रेल नीर के अलावा एक्वाफिना, बिसलेरी और किनले जैसी गिनी चुनी पानी की बोतलों को ही बिक्री के लिए अधिकृत किया गया है। जबकि अवैध वेंडर इन कम्पनियों की जगह खुद से किसी अन्य कम्पनी के प्लास्टिक की बोतल में नॉर्मल पानी भर कर बेच रहे हैं। एक वेंडर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जंक्शन पर आए दिन सीआईटी या अन्य दूसरे ऑफिसर्स की मौजूदगी में वेंडर्स के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। ऐसे में जीआरपी सबसे सेफ जगह है। जीआरपी कर्मी इस फैसिलिटी के लिए वेंडर्स से कुछ सुविधा शुल्क भी वसूलते हैं। ट्रेन जब आती है तो वेंडर जीआरपी की ओर से प्लास्टिक की केन में पानी की बोतलें लेकर उसे ट्रेन में सेल करते हैं और ट्रेन के जाते ही फिर उसे जीआरपी में रखकर बाहर निकल जाते हैं।पहले ही मिलती है चेकिंग की जानकारीएक वेंडर ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रॉब्लम हमें उस दिन होती है, जब रेलवे का कोई भी बड़ा ऑफिसर जंक्शन का दौरा करता है। ऑफिसर्स के आने की जानकारी हमें रेलकर्मियों से एडवांस में ही मिल जाती है, जिसके चलते रजिस्टर्ड वेंडर के पास रेल नीर की बोतलें दिखने लगती हैं। ऑफिसर्स के जाते ही हम फिर अपने काम में जुट जाते हैं। जंक्शन पर कुछ ही कंपनियों की पानी की बोतलों को बिक्री के लिए परमिट दिया गया है। उसके अलावा अगर कोई भी बोतलें बिकती हैं तो गैरकानूनी है। ऐसे में जब जीआरपी ही उनको शह देगी तो हमारा अभियान कैसे सफल हो सकेगा। -मोहम्मद बिलाल, सीआईटी, बरेली जंक्शनहो सकता है चेकिंग के दौरान किसी वेंडर द्वारा सामान को मालखाने में खड़ी गाडिय़ों के पीछे छिपा दिया गया हो। मामला संज्ञान में आने पर कार्रवाई होगी। -वशिष्ठ सिंह यादव, इंस्पेक्टर, जीआरपी, बरेली जंक्शनReport by: Amber Chaturvedi