Bareilly: आयुष के अपहरण की स्क्रिप्ट उसके घर गंगानगर के पास से ही लिखी गई थी. पड़ोसी ने ही आयुष व उसके पूरे परिवार की रेकी कर मढ़ीनाथ के जागन उर्फ जग्गा उर्फ अवनेश को दी थी. जग्गा ने बलवीर को खबर दी और आयुष का अपहरण कर लिया. पुलिस ने पड़ोसी की पहचान कर ली है लेकिन वह फरार है. एसओजी एसटीएफ व पुलिस की टीमें अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही हैं. बता दें कि अपहरण में शामिल गांव दासिया थाना परौर शाहजहांपुर निवासी बृजेश यादव को वेडनसडे रात शाहजहांपुर से बरेली लाया गया. थर्सडे को उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से 14 दिन की न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. आयुष के अपहरण में शामिल बाकी बदमाश पुलिस की पकड़ से काफी दूर निकल चुके हैं. पुलिस को उनकी लोकेशन अब दिल्ली की मिल रही है. थर्सडे पुलिस टीमें मुरादाबाद के चंदौसी में छापेमारी करने गई लेकिन उनके हाथ कुछ खास सफलता हासिल नहीं हुई.


15-15 हजार का ईनाम घोषित एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि एसटीएफ, एसओजी, एटीएस व थाना पुलिस की मदद से बृजेश को गिरफ्तार किया गया है। उसकी निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल कार व बाइक बरामद कर ली गई है। बृजेश के पास से एक तमंचा व 2 जिंदा कारतूस भी बरामद हुई हैं। बृजेश को आयुष की निगरानी के लिए लगाया गया था। आईजी के निर्देश पर बदमाश बलवीर यादव व जागन पर 15-15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है।  20 मार्च को थी ज्वॉइनिंगआरोपी बृजेश ने बताया कि उसने एमएससी की पढ़ाई कर रखी है। उसकी असम राइफल में जॉब लग गई थी। कॉल लेटर भी आ गया था, 28 मार्च से ज्वॉइनिंग थी। एक बार जागन ने उसकी मदद की थी, तब से जान पहचान थी। उसे आयुष की रखवाली करने की जिम्मेदारी मिली थी।पहले से रख रहे थे नजर


पुलिस सूत्रों की मानें तो आयुष की कॉलोनी के आस-पास रहने वाले व्यक्ति ने ही पूरी जानकारी दी। आरोपी करगैना चौकी एरिया में रहता था। पड़ोस में रहने वाले युवक ने जागन को बताया था कि गंगानगर कॉलोनी में एक लड़का रहता है। उसके पिता रेलवे में टीटी हैं.  मकान भी बनाया जा रहा है। बदमाशों ने चार-पांच दिन पहले से आयुष के स्कूल आने-जाने के टाइम पर नजर रखना शुरू किया था। मुनीष ने तानी थी गन अपहरण के समय बलवीर कार ड्राइव कर रहा था। कार में जागन, विनोद व मुनीष उर्फ सप्पे बैठा हुआ था। आयुष व रिक्शा चालक कालीचरण पर गन मुनीष ने तानी थी। डर की वजह से आयुष ने अपनी बहन वंशिका को पकड़ लिया था तभी कार से उतरकर विनोद ने उसे खींच लिया। कार की विंडो कर दी चेंज अपहरण में यूज कार क्रीम कलर की है। पुलिस ने जो कार बरामद की है उसका नंबर 24 एल 2568 है। लेकिन स्थानीय लोगों ने कार का जो नंबर नोट किया था वह यूपी 87 ए 7486 इंडिका विस्टा है। बदमाशों ने कार की नंबर प्लेट और लेफ्ट विंडो चेंज कर दी थी।ज्वैलर की कार का नंबर

जिस कार नंबर यूपी 87 ए 7486 की विंडो चेंज करके लगाई थी, उसके मालिक प्रवीण महेश्वरी हैं। प्रवीण नाथूराम मोहल्ला कासगंज के रहने वाले हैं। उनकी बालाजी ज्वैलर्स के नाम से शॉप है। प्रवीण ने लॉक हैंडिल व खिड़की की डेंटिंग व कलर से तुरंत पहचान लिया। प्रवीण ने बताया कि 11 जनवरी को ड्राइवर कालू उर्फ प्रेमपाल कार लेकर घर लौट रहा था। फर्रूखाबाद में वह कार साइड में खड़ी करके टॉयलेट गया था, तभी कोई कार लेकर चला गया। इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। आयुष के मामा पर हमलाआयुष घर सुरक्षित लौट आया लेकिन उसे घर पहुंचाने वाले मामा की जान पर खतरा मंडराने लगा है। वेडनसडे शाम फरीदपुर व टिसुआ के बीच नेशनल हाइवे पर मामा की कार पर बदमाशों ने हमला कर दिया। कार में तब आयुष का मामा अरविंद उर्फ बंटी, मौसी रमा, मौसा ओमप्रकाश यादव व अरविंद का भतीजा प्रेमपाल मौजूद थे। बदमाशों ने करीब सात राउंड फायरिंग की। एसएसपी का कहना है कि फायरिंग की घटना पर संदेह लग रहा है। बदायूं में भी था प्रथमअपहरण के बाद आयुष को बिनावर ले जाया गया। वहां दो घंटे रखने के बाद उसे जागन के घर कटरी ले जाया गया। कटरी में ही जागन का गांव है। किसी को ये ना पता चले कि आयुष को अपहरण करके लाया गया है इसीलिए उसेचार बच्चों के साथ रखा गया। यही बात आयुष ने भी बताई थी। बाइक पर आगे-पीछे लिखा है पुलिस

आयुष को लाल रंग की पल्सर बाइक से मंडे को सही सलामत बदायूं के अलापुर थाना की म्याऊं चौकी के पास छोड़ा गया था लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी। बाइक पर आगे व पीछे बड़े-बड़े अक्षरों में पुलिस लिखा है। साथ ही पीछे एक पुलिस का स्टिकर लगा है, जिस पर वाहन दुर्घटना के 10 कारण व उपाय लिखे हुए हैं। बाइक का नंबर भी पूरा नहीं दिख रहा। जो नंबर दिख रहा है वो यूपी 2 जेड 030 ही दिख रहा है। बीच के नंबर मिसप्रिंट हैं। बड़ा सवाल है कि यह बाइक किसकी है। पुलिस का कहना है कि अभी बाइक के रजिस्ट्रेशन के बारे में पता नहीं चल सका है ।मढ़ीनाथ में किराए पर रह रहा था जग्गा
आयुष अपहरण कांड के बाद एक बार फिर सिटी में किरायेदारों के वैरीफिकेशन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो जाते हैं। आयुष के अपहरण के मेन किरदारों में शामिल जागन उर्फ जग्गा सुभाषनगर के मढ़ीनाथ चौकी एरिया में किराए के मकान में रह रहा था। जागन के रूम पर कई बार बलवीर आया था। किरायेदार का पुलिस वैरीफिकेशन ना कराने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई वारदातों में इस तरह की बातें सामने चुकी हैं। इसी को देखते हुए पूर्व एसएसपी सत्येंद्र वीर सिंह ने सभी थाना क्षेत्रों में किरायेदारों का पुलिस वैरीफिकेशन कराने का निर्देश दिए थे लेकिन निर्देशों का पालन नहीं किया गया।

Posted By: Inextlive