समाज को सच की 'रोशनी' दिखाता रहा प्ले
- बीसीबी ऑडिटोरियम में देर शाम प्ले 'रोशनी' का हुआ मंचन
> BAREILLY: समाज की विकृत सोच को उभारने और उसे सच्चाई की लौ से रोशनी दिखाने का सफल प्रयास देर शाम बरेली कॉलेज में किया गया। जहां संडे को रंग प्रशिक्षु थिएटर ग्रुप की ओर से आफताब हुसैन के लिखे और गरिमा सक्सेना के निर्देशित प्ले 'रोशनी' का मंचन किया गया। समाज को आईना दिखाते प्ले को कलाकारों की परफार्मेस ने सजीव और सकारात्मक बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। प्ले के मंचन में रंग संयोजन, पार्श्वध्वनि समेत अन्य बैकग्राउंड स्टेज का बेहतरीन तालमेल दिखाई दिया। इस मौके पर शहर के गणमान्य समेत प्रशासन के आलाधिकारी भी मौजूद रहे। संतानहीनता का दोष स्˜ाी पर क्योंप्ले में निर्देशक और कहानीकार ने समाज की विकृत सोच पर चोट की है। जहां संतान न होने की स्थिति में सारा दोष केवल स्त्रियों के ऊपर ही मढ़ दिया जाता है, और फिर पुरुष की दूसरी शादी कर दी जाती है। वहीं, अगर दूसरी पत्नी से भी संतान न होने पर भाग्य का दोष बताकर परिवार और समाज शांत हो जाते हैं, लेकिन कभी भी कोई पुरुष के दोषी होने के बारे में कल्पना भी नहीं करता और स्त्री की पीड़ा अंतर्मन में दबी रह जाती है। प्ले के आखिरी तक समाज को आईना दिखाते हुए प्ले ने एक सवाल छोड़कर ऑडियंस से विदा लेता हैं।