BAREILLY: गर्मी के तेवर इस बार पिछले रिका‌र्ड्स से ज्यादा तीखे क्या हुए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ने अपने स्टाफ को एसी की सौगात दे डाली। स्टाफ की वर्किंग क्वालिटी बढ़ाने के लिए उन्हें सुविधाएं दिया जाना बेहद जरूरी है। इस लिहाज से सीएमएस ऑफिस में पहली बार स्टाफ रूम में दो एसी लगवाने की व्यवस्था की गई। लेकिन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की यह दरियादिली सिर्फ अपने स्टाफ तक ही सीमित रही। जबकि वार्ड में एडमिट सैकड़ों मरीज गर्मी से बेहाल हैं। जून शुरू होने के बावजूद हॉस्पिटल के लगभग सभी वार्ड में मरीजों को गर्मी से राहत देने के इंतजाम नहंीं हैं। हॉस्पिटल में साहब और स्टाफ को एसी की ठंडक नसीब हो रही, जबकि मरीजों को कूलर तो दूर पंखे की हवा भी ठीक से मयस्सर नहीं।

बच्चा वार्ड में बिन फैन का कूलर

हॉस्पिटल में मरीजों के लिए गर्मी में राहत के इंतजाम की कलई बच्चा वार्ड से ही खुलनी शुरू हो जाती है। वार्ड में ख्9 बेड हैं। जिनमें कुछ दिन पहले तक डायरिया के केसेज की भरमार थी। डायरिया कंट्रोल हुआ तो बीमार नन्हे मुन्नों की तादाद कुछ कमी हुई। लेकिन गर्मी में राहत न मिली। ख्9 बेड वाले वार्ड में महज दो कूलर लगाए गए हैं। जो वार्ड के साइज के मुताबिक न के बराबर है। इसमें भी दो में से एक कूलर में फैन नहीं है। कूलर शोपीज की तरह वार्ड में सजा है, लेकिन इससे बीमार बच्चों व उनके परिजन को गर्मी से निजात नहीं मिलती।

किस काम के ऐसे एसी

हॉस्पिटल के सभी वार्ड में सिर्फ कॉर्डियोलोजी वार्ड ही इकलौता है जहां मरीजों को गर्मी से निजात देने के लिए कूलर नहीं बल्कि एसी की व्यवस्था की गई है। लेकिन इसके लिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की तारीफ करने से पहले रुकें। दो सेक्शन वाले वार्ड में कुल क्0 बेड हैं। जिनमें दो एसी लगे हैं। लेकिन एक सेक्शन में काफी लंबे समय से एसी खराब पड़ा हुआ है। वहीं भ् बेड वाले दूसरे सेक्शन में एसी ऑन होकर भी बिल्कुल ठंडक नहीं देता। हालंाकि उसका स्टेबिलाइजर ऑन रहता है। वार्ड में मरीज पंखे की हवा से गर्मी में ठंडक तलाशते है।

सर्जिकल वार्ड में कूलर भी नहीं

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सर्जिकल वार्ड का नजारा तो जिम्मेदारों की संवेदनशीलता की पूरी हद दिखाने के लिए काफी है। यहां सिर्फ मेल सर्जिकल वार्ड की ही बात करें तो कुल भ्ख् बेड हैं। दो हॉल में लगे ब्0 बेड पर मरीजों के लिए सिर्फ पंखे की व्यवस्था है। यहां नर्सिंग स्टाफ के लिए एक कूलर लगा है, लेकिन दोनों हॉल में मरीजों को एक भी कूलर मयस्सर नहीं। कूलर की ठंडक तो दूर मरीजों को पंखे की गर्म हवा भी ठीक से नसीब नहीं। यहां कुछ पंखे या तो खराब है या उनके पर मुड़े होने के चलते वर्किंग कंडीशन में नहीं।

इमरजेंसी में भी राहत नहीं

इमरजेंसी का हाल भी बहुत बेहतर नहीं। पूरे मंडल से आने वाले एक्सीडेंटल व गंभीर केसेज के लिए मेल व फीमेल ट्राईज में एक-एक कूलर लगा है। लेकिन क्ख्-क्ख् बेड वाले इन वार्ड में ठंडक के लिहाज से छोटे साइज के कूलर की हवा मरीजों को गर्मी से राहत देने के लिए नाकाफी है। हालांकि वार्ड के बगल में नर्सिंग स्टाफ के लिए एक कूलर व ईएमओ रूम और केबिन में एसी की अच्छी व्यवस्था है। कूलर लगा होने के बावजूद परिजन घायल या बीमार मरीज को हाथ का पंखा झलकर राहत देने की कोशिश करते हैं।

गर्मी से राहत के लिए हॉस्पिटल के वार्ड में इंतजाम किए गए हैं। कहीं अगर कोई कमी है या दिक्क्त है तो इसे सुधारा जाएगा। सभी वार्ड में पंखे व कूलर के इंतजाम की चेकिंग होगी।

- डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस

Posted By: Inextlive